भोरा कलां : भारतीय सेना एवं सुरक्षा बलों के लिए आयोजित तीन दिवसीय सेल्फ एम्पावरमेंट कार्यक्रम का समाप

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 डर और भय मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु – बीके शिवानी
– भारतीय सेना एवं सुरक्षा बलों के लिए आयोजित तीन दिवसीय सेल्फ एम्पावरमेंट कार्यक्रम का समापन
– अधिकारियों एवं जवानों सहित 500 से भी अधिक लोग हुए सम्मिलित

भोरा कलां-गुरुग्राम,हरियाणा।
शरीर के साथ-साथ मन की एक्सरसाइज़ बहुत जरूरी है। मन की एक्सरसाइज़ न होने के कारण मन दूसरों के व्यवहार से जल्दी प्रभावित होता है। उक्त विचार सुप्रसिद्ध प्रेरक वक्ता बीके शिवानी ने भारतीय सुरक्षा बलों के लिए आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। ब्रह्माकुमारीज़ के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में सेल्फ एंपावरमेंट विषय पर तीन दिवसीय डायलॉग में उन्होंने ये बात कही।
उन्होंने कहा कि अपने मन के विचारों के निर्माता हम स्वयं हैं। चिंता भी वास्तव में एक सोच है। सोच हमारी खुद की ही च्वाइस है। एक शक्तिशाली मन ही चिंता मुक्त हो सकता है। कमजोर मन छोटी सी बात से भी घबरा जाता है। डर और भय मनुष्य आत्मा के सबसे बड़े शत्रु हैं। जो मन में विचारों की गति को बढ़ा देते हैं।

बीके शिवानी ने कहा कि हमें सभी के लिए अच्छा सोचना है। क्योंकि जो हम दूसरों को देते हैं वही लौटकर आता है। कोई भी बात हमें दुखी नहीं कर सकती। लेकिन किसी की कही हुई बात को बार-बार सोचने के कारण मन कमजोर हो जाता है। दुआएं सबसे बड़ी सुरक्षा हैं। विपरीत परिस्थितियों में दुआएं ही ताकत बन जाती हैं।

कार्यक्रम के समापन सत्र में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक के एम यादव ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था देश के सैनिकों का मनोबल बढ़ाने का सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज जिन परिस्थितियों से सैनिक जूझ रहे हैं, उसमें आध्यात्मिक बल बहुत जरूरी है।

सीजीडीए देविका रघुवंशी ने कहा कि वो 6 वर्षों से राजयोग का अभ्यास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि योग से उनके जीवन में एक महान परिवर्तन आया। उन्होंने कहा कि योग हमारे व्यवहार को बहुत सरल और सहज बनाता है।  योग हमें देने की भावना सिखाता है।

इस अवसर पर ओआरसी की निदेशिका आशा दीदी ने अपने आशीर्वचन से सभी को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सैनिक जब सीमाओं पर होते हैं, तब ही हम चैन से सो सकते हैं। कठिनाइयां हमारी शक्ति को बढ़ाने के लिए आती हैं। उन्होंने कहा कि परमात्मा से योग लगाना बहुत सहज है। उसके लिए सिर्फ दिल की सच्चाई और सफाई की जरूरत है। राजयोगिनी शुक्ला दीदी ने भी अपने प्रेरणादाई वक्तव्य से सबको संबोधित किया।

अधिकारियों और जवानों ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस प्रकार के वातावरण में आने से उन्हें एक विशेष ऊर्जा का अनुभव हुआ। सभी ने माना कि योग से आत्मा की चार्जिंग होती है।

तीन दिवसीय कार्यक्रम में सुरक्षा बलों के अधिकारियों और जवानों को राजयोग की बारीकियां बताई गई। संस्था के अनुभवी वक्ताओं द्वारा ईश्वरीय ज्ञान के गुह्य रहस्यों को स्पष्ट किया गया। सभी ने सुरक्षा बलों के समक्ष आने वाली चुनौतियों के बारे में चर्चा की। बीके सारिका ने मंच संचालन किया। अधिकारियों और जवानों सहित 500 से भी अधिक लोग कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

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