मन की बातें

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प्रश्न : मैं फरीदाबाद से हूँ। मैं 6 साल से ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़ी हुई हूँ। मेरा सवाल ये है कि हमारी प्रॉपर्टी फँसी हुई है। हमने ब्याज पर पैसे लेकर बहुत सारे फ्लैट्स लिए थे। वो फ्लैट्स अभी बिक नहीं रहे। और ब्याज पर जो पैसा लिया था वो भी हमें मास दर मास चुकाना पड़ रहा है। तो इससे परिवार में जो आर्थिक और मानसिक परेशानी है उससे सभी जूझ रहे हैं, कृपया इसका कुछ उपाय बतायें?
उत्तर : मैं सभी को एक बात कहूँगा कि कभी भी अपनी सारी सम्पत्ति इनवेस्ट नहीं करनी चाहिए। और न ही कभी उधार लेकर लगाना चाहिए। कम से कम हमारा परिवार बहुत अच्छा चलता रहे उसके लिए हमें बिल्कुल सेफ अपनी अलग सम्पत्ति रख लेनी चाहिए कि इतना ही हमें अपने काम-धंधे में लगाना है, ये हमारा सेफ है इतना मूल। बाकी इससे हमें अपना कारोबार आगे बढ़ाना है। कम से कम परिवार, बच्चे, उनकी पढ़ाई सारा जो कार्य है रोज़ का जो खर्च है उसमें तो कुछ दुविधा न हो जाये। मैं आपको कहूँगा कि आप बहुत अच्छा-सा एक प्रयोग कर लें,दो स्वमान का अभ्यास सवेरे उठकर 21 बार करेंगे। और वो दो स्वमान हैं मैं मास्टर सर्व शक्तिवान हूँ, मैं विघ्नविनाशक हूँ। भाई साहब को बतायें और वो इस अभ्यास को सवेरे उठते ही 21 बार करेंगे। क्योंकि सवेरे का उठते ही जो हमारे पहले 10 मिनट होते हैं वो हमारा बहुत ही सुन्दर टाइम होता है। क्योंकि उस वक्त हमारा अवचेतन मन पूरी तरह से एक्टिव होता है इसलिए थोड़ा जल्दी उठें और फ्रेश रहें, प्रकृति का आनंद लें और सुन्दर विचार अपने मन में करें। मैं बहुत-बहुत भाग्यवान हूँ, मैं बहुत सफल हूँ अपने जीवन में, मेरा जीवन बिल्कुल निर्विघ्न है। एकदम आनंद के साथ और संकल्प करें कि जितनी भी प्रॉपर्टी मैंने खरीदी हुई है वो सब सेल हो गई है, सबकुछ अच्छा हो गया है और लक्ष्य रख लें कि ये काम 6 मास में हो गया है। इसको एन्जॉय करें सवेरे उठते ही। सबकुछ अच्छा हो गया है, सब बाधायें समाप्त हो गई हैं। और आपको 21 दिन तक मेडिटेशन का एक बहुत अच्छा प्लान बना लेना है। रोज़ एक घंटा, एक टाइम फिक्स करेंगे। वो टाइम एक दिन भी मिस नहीं होना चाहिए कि एक दिन ब्याह-शादी में जाना पड़ गया तो चलो आज छोड़ देते हैं,कोई नहीं कल से कर लेंगे ऐसा नहीं। बिल्कुल रेगुलरली सेम टाइम करेंगे, स्थान बदल जाये तो कोई बात नहीं। और यही दो स्वमान के साथ मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ, मैं विघ्नविनाशक हूँ पांच बार ये दोनों स्वमान को याद करें और शक्तिशाली एक घंटा मेडिटेशन करें। राजयोग की बहुत सुन्दर स्थिति कहते हैं कि जिसमें और संकल्प न हों केवल राजयोग के, परमात्मा के, आत्मा के संकल्प हों। ये जो आपकी स्थिति होगी वो विघ्न को नष्ट करेगी। आपके संकल्प काम करेंगे, आपकी योग शक्ति काम करेगी। और निश्चित रूप से आपके कार्य में आपको सफलता मिल जायेगी। दूसरा अभ्यास जो भाई साहब को करना है वो है मैं मास्टर सर्वशक्तिवान आत्मा हूँ, और मैं एक महान आत्मा हूँ। इन दो संकल्पों को अपनी दुकान, अपने केन्द्र में बैठकर जितनी देर भी हो, बीच-बीच में जितना भी टाइम बचता है, 10-15 मिनट तो इनको 10-15 बार कर लिया जाये। ऐसा दिन में कई बार कर लेने से केन्द्र के जो वायब्रेशन्स होंगे वो बड़े अट्रैक्टिव हो जायेंगे। वहाँ से प्युअर और पॉजि़टिव एनर्जी वायब्रेट होने लगेगी। और ये हमारे वायब्रेशन्स बहुत काम करते हैं। ऐसे अभ्यास करने से सबकुछ ठीक हो जायेगा।

प्रश्न : मेरा नाम रामलाल अग्रवाल है। मैं पिछले दस वर्षों से ईश्वरीय विश्व विद्यालय से जुड़ा हुआ हूँ और पिछले वर्ष हमने अपनी बेटी की शादी की तो थोड़े ही दिनों के बाद उसके पति ने सुसाइड कर लिया और तभी से मेरी बेटी डिप्रेशन में है, सारे दिन कमरे में बंद रहती है और किसी से बातचीत भी नहीं करती। समझ में नहीं आता कि हम क्या करें?
उत्तर : हो सकता है कोई कारण ऐसा हो गया हो वो अपने को बहुत जि़म्मेवार समझती हो कि मेरे कारण मेरे पति ने ऐसा कर लिया है। और हुआ हो किसी और कारण की वजह से। जब व्यक्ति डिप्रेशन में आता है तो कहीं न कहीं उनकी भावनाओं को बहुत ठेस लगती है। अब उनको ये सोचना चाहिए कि ये जो हो गया वो चाहे किसी भी कारण से हुआ हो, कोई भी उसका निमित्त बना हो लेकिन अब तो हमें अपने भविष्य को सुन्दर बनाना है। एक ही घटना पर तो हमें ठहर नहीं जाना है क्योंकि जीवन यहीं तो समाप्त नहीं हो जाता। अपने आप को इस चीज़ से निकालना होगा। आप अपनी बच्ची को बहुत अच्छे वायब्रेशन्स दें। क्योंकि वो परवश हो गई है निगेटिव एनर्जी के, डिप्रेशन के। वो उससे बाहर निकलना अगर चाहे भी तो उससे नहीं हो पा रहा है। आप रोज़ आधा घंटा उसके लिए मेडिटेशन करें। उनको सामने लाकर, आत्मा देखकर अच्छे वायब्रेशन्स दें। सवेरे एक टाइम फिक्स करके उन्हें अच्छे थॉट्स दें। वायब्रेशन्स देने का तरीका है मेडिटेशन में बैठें और सर्वशक्तिवान से मुझे शक्तियां आ रही हैं, पहले ये अभ्यास करें। फिर संकल्प करें मुझसे ये शक्तियों के वायब्रेशन उनको जा रहे हैं। जैसे एक फाउंटेन सुखों का, शक्तियों, शंाति का, पवित्रता का उसको जा रहा है उससे माइंड टू माइंड बात करें चाहे वो कहीं भी है। आपसे दूर है या पास है। बात करें तुम तो बहुत अच्छी आत्मा हो, तुम तो भगवान की बच्ची हो। ये जीवन तो सुखों के लिए है। चलो तुम्हारे जीवन में एक बुरी घटना हो गई है अब इससे बाहर आ जाओ। तुम तो देवकुल की आत्मा हो। तुम्हारे सिर पर तो भगवान के आशीर्वाद का हाथ है। अभी निकलो इससे बाहर, अपने जीवन में न्यूनेस(नवीनता)लाओ। अपने भविष्य को उज्जवल बनाओ। तुम बहुत बुद्धिमान हो, तुम बहुत समझदार हो। तो ऐसा करने से उसमें जागृति आयेगी। उसके मन में आयेगा कि नहीं मुझे इससे बाहर निकलना है। तो ये दो चीज़ें करने से इन सब समस्याओं से वो बाहर आ जायेगी।

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