प्रोटीन से भरपूर और कम काब्र्स वाली मूंग दाल सबसे अधिक पौष्टिक शाकाहारी सुपरफूड्स में से एक मानी जाती है। यह खाने में स्वाद से भरपूर होने के साथ भारतीय आहार का एक अभिन्न अंग है जो बेहद हल्की खाद्य सामग्री होने के कारण पचने में आसान है। अन्य दालों की तुलना में पीली मूंग दाल में काब्र्स की मात्रा कम होती है, जो इसे एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प के रूप में प्रस्तुत करती है। इसी वजह से बीमारी के दौरान इस दाल का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
खासतौर पर पीली मूंग की प्रोटीन युक्त सामग्री इसे अन्य खाद्य सामग्रियों से अलग बनाती है। इस दाल के 100 ग्राम से शरीर को लगभग 3 ग्राम प्रोटीन की मात्रा मिलती है जो शरीर के लिए लाभदायक है।
पोषक तत्वों से भरपूर
पीली मूंग दाल पोषक तत्वों से भरपूर आहार है। इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम, लोहा और तांबे जैसे खनिज तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा, उनमें उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, फोलेट, फाइबर और विटामिन बी 6 जैसे तत्व भी मौजूद होते हैं। बी कॉम्प्लेक्स से भरपूर, पीली मूंग दाल शरीर के कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में तोडऩे में मदद करती है और शरीर के लिए उपयोगी ऊर्जा उत्पादन करती है। इसमें मौजूद फोलिक एसिड स्वस्थ मस्तिष्क और डीएनए के उत्पादन को बनाए रखने में भी मदद करता है। मूंग दाल में कुछ मात्रा में विटामिन ई, सी और के भी मौजूद होते हैं। पीली मूंग दाल विशेष रूप से फाइबर से भरपूर होती है। यह आहार संबंधी जटिलताओं को रोकने के साथ-साथ रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करती है।
वजन नियंत्रित करे
पीली मूंग दाल कोलेसीस्टोकिनिन हार्मोन की कार्य विधि को बढ़ाने में मदद करती है। इसे खाने के बाद शरीर को काफी देर तक भरा हुआ महसूस होता है और मेटाबॉलिज़्म रेट भी बेहतर हो जाता है। इस दाल के सेवन के बाद काफी देर तक कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती है। इस प्रकार पीली मूंग दाल वजन को नियंत्रित करने में योगदान करती है।
मधुमेह नियंत्रित करे
पीली मूंग दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। यह शरीर में इंसुलिन, रक्त शर्करा और वसा के स्तर को कम करने में मदद करती है। बदले में, यह रक्त शर्करा के स्तर को और मधुमेह को नियंत्रण में रखने में मदद करती है। हाई ब्लड शुगर की समस्या से पीडि़त लोगों को इस दाल को अपनी नियमित डाइट का हिस्सा ज़रूर बनाना चाहिए।
पाचन को सुचारू करे
पीली मूंग दाल के सेवन से आंत में ब्यूटायरेट नामक फैटी एसिड का उत्पादन होता है। यह आंतों की दीवारों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। इस दाल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो पेट में गैस बनने से रोकते हैं और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं। इसके अलावा, मूंग दाल पचाने में भी आसान होती है, जिसके सेवन से कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार करें
पीली मूंग दाल पोटैशियम और आयरन से भरपूर होती है। यह पूर्व रक्तचाप को कम करने में मदद करती है और मांसपेशियों में ऐंठन से बचाती है। यह शरीर को अनियमित दिल की धड़कन से बचाने में भी मदद करती है। इसकी हल्की और पचने में आसान प्रकृति इसे उच्च रक्तचाप से पीडि़त लोगों के लिए बेहतरीन भोजन के रूप में प्रस्तुत करती है। इसमें मौजूद तत्व हृदय के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करके हार्ट अटैक के खतरे को कम करते हैं।
छोटे बच्चों के लिए फायदेमंद
जब छोटे बच्चे अनाज को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तब सबसे पहले पीली मूंग दाल का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद विभिन्न पोषक तत्व बच्चों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं जो उन्हें विकास में मदद करते हैं। मूंग की दाल में पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम, कॉपर, फोलेट, राइबोफ्लेविन, फास्फोरस, फाइबर, मैग्नीशियम तत्वों की भरपूर मात्रा होने के कारण ये दाल बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होती है और बच्चों के बढ़ते शरीर को ताकत देने में मदद करती है।
अधिक पसीने से परेशान
जैसा कि आप जानते हैं कि पीली मूंग ठंडी होती है तो गर्मी के मौसम में जो लोग अधिक पसीने की बदबू से परेशान हैं तो मूंग की दाल को हल्के गर्म पानी में पीस कर उसमें कुछ मात्रा में पानी मिलाकर उसके लेप से पूरे शरीर में मसाज करने से इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।