मुख पृष्ठदादी जीदादी हृदयमोहिनी जीस्वमान की सीट पर सेट होकर देखें हम कौन हैं…

स्वमान की सीट पर सेट होकर देखें हम कौन हैं…

बाबा कहते हैं सदा आनंद स्वरूप में रहो लेकिन वो आनन्दित स्थिति सदा क्यों नहीं रहती है? इसका कारण है सीट पर सेट नहीं रहते हैं। एक बार बाबा ने कहा था- तुम साक्षी दृष्टा की सीट पर सेट होकर यह ड्रामा देखो। अपसेट हो जाते हो ना तभी वह खुशी जाती है या आनंदमय अवस्था का अनुुभव नहीं होता है। चक्रधारी बनके, साक्षीदृष्टा होकर अपने सारे कल्प का स्वदर्शन चक्र घुमाओ। स्वदर्शन चक्र घुमाने से नशा चढ़ता है कि परमधाम कहने से परमधाम की स्थिति में स्थित हो जाओ। हमारी आत्मिक स्थिति क्या थी फिर द्वापर कलियुग में ब्रह्मा बाबा के साथ हम भी भगत बने! फिर ब्राह्मण बने फिर फरिश्ता बनके देवता बनेंगे। तो बाबा समय प्रति समय जो युक्तियां बताते हैं उसको यूज़ करना चाहिए। कितनी बार बाबा ने भिन्न-भिन्न ड्रिल बताई है।
यह शाम का सात बजे का समय जो गाया हुआ है, देवतायें भ्रमण करते हैं उस समय भी आपको भिन्न-भिन्न अवस्था का अनुभव करना चाहिए। अपनी प्राप्ति की बातें, स्वमान की बातें, अपनी भिन्न-भिन्न स्थितियों का अनुभव करना चाहिए। अगर विस्मृति भी हो गई हो तो टाइम फिक्स होने के कारण पुन: स्मृति आ जायेगी। हमेशा कायदे में फायदा होता है। जो बाबा युक्तियां बताते हैं, तो समय अनुसार उन युक्तियों का फायदा लो, उनको इस्तेमाल करो। समय पर वो युक्ति याद करने से हमारी अवस्था सहज और सदाकाल की हो जायेगी। हमारी जो समय अनुसार दिनचर्या बनी हुई है वो भी हमारी स्थिति को आगे बढ़ाती है। ऐसे नहीं मैं तो रहता ही योग में हूँ, लेकिन पॉवरफुल स्थिति में रहा? खास अटेन्शन देकर बैठते हैं, उसमे फर्क पड़ता है। तो हमारे नियम बने हुए हैं, दिनचर्या बनी हुई है, वो हम अटेन्शन मेें रखें। आनन्द की स्थिति हमारे सिवाए और किसी की हो नहीं सकती। हमें अप्राप्ति कुछ है ही नहीं। जब भगवान हमारा हो गया है, सबसे बड़े ते बड़े नशे की बात है कि दुनिया भगवान को ढूंढती है, हमको भगवान ने ढूंढा। जब नशे की अवस्था कम हो तो, बाबा ने हमारे लिए क्या-क्या किया, वो प्राप्तियों की लिस्ट हमेशा याद रखो। तो नशा चढ़ाना नहीं पड़ता, चढ़ जाता है। हम तो कहते हैं मुरली में रोज़ सब प्रकार की, चारों ही सब्जेक्ट की बातें होती हैं। उसमें धारणा की, सेवा की, ज्ञान की, योग की स्थिति की बातें होती हैं। उन्हें मुरली से अलग-अलग नोट कर लो। अपने पास अपना खज़ाना एमरजेन्सी का होना चाहिए। यह भी स्टूडेन्ट की निशानी है।
अभी हमें अपनी खुशी नहीं गंवानी है, आनन्दमय स्थिति में रहना है। इसकी विधि है सीट पर सेट रहो। मन का मालिक बन मन को बिज़ी रखो। यह सब बातें यूज़ करने से याद रहती हैं, नहीं तो भूल जाते हैं।

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