मुख पृष्ठब्र. कु. सूर्यस्वमान में रहें तो शान में रहना सहज हो जायेगा

स्वमान में रहें तो शान में रहना सहज हो जायेगा

न तो मनुष्य को अपनी हिम्मत को, कॉम को छोडऩा चाहिए। और ये एक बहुत सुन्दर बात है जिसको आप जीवन में साथ लेकर चलें कि एक द्वार बंद हुआ है, दूसरा खुला है उसे ढूंढ लो।

म सभी ब्रह्मावत्सों को भगवान का साथ मिला है, सुन्दर जीवन मिला है। हमारे भाग्य का सितारा बुलन्द है। स्वयं भाग्यविधाता हमारा हो गया है, इसलिए हमें छोटी-छोटी बातों में परेशान नहीं होना चाहिए। छोटी-छोटी बातें तो आयेंगी, लोग आपको परेशान भी करेंगे लेकिन कईयों के मुख पर ये जो शब्द रहता है कि मैं बहुत परेशान हूँ, इसको चेंज करें। मैं बहुत खुशनसीब हूँ, मैं बहुत भाग्यवान हूँ ऐसा कर लें कि लोग परेशान कर-कर के खुद परेशान हो जायें। आपको परेशान करने आयें, बिना मतलब की बातें करें, उल्टा-सुल्टा आपके लिए प्रचार करें, आपका मन तोडऩे का प्रयास करें,लेकिन खुद परेशान हो जायें। क्योंकि नुकसान उस व्यक्ति का होता है जो बहुत ज्य़ादा व्यर्थ संकल्प में रहता है। अगर आप बहुत सुन्दर संकल्प कर लें कि स्वयं भगवान ने मुझे श्रेष्ठ शान दी है, स्वमान दिया है,अपना दिल तख्त दिया है आओ इस पर बैठ जाओ। मनुष्यों की बातें तो बहुत छोटी हैं, मूल्यहीन हैं। मुझे इन छोटी और मूल्यहीन बातों को याद करके अपने को परेशान क्यों करना है! परेशान तो वो हों जो पाप आत्मायें हैं, परेशान तो वो हों जो गलत काम कर रहे हैं। मैं तो पुण्य आत्मा हूँ, मुझे परेशान होने की क्या ज़रूरत है! जिसे भगवान ने चुना है, जिसपर भगवान की छत्रछाया हो वो परेशान क्यों होंगे, बाबा के महावाक्य- श्रेष्ठ शान में रहो,परेशान होंगे ही नहीं। परेशान, शान से तुम परे हो जाते हो तो बहुत परेशान हो जाते हो।
आपका साथी ऑफिस में आपको परेशान करने की कोशिश कर रहा है। आपकी उल्टी-सुल्टी कम्पलेन ऊपर करता रहता है। और आप सोचने लगते हैं कि कहीं ये मेरा नुकसान न कर दे, कहीं इसके कारण मेरा प्रमोशन न रूक जाये, होता रहता है ऐसा। तो आप इन सब बातों को सोच-सोच कर परेशान हो रहे हैं, खुशी आपकी जा रही है, बीपी आपका हाई हो गया है, उस व्यक्ति के बारे में भी आपके मन में निगेटिव एटीट्यूड हो गये हैं, आप उसे अपना शत्रु मानने लगे हैं देखिए कितनी कमज़ोरियां एकसाथ आ गईं। अगर आप मस्त रहने लगें कि मुझे भगवान साथ दे रहा है, जो कुछ होगा देखा जायेगा। मुझे कोई कमी नहीं पड़ेगी जि़ंदगी में, सबकुछ ठीक हो जायेगा। ऐसे संकल्पों से आप इन परेशानियों से सदा मुक्त रहें। संकल्प कर लें- जिसको आगे बढऩा है, जिसको भगवान आगे बढ़ाता हो उसे मनुष्य क्या रोकेंगे! जिसके सभी द्वार भगवान ने खोल दिए हों उसके द्वार कैसे कोई बंद करेगा, जिसका साथी हो भगवान उसे क्या रोकेंगे आंधी और तूफान। अपने को मस्त बना दो। वो व्यक्ति भी जब आपको ऐसी मस्त अवस्था में देखेगा तो सोचेगा तो सही कि मैं इसकी उल्टी-

सुल्टी शिकायत कर रहा हूँ इसे तो कोई फर्क ही
नहीं पड़ रहा। बड़ा मनमौजी व्यक्ति है। आपके वायब्रेशन उसको बदल देंगे। दूसरा तरीका, कोई आपसे शत्रुता कर ही रहा है इस तरह तो आप संकल्प करो कि इस शत्रु को मुझे अपना मित्र बनाना है। एक होता है कि उसके पास जाकर लड़ाई शुरू कर दो कि तुम ऐसा क्यों कर रहे हो, ये, वो, देखूंगा तुम्हें। अगर मैं तुम्हारी उल्टी शिकायत कर दूंगा तो क्या होगा, लड़ाई होगी। वातावरण बिगड़ जायेगा,लेकिन आप एक सुन्दर संकल्प करें कि एक राजयोगी के पास तख्त है शत्रु को मित्र बनाने के। आप बस इतना करें कि उसके प्रति आपके मन में जो क्रोध आ जाता है, उसको न आने दें। मित्रवत व्यवहार करते रहें, वो अपना काम कर रहा है। अगर वो अपनी इस गलत आदत को नहीं छोड़ता तो मैं अपनी महानताओं को क्यों छोड़ूं, संकल्प कर लें। तो आप महान बनते जायेंगे। और जो गलत काम करता है वो डाउन होता ही जायेगा। सवेरे उठकर अपने सब्कॉन्शियस माइंड की शक्ति का प्रयोग करें, उसे आत्मा देखें। संकल्प करो कि ये आत्मा बहुत अच्छी है, मेरी गुड फ्रेंड है। ये दूसरा संकल्प है कि आप कर पायेंगे या नहीं कर पायेंगे। देख लो इस पर विचार कर लो। अगर आप करने लगे कि ये बहुत अच्छा व्यक्ति है। ठीक है मन में कुछ हो गया होगा, मेरी कम्पलेन कर रहा, बुराई कर रहा लेकिन फिर भी वो अच्छा है। चार-पाँच बार सुबह संकल्प कर देें। पाँच मिनट उसे योग के वायब्रेशन दें। वो अवश्य बदल जायेगा क्योंकि हमारे वायब्रेशन दूसरों पर प्रभाव न डालें ये तो हो ही नहीं सकता। तो चाहे कुछ भी हो जाये हम परेशान नहीं होंगे। न तो मनुष्य को अपनी हिम्मत को, कॉम को छोडऩा चाहिए। और ये एक बहुत सुन्दर बात है जिसको आप जीवन में साथ लेकर चलें कि एक द्वार बंद हुआ है, दूसरा खुला है उसे ढूंढ लो। कहीं आपको सफलता नहीं मिल रही। दूसरे पर आपके थॉट चलने लगें कि उधर सफलता अवश्य मिल जायेगी। तीसरे पर चलो परेशान न हों, परेशान होने से आजकल मानसिक रोग बढ़ रहे हैं। मैं सबको इस बारे में सावधान करना चाहता हूँ कि जो चिंतायें हैं, ये एंग्जाइटी में बदल रही हैं। लोग डॉक्टर्स के पास जा रहे हैं, दवाई खा रहे हैं, दवाईयों से ब्रेन डल हो रहा है कि कोई ज्य़ादा सो रहे हैं। परेशान होके कईयों का हाई बीपी हो गया है, हार्ट पर इफेक्ट आने लगा है। लेकिन थोड़ा इसमें हम कहते हैं कि बेफिक्र बादशाह बन जाओ। जो कुछ होगा ठीक है, मस्त रहना सीख लें। ऑपन कर दें अपने आपको। ऑपन माइंडेड कर दें। ऊंचे विचारों में रमण करना शुरू कर दें।
ऐसे भी तो लोग हैं जिनका सबकुछ नष्ट हो गया प्रकृति के प्रकोप में, किसी का कोरोना में, किसी का और किसी बीमारी में, फिर भी कई लोगों ने हिम्मत नहीं हारी, और जब हिम्मत नहीं हारी, परेशान नहीं हुए तो मार्ग निकल ही आया। इसलिए अब ईश्वरीय शान में आ जाओ। मैं भगवान की संतान हूँ। उसने हज़ार भुजाओं की छत्रछाया मेरे ऊपर लगाई है। फाइनली वही जि़म्मेदार है। इन परेशानियों को सबको उसके हवाले कर दो और उससे खुशी की सौगात ले लो। तो जीवन उमंगों में, आनंद में, खुशियों में बीतेगा। और ये जीवन बड़ा सुखदायी हो जायेगा।

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