राजनेता खुद को सेवक मानकर काम करें: सांसद राय
– आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा दया एवं करुणा विषय पर पांच दिवसीय राजनेता सम्मेलन शुरू
– देशभर से विधायक, सांसद और विभिन्न पार्टियों के पदाधिकारी ले रहे हैं भाग
शांतिवन,आबू रोड,राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन मुख्यालय में पांच दिवसीय राजनेता सम्मेलन का आगाज किया गया। इसमें देशभर से विभिन्न पार्टियों के पदाधिकारी, विधायक, सांसद भाग ले रहे हैं।
सम्मेलन के स्वागत सत्र में भिंड सांसद संध्या राय ने कहा कि सभी राजनेता खुद को एक सेवक मानकर काम करें, यदि सांसद-विधायक मानकर चलेंगे तो अभियान आ जाएगा। अभिमान आने से आप जनता से दूर हो जाएंगे। अपना स्वभाव सरल बनाएं ताकि आम व्यक्ति आपको अपनी बात बता सके। ब्रह्माकुमारीज संस्थान कुरुतियों को दूर करने का कार्य कर रही है। 20-25 साल पहले राजनीति में इतनी महिलाएं नहीं थीं। आज सरपंच से लेकर देश में कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री का पद महिलाएं संभाल रही हैं। मातृ शक्ति हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा साबित कर रही हैं।
बेटियों की हर संभव मदद करता रहूंगा-
हरियाणा के मेहम से आए विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि विचारणीय प्रश्न है कि राजनीति और राजनेता का जो कर्तव्य होता है, क्या हम उसका पालन कर रहे हैं? मैं सामान्य परिवार से हूं। एक फौजी का बेटा हूं। लोगों की सेवा करने के लिए मैं राजनीति में आया हूं। मैं बहनों और बेटियों को सुविधाएं देने, उनका मान बढ़ाने और शिक्षा में हर संभव मदद बनाने के उद्देश्य से राजनीति में आया और आज उनकी सेवा कर रहा हूं। आज क्षेत्र की एक छोटी से छोटी बेटी मुझे बलराज भैया कहकर बुलातीं हैं और जानती हैं। यहां से सभी देश-प्रदेश और गरीब की सेवा करने का संकल्प लेकर जाएं। नेपाल की पूर्व मंत्री आरती पैडोल ने कहा कि राजनीति में दया और करुणा के समावेश से ही नए समाज का निर्माण होगा। ब्रह्माकुमार भाई-बहनों ने जिस तरह कोरोनाकाल में भी सेवाएं की हैं वह सराहनीय हैं।
राष्ट्रपति का निर्णय देश के लिए एक संदेश है-
मैसूर के पूर्व सांसद सीएच विजयशंकर ने कहा कि जब एक आध्यात्मिक व्यक्ति बड़े पद पर पहुंचता है तो देश व समाज में कैसे बदलाव आता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं। उन्होंने सबसे पहले राष्ट्रपति भवन में मांसाहार बंद कराया और वह खुद अलसुबह 4 बजे राष्ट्रपति भवन के मंदिर में होने वाली आरती करती हैं। यह अपने आप में देश की जनता के लिए बहुत बड़ा संदेश है। यहां के भाई-बहनें अथक परिश्रम से यहां स्वर्ग बना रहे हैं।
राजनेता के हाथ में होता है देश का भाग्य-
संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई ने सम्मेलन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि दया और करुणा बहुत बड़ी शक्ति है। राजनेता के हाथ में देश का भाग्य होता है। यदि राजनेता में दया और करुणा आ जाए तो दुनिया की सूरत बदल जाएगी। पांच विकारों से ग्रसित व्यक्ति में दया और करुणा का भाव जागृत नहीं हो सकता है। इसके लिए हमें आत्मिक स्वरूप की पहचान होना जरूरी है। जब हमें यह भान रहता है कि मैं एक आत्मा हूं तो स्वत: दया एवं करुणा का भाव जागृत हो जाता है। गीता का भी पहला श्लोक है कि आप एक आत्मा हैं। राजनेताओं में आध्यात्मिकता का संदेश देने के लिए यह सम्मेलन आयोजित किया गया है।
राजनीतिज्ञ सेवा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके लक्ष्मी दीदी ने कहा कि राजनेता देश के आधार होते हैं। इसलिए आप सभी के ऊपर विशेष जिम्मेवारी है। आपके एक शुभ और श्रेष्ठ निर्णय से लाखों लोगों को लाभ मिलता है। प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका बीके ऊषा दीदी ने कहा कि आप सभी यहां पांच दिन तक इस पवित्र वातावरण का पूरा लाभ लें और यहां से समाज और देश को नई राह पर ले जाने का संकल्प लेकर जाएं।
बीके अर्चना बहन ने सबका मालिक एक गीत और बीके युगरतन भाई ने भारत फिर भरपूर बनेगा… गीत की प्रस्तुति दी। संचालन मैसूर के बीके रंगनाथ ने किया। मैसूर की बीके मंजुला ने सभी अतिथियों का सम्मान किया। सभी अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ, शॉल द्वारा किया गया।