अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत सभी आत्माओं को कार्यक्रम में दी गई श्रद्धांजलि
सुमनदीप यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर डॉ.मेघना जोशी एवं गुजरात मित्र से डिजिटल एडिटर वैशाली बेन व्यास आदि गणमान्य अतिथि पधारे
वडोदरा-अटलादरा, गुजरात। ब्रह्मा कुमारी सेवाकेंद्र में महिलाशक्ति हेतु आयोजित सेमिनार में 200 की संख्या में मातृशक्ति एवं बहनों ने भाग लिया। आज नारी शक्ति घर और बाहर दोनों ही क्षेत्रों में अपनी योग्यता सिद्ध करते हुए दिन प्रतिदिन सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है। आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां नारी शक्ति की भागीदारी नहीं हो रही हो चाहे वह विज्ञान का क्षेत्र हो चाहे सुरक्षा बलों का चाहे खेलकूद का। इस बदलते दौर में सामाजिक और बौद्धिक स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के बाद आज नारी आध्यात्मिक और वैचारिक रूप से भी शक्तिशाली बने जिससे वह शोषण और अत्याचारों से मुक्त होकर समाज और भावी पीढ़ी को नैतिक मूल्यों से सुसंस्कृत बनाकर एक स्वर्णिम युग रचना में अपनी सर्वश्रेष्ठ भूमिका निभा सके। यह संदेश देने और यह प्रतिबद्धता जागृत करने के उद्देश्य से इस सेमिनार का आयोजन किया गया।
डॉ.मेघना जोशी (लोकप्रिय सांसद हेमांग जोशी जी की धर्मपत्नी) अपने विचार व्यक्त करते हुए अपने संबोधन में अहमदाबाद प्लेन क्रैश में दिवंगत आत्माओं के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करने के उपरांत कहा कि नारी शक्ति हमेशा से अपने जीवन में बहुत सारे व्यक्तित्व समेट कर चलती रही है समय पर लक्ष्मी तो कभी शीतला कभी दुर्गा और कभी काली का रूप उसने धारण किया है इसलिए मैं आज सभी नारी शक्तियों का आह्वान करती हूं कि आप सभी अपना स्वाभिमान कभी भी ना भूले और अपने आत्म सम्मान को हमेशा ऊंचा रखें।
वैशाली व्यास ने अपने संबोधन में कहा कि मैं मीडिया वर्ग से आती हूं और मीडिया में हमें बहुत सी नेगेटिव न्यूज़ सुननी देखनी पड़ती है जिसका नेगेटिव प्रभाव हमारे मन पर भी पड़ता है। ऐसे समय में मन को फिर से शांत और शक्ति शाली अनुभव करने के लिए ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र हमेशा मेरे लिए चार्जिंग पॉइंट के रूप में मदद देता है। नारी शक्ति स्वयं को कितना योग्य और शक्तिशाली बना सकती है इसका प्रमाण मैं ब्रह्माकुमारी बहनों के रूप में देखती हूं और प्रेरणा लेती हूं। इसीलिए मैं यहां उपस्थित नारी शक्ति से खुद को सशक्त बनाने के लिए राजयोग सीखने का आग्रह करती हूं।
कार्यक्रम में वासद ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र संचालिका बीके दीपा बहन एवं सहसंचालिका बीके प्रीति बहन विशेष रूप से पधारे जिसमें प्रीति बहन ने भी सभी मातृशक्तियों का दृढ़ संकल्प द्वारा आत्म उत्थान के मार्ग पर तत्पर होने के लिए आह्वान किया और कहा कि एक मां 100 गुरुओं के बराबर प्रथम गुरु होती है क्योंकि जो मूलभूत संस्कार मां की परवरिश से मिलते हैं वह आजीवन रहते हैं।
बीके दीपा बहन ने कॉमेंट्री के साथ सभी को राजयोग का गहन अनुभव कराया और साथ में सभी उपस्थित लोगो के साथ मिलकर अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में दिवंगत हुई आत्माओं को शांति और शक्ति के सहयोग के आत्मीय प्रकंपन दिए और श्रद्धांजलि अर्पित की।
बीके डॉ.अरुणा बहन ने कहा कि हम सभी को ऐसे घटना प्रधान समय में अपने आप को अध्यात्म के द्वारा मानसिक रूप से शक्तिशाली बनाना है तभी हम जीवन की विषम परिस्थितियों में अडिग रह सकेंगे और अपने परिवार एवं संबंधियों को भी सहयोग दे सकेंगे। इसीलिए मैं आप सभी को राजयोग कोर्स करने के लिए आग्रह करती हूं।
इसके बाद कार्यक्रम के अंतिम चरण में कोरियोग्राफर रविंदर बहन ने मोटिवेशनल सोंग्स के साथ रोचक एक्टिविटी कराते हुए रिफ्रेश किया और बहनों ने सकारात्मक जीवन की शुरुआत विषय पर मंच पर एक लघु नाटिका की प्रस्तुति दी जिसे सभी ने काफी पसंद किया। बीके पूनम बहन ने सभी का आभार प्रकट किया और प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई।

















