इसमें से अधिकांश लोग अपने मेटाबॉलिज़्म को लेकर बहुत ज्य़ादा चिंतित नहीं रहते, लेकिन होना चाहिए। मेटाबॉलिज़्म वह प्रोसेस है, जिसके तहत शरीर ग्रहण किए गए भोजन को ऊर्जा में बदलता है। तो जिसका मेटाबॉलिज़्म तेज़ होगा, वह भोजन को ज्य़ादा बेहतर ढंग से पचा पाएगा और जिसका धीमा होगा, उसके पाचन की कैपेसिटी उतनी ही कम होगी। इसका असर वेट लॉस पर भी पड़ता है। फास्ट मेटाबॉलिज़्म वाले लोगों का वजन कंट्रोल में रहता है, जबकि स्लो मेटाबॉलिज़्म वाले लोगों को अक्सर मोटापे की समस्या रहती है। यहाँ जानते हैं कि कौन से फूड मेटाबॉलिज़्म की रफ़्तार बढ़ा सकते हैं…
मेटाबॉलिज़्म बढ़ाने के लिए उपयोगी 8 उपाय
आंवला जूस – आंवला शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और इस तरह डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है। रोज़ाना एक गिलास पानी में 3 चम्मच आंवले का रस मिलाकर पिएं। इससे शरीर के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने में मदद मिलेगी और वजन भी नियंत्रित किया जा सकेगा।
ग्रीन टी – इसमें कैटेचिन्स नामक तत्व भरपूर मात्रा में होता है। कैटेचिन्स हमारे शरीर के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने में मददगार होते हैं। कई स्टडीज़ में यह साबित हो चुका है कि लोग नियमित तौर पर ग्रीन टी पीते हैं, उनके मेटाबॉलिज़्म की रफ्तार भी तेज़ होती है। मेटाबॉलिज़्म फास्ट होने से वे चुस्त-दुरुस्त भी ज्य़ादा होते हैं।

चिली फ्लैक्स – स्टडीज़ के अनुसार चिली फ्लैक्स(बीज सहित लाल मिर्च) में पाया जाने वाला कैप्साइसिन नामक तत्व शरीर के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए बघार(छौंक) में पीसी हुई लाल मिर्च के बजाए चिली फ्लैक्स का इस्तेमाल करना ज्य़ादा बेहतर है।

काली मिर्च – इसमें पिपराइन नामक कम्पाउंड होता है जो शरीर के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने में मददगार होता है। सादे दही में चुटकी भर काली मिर्च के पाउडर का नियमित तौर पर सेवन करें। मेटाबॉलिज़्म बढ़ाने में फायदेमंद होगा। इसी तरह फ्राइड राइस या वेजिटेबल सूप में भी काली मिर्च के पाउडर का सेवन किया जा सकता है।

त्रिफला – यह तीन औषधियों आंवला, बहेड़ा और हरड़ का मिश्रण होता है। ये तीनों ही शरीर में जमे टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर मेटाबॉलिज़्म को बढ़़ाने में मददगार होती है। हालांकि त्रिफला का सेवन कब, कैसे और कितना करना है, इसके लिए किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें।

प्रोटीन – कई अध्ययनों में साबित हो चुका है कि डाइट में जितना अधिक प्रोटीन शामिल रहेगा, मेटाबॉलिज़्म की रफ्तार भी उतनी ही अधिक रहेगी। यानी वजन घटाने के लक्ष्य को भी उतनी ही आसानी से पाना संभव होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि कार्बोहाइडे्रट की तुलना में प्रोटीन को ब्रेक करने में शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

तुलसी – इसका नियमित सेवन करने से भी शरीर के मेटाबॉलिज़्म की रफ्तार को तेज़ कर अपने वजन को कंट्रोल में रखा जा सकता है। एक कप चाय में तुलसी के 4 से 5 पत्तों को पीस या क्रश करके मिला दीजिए। दिन में 2 बार इस चाय का सेवन करना पर्याप्त रहेगा।

ब्राह्मी – यह आयुर्वेदिक औषधि शरीर में क्रियाशील तमाम हॉर्मोन्स को बैलेन्स कर हमारे मेटाबॉलिज़्म की रफ्तार को बढ़ाने में मददगार होती है। इसी तरह अश्वगंधा भी मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाकर वेट लॉस में मदद करता है। हालांकि इनका सेवन कैसे और कितनी मात्रा में करना है, इसके लिए किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह ले लेनी चाहिए।





