काठमांडू,नेपाल: ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा केंद्र द्वारा शुभ दीपावली के अवसर पर शुभकामना लेन-देन तथा लक्ष्मी, सरस्वती और गणेश की चैतन्य झांकी का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह की मुख्य अतिथि बागमती प्रदेश की सामाजिक विकास मंत्री, माननीय हरिप्रभा श्रेष्ठ जी ने चैतन्य झांकी का दीप प्रज्वलन कर अनावरण किया और कहा कि दैवी गुणों और उच्च चरित्र के निर्माण हेतु शिक्षा में नैतिक मूल्यों, व्यावसायिक शिक्षा तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी का साथ होना आवश्यक है। तभी मानव समाज भौतिक समृद्धि, सुख-सुविधाएं, शांति, सद्भाव, सदाचार और अनुशासन से संपन्न होकर सही अर्थ में चिरस्थायी सुखदायी बन सकता है।
कार्यक्रम में नार्वेजियन यूनिवर्सिटी के प्रो. डॉ. विशाल सिटौला जी ने कहा कि दीपावली पर्व प्रकाश और लक्ष्मी के आह्वान का पर्व है, परंतु इसके लिए स्वयं के अंदर ज्ञान ज्योति का प्रकाश होना आवश्यक है। तभी स्थूल धनार्जन और उसका सही सदुपयोग किया जा सकता है। समारोह की सभाध्यक्ष राजयोगिनी राज दीदी जी ने कहा कि विकार रूपी आसुरी प्रवृत्ति के परिवर्तन के बाद ही मानव आत्मा में ज्ञान का उदय होकर वह विजयी बन सकता है, और तभी जीवन में स्थायी खुशहाली आ सकती है। दीपावली पर्व मानव आत्मा की संपन्नता और संपूर्णता की याद दिलाता है।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमार रामसिंह, ब्रह्माकुमार तिलक और ब्रह्माकुमार किशोर ने भी शुभ दीपावली पर्व पर अपने शुभ विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर भाई-बहनों ने भी संस्कृति को दर्शाते हुए नृत्य, संगीत और ध्योसी भैली नृत्य भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम बहुत सुंदर और सेवामुखी रहा जिसमें विदेशी आत्माएं भी सहभागी रहीं।