सरायपाली (छत्तीसगढ़):
आज समाज देश और विश्व की स्थिति को हम देख रहे है भौतिक विकास तेजी से हो रहा है | भौतिक विकास से समाज विकसित नहीं होता बल्कि नैतिक शिक्षा से मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक विकास होगा |उन्होंने कहा कि शिक्षा एक बीज है और जीवन एक वृक्ष हैं जब तक हमारे जीवन रूपी वृक्ष को नम्रता ,धैर्यता ,भाईचारा ,आपसी स्नेह, सत्यता इमानदारी आदि सद्गुण रूपी फल नहीं आते तब तक हमारी शिक्षा अधूरी है। नैतिकता से हमारे व्यवहार संस्कार में निखार आता है| उक्त उदगार माउंट आबू से ब्रह्माकुमारी के पधारे हुए बी के भगवान भाई जी ने कहे |
· स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र , सरायपाली (छत्तीसगढ़)
· सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नैतिक शिक्षा का महत्व विषय पर कार्यक्रम में बोल रहे थे |
कुसंग, व्यसन, सिनेमा और फैशन से आज की युवा पीढ़ी भटक रही है जिससे वर्तमान समय अपराध बढ़ते जा रहे हैं| उन्होंने बताया कि नैतिक शिक्षा और आध्यात्मिकता से ही युवा पीढ़ी को सही दिशा मिल सकती है |नैतिक शिक्षा से ही मानवीय मन में रचनात्मक और सकारात्मक चेतना का विकास होता है |
भगवान भाई ने कहा कि नैतिक शिक्षा से समाज मैं फैली हुई ईर्ष्या घृणा नफरत वैर विरोध और अहंकार को नष्ट किया जा सकता है ।संस्कारित शिक्षा की कमी ही वर्तमान समय अपराधों के मुल कारण है |उन्होंने कहा कि हम विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन समाज में फैली हुई दुर्भावना और हिंसा चिंता का विषय है |
· प्रभारी स्थानीय ब्रह्माकुमारीज बी के अहिल्या बहन जी ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में सामना कर तनावमुक्त बनने के नैतिक शिक्षा की जरूरत है अपराध मुक्त बनने के लिए आत्मानुभूति की आवश्यकता है |
· बी के योगेश्वरी बहन जी ने ब्रह्माकुमारी संस्था का परिचय दिया |
· प्रिंसिपल कामता प्रसाद जी ने कहा कि नैतिक शिक्षा की कमी के कारण मानसिक बीमारियां , शरीर की अनेक बिमारिया हो जाती है जीवन में रूखापन आता है |उन्होंने कहा नैतिक शिक्षा से बच्चो में संस्कार आते है ।
· कार्यक्रम में उपाध्यक्ष बिहारीलाल अग्रवाल, आचार्य त्रिलोकचंदकर, प्रिंसिपल श्री रमेश , अमृतलाल मिश्रा भी उपस्थित थे भी उपस्थित थे |
· कार्यक्रम के अंत में बी के भगवान भाई जी ने मन को एकाग्र करने हेतु राजयोग मेडिटेशन कराया |