मुख पृष्ठदादी जीदादी प्रकाशमणि जीहमारा फाउंडेशन है बुद्धियोग और नींव है याद की यात्रा…

हमारा फाउंडेशन है बुद्धियोग और नींव है याद की यात्रा…

हम सभी प्यारे बाबा का हर मानव मात्र को शुभ सन्देश, शुभ पैगाम पहुंचाने वाले पैगम्बर अथवा संदेशी हैं। पैगम्बर कौन होता है? इस वैराइटी झाड़ में देखेंगे तो जो भी अपना-अपना धर्म स्थापन करके पैगम्बर बने हैं, वह आत्माएं अपने-अपने समय पर अपने प्यारे बाप के घर से डायरेक्ट आने के कारण सतोगुणी हैं। फिर पीछे चक्र में आते हैं लेकिन हम पैगम्बर उन सबसे निराले हैं। वे बाप के घर से मर्ज हुई आत्माएं आती हैं और हमें बाप सम्मुख में नॉलेज देकर पावन बना रहे हैं। बाप ने हमें सिर्फ नॉलेज नहीं दी लेकिन अपना बनाकर अधिकारी बनाया है, वर्सा दिया है। उन पैगम्बरों को तो कहा आप अपना-अपना पिल्लर खड़ा करो और हमें पैगम्बर बनाया कि तुम्हें सारे विश्व का नव निर्माण करना है। पुराने को खत्म कर नया करना है। सारी विश्व की आत्माओं को मुझ बाप को पैगाम देना है।
बाबा ने हम बच्चों को इस बेहद झाड़ की जड़ में राजयोगी बनाकर बिठाया है- नव निर्माण के लिए। याद की शक्ति का, पवित्रता की शक्ति का जल डालना है। हमें सारे नव निर्माण की नींव पर रखा है। जब कोई मकान बनाते तो उसका पहला आधार नींव पर रहता है। जितना फाउन्डेशन पक्का होगा उतना इमारत का प्लैन रखेंगे। वह पैगम्बर कोई मकान के फाउन्डेशन नहीं, वह तो मरम्मत करने वाले हैं। लेकिन हमें तो नई दुनिया के नव निर्माण के लिए फाउन्डेशन में बाबा ने अन्दर रखा है। हमारा बाबा है फाउन्डर, उसने हमें फाउन्डेशन में रखा है और कहा इसमें योग का बीज डालो, पवित्रता का बीज डालो और इस ज्ञान की शक्ति से इस इमारत को मजबूत करो।
एक तरफ हम नींव हैं, दूसरे तरफ हमें बाबा का पैगाम देना है कि बाप आया है- नव निर्माण करने। हमें बाबा ने सन्देशी बनाया है कि चारों तरफ मेरा सन्देश दो। एक तरफ हम राजयोगी, पवित्रता का दान देने वाले योगी बच्चे हैं, हमारा योग ही सहयोग है। पवित्रता ही हमारा सहयोग है। यही हम बाप को नव निर्माण के लिए सहयोग देते हैं। हम नव निर्माण के आधार हैं। हमारे आधार पर ही सृष्टि का उद्धार होना है। दूसरा हम पैगम्बर हैं।
वह पैगम्बर आते हैं अपना धर्म स्थापन करने और हम कल्प के आदि में आये फिर जा रहे हैं। अभी हम ऐसी नींव डाल रहे हैं जो 21 जन्म तक हमारा मकान सदा सजा सजाया रहे। तो हरेक ऐसी अपनी जवाबदारी समझते हो कि हम इस जड़ में बैठे हैं। अपनी कूट-कूट कर नींव पक्की कर रहे हैं? हमारा फाउन्डेशन है बुद्धियोग, नींव है याद की यात्रा। अगर हम नींव डालने वालों की बुद्धि भटकती है तो मकान का क्या होगा! अगर नींव डालने वाले, नींव डालते-डालते इधर-उधर चले जायें तो उस नींव का क्या होगा! हम सभी नींव में हैं, कहते भी हैं बाबा हम आपके हैं। हमें तो सर्विस की बहुत धुन है। लेकिन बुद्धि को बाहर भटकाते, तो वह नींव हिलेगी या मजबूत होगी? अगर नींव में बैठे-बैठे निकल जाते तो उसके लिए बाबा कहता- तुम्हें 100 गुणा दण्ड मिलेगा। अगर आज कोई कान्टे्रक्टर लिखा-पढ़ी करके कान्टे्रक्ट ले और पीछे धोखा दे तो उस पर केस चल जाता। आपने भी बाबा के लेज़र में नाम लिखाया, फार्म भरा, अब कहो मैंने तो यह सोचा ही नहीं था कि फार्म भरा माना फंस गये। सोच कर फंसे ना! अच्छाई के लिए फंसे ना! बाप के प्यार में फंस गये।

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