मुख पृष्ठराजस्थानमाउंट आबूआबू रोड: साइंटिस्ट, इंजीनियरिंग और आर्किटेक्ट विंग द्वारा चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

आबू रोड: साइंटिस्ट, इंजीनियरिंग और आर्किटेक्ट विंग द्वारा चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

एक्सपो से लोगों को मिलेगा एनर्जी, एनवायर्मेंट और इम्पॉवरमेंट का संदेश: जाधव

कार्य और जीवन में संतुलन से मिलेगी श्रेष्ठ उपलब्धि: रॉय

केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने किया थ्रीई एक्सपो का उद्गाटन

ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी मोहिनी दीदी से मुलाकात कर लिया आशीर्वाद

आबू रोड,राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मुख्यालय शांतिवन के डायमंड हाल में साइंटिस्ट, इंजीनियरिंग और आर्किटेक्ट विंग द्वारा चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसमें देशभर से पांच हजार से अधिक वैज्ञानिक, इंजीनियर, आर्किटेक्ट और निर्माण से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी भाग ले रहे हैं।

केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव शुक्रवार को साइंटिस्ट, इंजीनियरिंग और आर्किटेक्ट विंग द्वारा डायमंड हॉल में लगाई गई थ्रीई एक्सपो का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि एक्सपो से लोगों को एनर्जी, एनवायर्मेंट और इम्पॉवरमेंट का संदेश मिलेगा। लोग यहां से अध्यात्म और विज्ञान में समन्वय का उद्भुत संयोजन जान सकेंगे। ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बहुत ही सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं।

कार्य और जीवन में श्रेष्ठ संतुलन से श्रेष्ठ उपलब्धि विषय पर आयोजित सम्मेलन के स्वागत सत्र में दुर्गापुर स्टील प्लांट के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर निलोपत रॉय ने कहा कि हम कितना भी ज्ञान सुन लें लेकिन जब तक जीवन में धारण नहीं करेंगे तो बदलाव नहीं आएगा। मन में शांति नहीं आएगी। ज्ञान का मतलब है कि जीवन में शांति, आनंद है। हमारे चेतना ऐसी हो कि मुझे पीसफुल रहना है। पहले मुझे बहुत गुस्सा आता था लेकिन ब्रह्माकुमारीज़ में जुड़ने के बाद राजयोग के अभ्यास से मेरा मन शांत हो गया। गुस्सा दूर हो गया। जीवन में संतुलन बहुत आवश्यक है। कार्य और जीवन में संतुलन से ही श्रेष्ठ उपलब्धि मिलेगी।

कर्नाटक बेलगाव के वेगा ग्रुप के सहसंस्थापक सुभाष चांडक ने कहा कि जब पहली बार ब्रह्माकुमारीज़ के संपर्क में आए तो एक दिव्यता की अनुभूति हुई। राजयोग मेडिटेशन के बारे में जानकार बहुत खुशी हुई। यहां माउंट आबू आकर बहुत ही खुशी की अनुभूति हो रही है। जब तक हम अध्यात्म से नहीं जुड़ते हैं तब तक हम स्वयं को गहराई से नहीं जान सकते हैं। अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बीके करुणा भाई ने कहा कि भारत विश्वगुरु तभी बनेगा जब हमारा जीवन आदर्श बनेगा। एक-एक व्यक्ति का जीवन गरिमामय और आदर्श बनेगा।

साइंटिस्ट, इंजीनियरिंग और आर्किटेक्ट विंग के अध्यक्ष बीके मोहन सिंघल भाई ने कहा कि हम अपनी वर्क और प्रोफेशनल लाइफ व पर्सनल लाइफ में बैलेंस नहीं बना पाते हैं तो डिस्टर्बेंस होता है। जब तक हमारे जीवन में कार्य और जीवन में संतुलन नहीं होगा, हमारा जीवन सुख-शांतिमय नहीं बनेगा।

बैलेंस से मिलती है ब्लेसिंग-

विंग की उपाध्यक्ष भिलाई की बीके आशा दीदी ने कहा कि आप सभी यहां मेहमान बनकर नहीं घर के सदस्य बनकर आए हैं। जीवन में बिना बैलेंस के ब्लेसिंग नहीं हो सकती है। ब्लेसिंग के बिना हम उच्च शिखर पर नहीं पहुंच सकते हैं। एक है पुरुषार्थ, दूसरा है ब्लेसिंग। ब्लेसिंग मिलती है बैलेंस से। जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन बहुत आवश्यक है। संतुलन ही हमें शिखर पर पहुंचाता है। नेपाल के एनएसईटी के अध्यक्ष प्रो. अमोदमनी दीक्षित ने कहा कि आज अध्यात्म समय की जरूरत है। सभी को अपने जीवन में इसका समावेश करना चाहिए। नई इन्वेंशन का आधार भी अध्यात्म ही है।

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