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छतरपुर: ब्रह्माकुमारीज द्वारा संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती का 60वां पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया

संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका जगदंबा सरस्वती ने अपने श्रेष्ठ कर्म, मर्यादा और धारणाओं से आदर्श प्रस्तुत किया

छतरपुर म. प्र.: ब्रह्माकुमारीज संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती (मम्मा) का 60वां पुण्य स्मृति दिवस ब्रह्मा कुमारीज किशोर सागर द्वारा सभी भाई बहनों की मौजूदगी में बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया गया।
इस पुष्पांजलि कार्यक्रम में छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा ने मम्मा के विषय में बताते हुए कहा कि इतने बड़े यज्ञ को लेकर चलना, इतने सारे भाई बहनों को हर प्रकार से तन मन धन से पालना के साथ-साथ उनकी सूक्ष्म अवस्था का भी ध्यान रखना, छोटी-छोटी बातों के लिए कायदे कानून भी सिखाना, मम्मा प्यार से तो चलाती थी लेकिन मम्मा अनुशासन के प्रति बहुत कड़क थी जो नियम- कानून बनें उन नियमों को फॉलो करना ही है। वह कहां करती थी की जो कर्म मैं करूंगी मुझे देखकर और करेंगे इसलिए आप सभी के कर्म ऐसे दिव्य श्रेष्ठ और महान हों कि आपको देखकर दूसरे भी उस राह पर चलने के लिए प्रेरित हो सकें। जगदंबा सरस्वती ने हम सभी को ईश्वरीय मर्यादाएं और नियम सिखाऐ। मम्मा बचपन से ही तपस्वी और दिव्य बुद्धि की धनी थी उनके सामने कैसी भी परिस्थिति आई लेकिन वह कभी विचलित नहीं हुईं। उन्होंने कठिन योग साधना से स्वयं को इतना शक्तिशाली बना लिया था कि कैसा भी क्रोधी व्यक्ति उनके सामने आता था तो बस शांत हो जाता था। आप रात में 2:00 बजे से योग साधना करती थी आपने सदा हांजी का पाठ पढ़ा। आप ब्रह्मावत्सों के लिए प्रेरणादाई पथ प्रदर्शक और ईश्वरीय मार्ग पर चलने के लिए एक मिसाल हैं।
इस पुष्पांजलि कार्यक्रम में सभी ने मिलकर श्रद्धा सुमन अर्पित किये और मम्मा की विशेषताओं को जीवन में धारण करने की प्रेरणा लेते हुए उन्हें फॉलो करने का संकल्प किया। तत्पश्चात विश्व शांति हेतु योग के वाइब्रेशन फैलाने के लिए मैडिटेशन किया गया और अंत में सभी ने ईश्वरीय प्रसाद ग्रहण किया।

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