देहरादून, उत्तराखण्ड: 31 अक्टूबर 2024, देहरादून के सुभाष नगर सेवाकेन्द्र पर दीपावली का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास एवं आध्यात्मिक रीति से मनाया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे हुए भ्राता महेंद्र भट्ट जी (राज्यसभा सांसद, उत्तराखण्ड तथा प्रदेश अध्यक्ष- भाजपा ) , ने हाल ही में किए अपने माउन्ट आबू की यात्रा के सुखद अनुभव को सभा के बीच साझा किया। उन्होंने संस्था की गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा की, “मधुबन ” ( ब्रह्माकुमारीज का मुख्यालय, माउन्ट आबू, राजस्थान) एक ऐसा धाम है जहां जाकर मन की शान्ति का, संतुष्टी का गहन अनुभव होता है।
उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान केवल इसी से मनुष्य संतुष्ट हो जाता तो ब्रह्माकुमारीज जैसे आध्यात्मिक संस्थानों को आत्म संतुष्टि के लिए इतने प्रयास ना करने पड़ते। ये सुख – सुविधाएं केवल तन के सुख के पर्याय हैं, मनुष्य को सुखी रहने के लिए तन के सुख के साथ साथ, बुद्धि का सुख और मन का सुख और आत्मा का सुख भी चाहिए , जो ब्रह्माकुमारीज के द्वारा दी गई शिक्षा व आचरण से प्राप्त होता है। जो सुख मैने माउंट आबू में अनुभव किया और आज यहां आकर अनुभव कर रहा हूं। जिसके लिए मैं संस्था का आभारी हूं, और संस्था से जुड़े रहने की अभिलाषा रखता हूं।
देहरादून सर्किल प्रभारी राजयोगिनी बी के मंजू बहन जी ने दीपावली का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा की, “दीपावली” जगमगाते हुए दीपों की रोशनी का त्यौहार है। इस पर्व के हर एक रीति रिवाज के पीछे आध्यात्मिक रहस्य है जिसे जानकर हम अपने जीवन को एक नई सोच और नई दिशा दें और नए युग के आगमन का शुभारंभ करें, अपने आत्मिक स्वरूप को जानकर महाजयोति परमात्मा से जुड़कर अपना आत्मा रुपी दिया जगाएं । परमात्मा के द्वारा दी जाने वाली राजयोग की शिक्षा को ग्रहण कर अपने आचरण को इतना श्रेष्ठ बनाएं, जिससे इस देव भूमि उत्तराखंड का हर नर – नारायण और हर नारी- लक्ष्मी के सामान बन जाएं , और ये देवभूमि वास्तव में देवी देवताओं के निवास की भूमि बन जाएं , ये देवभूमि नाम सार्थक हो जाए। अतः राजयोग के द्वारा जीवन में खुशियों के दीप जलाएं और सच्ची दीपावली मनाएं।
हरिद्वार सेवाकेंद्र संचालिका राजयोगिनी बी के मीना बहन जी ने दीपावली के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा की दीपावली त्यौहार प्रतीक है अंधकार पर प्रकाश की विजय का, अज्ञान पर ज्ञान की विजय का। जिस प्रकार अंधकार में मनुष्य भटकता है, उसी प्रकार अज्ञानता में भी दुख, भय, चिन्ता के अंधकार में मनुष्य भटकता रहता है, इस अज्ञान अंधेरे को दूर करने वाला है, सत्य ज्ञान का प्रकाश, जो आत्मा के दीप जलने के बाद ही सुख ,शांति और समृद्धि के सवेरे अर्थात सतयुग के रूप में प्रत्यक्ष होता है। वही सच्ची दीपावली होगी,जबकी हर आत्मा की ज्योत जगी होगी। राजयोग के द्वारा जीवन में खुशियों के दीप जलाएं और सच्ची दीपावली मनाएं।
दीपावली के इस कार्यक्रम में संस्था से जुड़े छात्र, छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। जिसमें मुख्य रूप से स्वाति राणा, अक्षिता , शिवांगी, अयाना, अनन्या और सनातन शामिल रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन बी के सुशील जी ने किया।