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भोरा कलां : सुरक्षा बलों के लिए तीन दिवसीय स्व-सशक्तिकरण कार्यक्रम का शुभारम्भ

समस्याओं की असली शुरुआत मन से होती है – शुक्ला दीदी
आध्यात्मिकता ही भरती है अंदर का खालीपन – मेजर जनरल गोपाल वर्मा
– ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के सुरक्षा प्रभाग के द्वारा हुआ आयोजन

भोरा कलां ,हिरयाणा। ब्रह्माकुमारीज़ के भोड़ाकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में सुरक्षा बलों के लिए तीन दिवसीय स्व-सशक्तिकरण कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। जिसमें भारतीय सेना एवं सुरक्षा बलों के अधिकारियों न भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन सेल्फ एंपावरमेंट फॉर  मैनेजिंग चैलेंजेस विषय पर हुआ। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में भारतीय सेना में सेवारत मेजर जनरल गोपाल वर्मा ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि शारीरिक रूप से सक्षम होने के बाद भी व्यक्ति अपने को कमजोर महसूस करता है। जिसका मूल कारण आंतरिक शक्ति की कमी है। बाहर से तो हर कोई अपने को भर रहा है। लेकिन अंदर खालीपन बढ़ रहा है। आध्यात्मिकता हमें भीतर से जागृत करती है। आध्यात्मिकता जीवन में संतुलन लाती है।

भारतीय रक्षा लेखा सेवा की पूर्व सीजीडीए देविका रघुवंशी ने कहा कि काफी समय से वो राजयोग का अभ्यास कर रही हैं। अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि राजयोग से उनके जीवन में अद्भुत परिवर्तन हुआ। उन्होंने कहा कि बिना आत्मबल के जीवन में खुशहाली नहीं आ सकती।

भारतीय नौसेना के सेवानिवृत वाइस एडमिरल दीपक कपूर ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता हमें चेतना की गहराई में ले जाती है। जिससे हमारी आंतरिक शक्तियां और गुण जागृत होते हैं।

सीमा सड़क संगठन के अतिरिक्त महानिदेशक हरेंद्र कुमार ने कहा कि आध्यात्मिकता ही वो शक्ति है, जो सकारात्मक सोच पैदा करती है।  उन्होंने कहा कि आत्मबल बढ़ाने के लिए ज्ञान जरूरी है। मन एक बहुत बड़ा टूल है। मन को नियंत्रित करना ही स्वयं का मित्र बनना है।

इस अवसर पर विशेष रूप संस्थान के सुरक्षा प्रभाग की उपाध्यक्षा राजयोगिनी शुक्ला दीदी ने अपने आशीर्वचन प्रदान किए। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या की असली शुरुआत हमारे मन से होती है। बाहरी दुनिया का प्रभाव मन की शक्ति को कमजोर कर देता है। और हम स्वयं को भूलते चले जाते हैं।आध्यात्मिकता हमें आत्मा के मूल गुणों से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता हमें स्वयं से बातें करना सिखाती है।  विचारों के शुद्धिकरण में ही समस्या का हल छिपा है। जन्म से ही कोई महान नहीं होता बल्कि व्यक्ति के गुण उसको महान बना देते हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय नौसेना के कैप्टन शिव सिंह ने संस्थान के सुरक्षा प्रभाग द्वारा की जा रही सेवाओं की जानकारी देकर की। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षा बलों का आंतरिक सशक्तिकरण करना है। जिससे कि वो आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें। मुंबई से आई बीके दीपा ने सबको राजयोग का अभ्यास कराया। दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। मंच संचालन भारतीय सेना के सेवानिवृत कर्नल बीसी सती ने किया। कार्यक्रम में सुरक्षा बलों के 20 संगठनों से 400 से भी अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। जिसमें प्रमुख रूप से भारतीय थल सेना, नौसेना, वायु सेना, कोस्ट गार्ड, सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनडीआरएफ, बीआरओ, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश एवं चंडीगढ़ पुलिस सम्मिलित हुई।

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