46th Mind Body Medicine कांफ्रेंस का भव्य उद्घाटन संध्याकालीन वेला में हुआ

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आबू रोड, राजस्थान। 46th Mind Body Medicine कांफ्रेंस का भव्य उद्घाटन 2 सितंबर 2022 की संध्याकालीन वेला में हुआडॉ. बनारसी भाई जी ने दादी जी का एवं अन्य सभी का स्वागत किया | उन्होंने अमेरिका से मोहिनी दीदी का, जयंती दीदी(लन्दन) के शुभकामना सन्देश के लिए धन्यवाद किया और निर्वैर भाई, बृजमोहन भाई, मुन्नी दीदी तथा सभी आये हुए डॉक्टर्स का भी तहेदिल से स्वागत किया।

सभी आये हुए डॉक्टर्स को संबोधित करते हुए डॉ अशोक मेहता जी ने कांफ्रेंस के objectives को स्पष्ट किया| उन्होंने कहा कि High Technology के मेडिकल प्रोफेशन में यहाँ हम कुछ अलग चीज़ों के बारे में बात कर रहे हैं| Havard University के कार्डियोलॉजिस्ट ने भी माना है कि, भारत में हिमालय की गुफाओं में बिना कपड़े पहने तपस्वी तपस्या करते हैं| इसका कारण है, कि वो POWER OF MIND से अपना बॉडी temperature बड़ा लेते हैं, जबकि एक आम व्यक्ति उस वातावरण में जिन्दा भी नहीं रह सकता| योग एक महान शक्ति है |स्ट्रेस फ्री, खुश और संतुष्ट जीवन जीने की कला राजयोग मैडिटेशन सिखाता है| इस के द्वारा हम व्यसन मुक्त(addiction free) जीवन जी सकते हैं| Diet, exercise और meditation इन तीनो तरीकों द्वारा हम एक स्वास्थ्य जीवनशैली को अपनाते हैं जिससे पॉजिटिव attitude विकसित होता है तथा हमारी चेतना में परिवर्तन होता है (shift in consciousness)।

डॉ प्रताप मिड्ढा ने बताया कि कैसे meditation ही मेडिसिन है| Medical Wing के द्वारा Holistic Health Fairs, De-addiction Campaigns, CAD, Diabetes     इत्यादि अनेक प्रोजेक्ट्स शुरू किये गए है | उन्होंने लोगो से कहा है कि आप अपने स्वास्थय की जिम्मेवारी जब स्वयं लेंगे तब ही एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते है | डॉ मिड्ढा ने कहा कि भारतीय डॉक्टर्स बहुत बीमार हैं और हमें उनके स्वास्थ्य की बहुत चिंता है| अगर डॉक्टर ही बीमार होगा तो समाज कैसे स्वस्थ रह सकता है| 40% पुरुषों और 20% महिलाओं में कैंसर धूम्रपान के कारण है, जिसके बारे में जागरूकता लाना अति आवश्यक है| इसके लिए जीवन शैली में परिवर्तन अनिवार्य है ।

मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने कहा कि परमपिता परमात्मा रूहानी सर्जन हैं। उनसे संबंध जोड़कर और योग लगाकर हम जीवन की हर समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका बीके मोहिनी दीदी ने कहा कि डॉक्टर भाई-बहनें परमात्मा के अमूल्य रत्न हैं। जब आपका माइंड स्टेबल और पीसफुल रहेगा तो पेशेंट भी जल्दी रिकवर होंगे।  महासचिव बीके निर्वैर ने भी कांफ्रेंस की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।

कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने भी अपने विचार व्यक्त किए और डॉक्टर्स की अथक सेवाओ के लिए उनकी प्रशंसा की । स्वागत गीत मधुरवाणी ग्रुप ने पेश किया। मुंबई से आए डॉ. सचिन परब, डॉ. भूपेन्दर कुमार सिंह देहरादून(जिन्हें पदम्श्री अवार्ड से समानित किया गया है),सम ने भी उद्गाटन सत्र की शोभा बढ़ाई और कैंडल लाइटिंग में हिस्सा लिया |  डॉमोहन मनोहर राजपुरकर(नाडियाड) ने भी दीप प्रज्वलन में भाग लिया और अपनी गरिमामयी उपस्तिथि से मंच को सुशोभित किया | इसके अतिरिक्त  दिल्ली से डॉ. रीना तोमर, धनबाद से प्रो. डॉ. सुनील कुमार वर्मा, ग्वालियर से डॉ. अमोल सिंघल ने भी उद्घाटन सत्र में अपना योगदान दिया। बी के मोनिका गुप्ता ने उद्घाटन सत्र का सफल संचालन किया ।

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