मुख पृष्ठआजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओरकोरापुट: सुरक्षा संगठनों में तनाव और व्यसन प्रबंधन कार्यक्रम

कोरापुट: सुरक्षा संगठनों में तनाव और व्यसन प्रबंधन कार्यक्रम

कोरापुट,ओडिशा: स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ऑफ़ पुलिस केश्री प्रकाश चन्दर त्रिपाठी जी, कमांडेंटके नेतृत्व और विशिष्ट अधिकारीगण एवं करीब 350 (डिप्टी कमाण्डेन्ट्स, असिस्टेंट कमाण्डेन्ट्स, सुबेदार्स, नाइक सुबेदार्स और जवानोंकी उपस्थिति मेंसुबह 6.30 बजे से 7.30 बजे तक और ओडिशा स्टेट आर्म्ड पुलिस, 3rd बटालियन केश्री राजेंदर प्रसाद बेहेरा जी, कमांडेंटके नेतृत्व और विशिष्ट अधिकारीगण एवं करीब 70 जवानों की उपस्थिति मेंसुबह 11.30 बजे से 12.30 बजे तक चले कार्यक्रम को  बी. के. राजीव ने अति सहज रीति से जीवन जीने की कला से सभी को अवगत करवा के व्यवहारिक स्तर पर महत्व बताया एवं स्पष्ट रूप से सभी का ध्यान स्वयं पर केंद्रित करवाते हुए सहज राजयोग का अभ्यास सिखलाया जिसको पूरी तन्मयता और लगन से सभी ने आनंद लेते हुए किया। इसी सत्र के दौरान स्वप्रेरणा का प्रशिक्षण देते हुए  रोज़ाना उसका अभ्यास करने से अपने जीवन में एक सकारात्मक नशे को अवश्य धारण करने की राय दी ताकि हमारा जीवन खुशियों से भरपूर हो जाए जिसमें ब्रह्माकुमारीज द्वारा 8 दशकों से सिखाया जा रहा राजयोग अति कारगर सिद्ध हुआ है। इस कार्यक्रम द्वारा सभी को वर्तमान में ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा चलाये जा रहे नशा मुक्ति जागरूकता की जानकारी से अवगत कराते हुए मात-पिता की अहम् भूमिका पर भी प्रकाश डाला अतः अपने बच्चों के सुन्दर भविष्य निर्माण हेतु नशीले पदार्थों को त्यागने का संकल्प भी सभी ने लिया।

कार्यक्रम के अंत में कोरापुट क्षेत्र की प्रभारी राजयोगिनी बहन स्वर्णा ने सभी को धन्यवाद देते हुए आंतरिक शक्तियों के विकास में अति कारगर राजयोग सीखने का आग्रह किया एवं श्री प्रकाश चन्दर त्रिपाठी जी औरश्री राजेंदर प्रसाद बेहेरा जी को ईश्वरीय उपहार से सम्मानित करके प्रसाद से मुख मीठा करवाया एवं मधुबन आने का निमंत्रण दिया। फोटोज और वीडियोस का डाउनलोड लिंक https://drive.google.com/drive/folders/1nmx2cjPSDAtGku8GAmyr_fFRcYZyhF8_?usp=share_link

ब्रह्माकुमारीज़ की तरफ से इन प्रोग्राम्स को सफल बनाने में राजयोगिनी बहन स्वर्णा, बी. के. श्रीमती (इंचार्ज – रायगड़ा सेवाकेंद्र) , बी. के. उषा (संचालिका – टिकरी उपसेवाकेन्द्र), बी. के. रमा, बी. के. रिंकी, बी. के. पिंकी, बी. के. सुरेश भाई, रायगड़ा, और बी. के.  सूर्य भाई का अथक सहयोग रहा। 

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