रानी एक चींटी का नाम है जो अपने दल से भटक चुकी है। घर का रास्ता नहीं मिलने के कारण, वह काफी देर से परेशान हो रही थी। रानी के घर वाले एक सीध में जा रहे थे तभी जोर से हवा चली,सभी बिखर गए। रानी भी अपने परिवार से दूर हो गई। वह अपने घर का रास्ता ढूंढने में परेशान थी।
काफी देर भटकने के बाद उसे जोर से भूख और प्यास लगी। रानी जोर से रोती हुई जा रही थी। रास्ते में उसे गोलू के जेब से गिरी हुई टॉफी मिल गई। रानी के भाग्य खुल गए। उसे भूख लग रही थी और खाने को टॉफी मिल गयी थी। रानी ने जी भर के टॉफी खाई, अब उसका पेट भर गया।
रानी ने सोचा क्यों न इसे घर ले चलूँ, घर वाले भी खाएंगे। टॉफी बड़ी थी, रानी उठाने की कोशिश करती और गिर जाती। रानी ने हिम्मत नहीं हारी। वह दोनों हाथ और मुंह से टॉफी को मजबूती से पकड़ लेती है। घसीटते-घसीटते वह अपने घर पहुंच गई। उसके मम्मी-पापा और भाई-बहनों ने देखा तो वह भी दौड़कर आ गए। टॉफी उठाकर अपने घर के अंदर ले गए। फिर क्या था? सभी की पार्टी शुरु हो गई।
सीख : लक्ष्य कितना भी बड़़ा हो निरंतर संघर्ष करने से अवश्य प्राप्त होता है।