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पुलिस कंट्रोल रुम में आरक्षको के ट्रेनिंग कार्यक्रम में तनाव मुक्त जीवन विषय पर परिचर्चा

मन की उथल-पुथल और चिंताओं से मुक्ति ही आंतरिक शांति है। खुशी पल भर की होती है, शांति स्थाई रहती है, ब्रह्मा कुमार नारायण भाई 

अलीराजपुर ,मध्य प्रदेश। अगस्त ,इनर पीस यानी आंतरिक शांति मन की ऐसी अवस्था है, जहां सारी चिंतायें, परेशानियां और नेगेटिव विचार दूर हो जाते हैं। हालात कितने भी मुश्किल हो, आप बिल्कुल विचलित नहीं होते और शांत भाव से अपना काम करते रहते हैं।  आंतरिक शांति मिल जाने पर धन-दौलत, दूसरों की आलोचना मायने नहीं रखती क्योंकि हम खुद को पहचान जाते हैं और एक बार खुद की पहचान कर लेने पर सारे नेगेटिव विचार खुद ही दूर हो जाते हैं। यह विचार इंदौर से पधारे ब्रह्माकुमारीज के राष्ट्रीय वक्ता ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने पुलिस कंट्रोल रुम में आरक्षक के इंडक्शन ट्रेनिंग कार्यक्रम में तनाव मुक्त जीवन व कार्य में रहते आंतरिक शांति कैसे प्राप्त करे इस विषय पर आरक्षको को बताया कि आप सोच रहे होंगे कि आंतरिक शांति के लिए शायद हिमालय पर जाकर तपस्या करनी होगी, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है, इसके लिए बस आपको अपनी सोच बदलनी होगी और समझना होगा कि आंतरिक शांति यानी इनर पीस एक भावना है जिसे महसूस किया जा सकता है। 

 

               

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