केलोद -करताल, मध्य प्रदेश : युवा अंदर से खाली होता जा रहा है , उसका मनोबल कमजोर होता जा रहा है। जिसके कारण वह बाहरी नशे तंबाकू गांजा चरस स्मैक शराब बीड़ी सिगरेट इत्यादियों का लत बढ़ती जा रही है ।जब विद्यार्थी के अंदर पढ़ाई में मन नहीं लगता है पढ़ाई के प्रति निराशा तनाव के भाव पैदा होते हैं तो वह नशे को अपना आधार बनाता है जबकि यह नशा शारीरिक मानसिक स्थिति से नुकसान पहुंचाने वाला होता है ऐसे में इस नशे से बचने के लिए राजयोग जो हमारे आंतरिक परम आनंद को बढ़ाता है और वह एकाग्रता की शक्ति और मस्तिष्क को भी शक्तिशाली बनाता है। जिस से हम बाहरी नशे से छूट सकते हैं यह विचार जीवन जीने की कला की विशेषज्ञ ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने इंदौर शहर के कैलोड करताल के एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत बताया। इस अवसर पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के राम खिलाड़ी मीणा इंस्पेक्टर ने बताया कि आज तंबाकू बीड़ी सिगरेट गांजा चरस बहुत छोटे-छोटे रूप में हर गली में यह सहज मिल जाता है। आज का युवा इनका शिकार होता जा रहा है यह एक गंदी आदत है जो एक बार अगर लत लग जाती है तो इससे छूटना मुश्किल होता है। अगर हम अभी से इन नसों से दूर रहे तो हम एक अच्छी पढ़ाई पढ़ कर अपने जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी आशा बहन ने नशे के दुष्परिणाम बताएं कि कोई भी नशा जीवन को नुकसान पहुंचता है जिससे हमारी याददाश्त कमजोर हो जाती है। एकाग्रता प्रभावित होती है। नशे का असर जब कम होता है तो पुनः व्यक्ति तनाव का शिकार हो जाता है। ऐसे में अगर मेडिटेशन किया जाए तो हम यह फालतू खर्चे से, नशे से बच सकते हैं ।कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र-छात्राओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रतिज्ञा कराई गई। इस कार्यक्रम में सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी हेमा बहन और सेवा केंद्र के सभी भाई बहन भी उपस्थित थे।







