मन की बातें

प्रश्न- निगेटिव, व्यर्थ संकल्प मुझे बहुत चलते हैं। इसके लिए क्या अभ्यास करूं कि मन पॉजि़टिव हो जाए?

उत्तर- बहुत लम्बे समय से चलाए होंगे। बाबा मुरलियों में इसका उत्तर देते हैं कि सी नो ईविल, हियर नो ईविल और टॉक नो ईविल। ये तीन चीज़ों पर बैन लगा दें, जिनका भी ये प्रश्न है। नेट पर भी बहुत गन्दी चीज़ आजकल देखते हैं लोग, बुरी-बुरी चीज़ें सुनते हैं फिर बोलते भी हैं। उससे निगेटिव संकल्प बहुत चलते हैं। निगेटिव संकल्पों का तो बहुतों के पास एक सागर है और उसका कारण एक नहीं होता। देहधारियों के प्रति आकर्षण उसका एक साधन कारण, ईष्र्या-द्वेष एक कारण है। हम किसी का अपमान करें या कोई हमारा अपमान करे ये बहुत बड़ा कारण है। व्यावहारिक तौर पर घरों में बहुत लोग असफल हैं, उनको व्यवहार करना नहीं आता है, एक-दूसरे की भावना को हर्ट करते हैं वो भी एक कारण है। तो ईश्वरीय ज्ञान बढ़ाना है आपको अपना ताकि आपका चित्त शान्त होने लगे और जो बाबा का ज्ञान मिलता है उसका थोड़ा-थोड़ा मनन करना। मनन करना माना उसको सारे दिन में याद रखना। आप ये संकल्प कर लो कि आज की मुरली से मुझे 5 प्वॉइंट्स लिखकर अपने पास रख लेनी हैं और उन्हें बीच-बीच में पढ़ लेना है ताकि उनपर चिन्तन चलता रहे। इससे ये व्यर्थ धीरे-धीरे समाप्त होगा। साथ-साथ अपने स्वमान का अभ्यास बहुत करते रहें। जैसे-जैसे आपको रियलाइज़ेशन होगा मैं एक महान आत्मा हूँ, जैसे-जैसे आपको समझ में आएगा कि मैं ईश्वरीय शक्तियों से सम्पन्न हूँ, मैं वही इष्ट देवी हूँ जिसकी मंदिरों में पूजा हो रही है, मुझे विश्व का कल्याण करना है तो ऊंचाई बढ़ेगी। स्पिरिचुअल लेवल हाई होगा और ये व्यर्थ, ये सब नीचे की चीज़ें हैं पीछे छूट जाएंगी।

प्रश्न- मैं बारहवीं कॉमर्स की स्टूडेन्ट हूँ। मैं जब भी पढ़ाई करती हूँ तो एक बार पढऩे से ध्यान में नहीं रहता और अगर पढ़ाई में किसी भी बात को मैं समझ पाती हूँ तो जल्दी भूल भी जाती हूँ, ऐसा क्यों होता?

उत्तर- देखिए ये सब बुद्धि का विषय है। और मैं एक और चीज़ कहंूगा सबके लिए कि कइयों ने अपनी बुद्धि में इतना माल भर लिया है कि नया माल ठहरता ही नहीं है। इसीलिए पुराने माल को डिलीट करना पड़ेगा। जैसे लैपटॉप में जो चीज़ें यूज़ की नहीं होती तो उन्हें डिलीट करते हैं तभी वो ठीक से काम करता है। तो अपनी बुद्धि को भी स्वच्छ करना होगा और उसका तरीका है- अच्छे स्वमानों का अभ्यास। ज्ञान की प्वॉइंटस को याद करें बार-बार तो बुद्धि को एनर्जी मिलने लगेगी। इससे जो बैड चीज़ें बुद्धि में रखी हैं उससे बुद्धि की कई सूक्ष्म शक्तियां डैमेज हो रही हैं। तो सवेरे उठकर 5 बार याद करना मैं बुद्धिवान हूँ, मेरी मेमोरी बहुत सुन्दर है, श्रेष्ठ है, मुझे हर अच्छी चीज़ याद रहती है। बहुत गुड फीलिंग के साथ करेंगे। जो सोयी हुई शक्तियां हैं बुद्धि की वो जागृत हो जाएंगी और काफी मदद मिलेगी। रोज़ किसी भी टाइम आधा घंटा मेडिटेशन भी करना है। नींद और भोजन का भी बैलेंस रखना है। कई बच्चे बहुत पढऩे के लिए नींद कम कर देते हैं। बारहवीं तक के बच्चों के लिए विशेष रूप से 7 घंटे तो होनी ही चाहिए। नहीं तो ब्रेन उससे भी वीक होता है। भोजन छोड़ देते हैं फिर भूख लगेगी तो ज्य़ादा खा लेंगे। तो इससे भी बुद्धि बहुत डल हो जाती है। तो प्रॉपर डाइट और प्रॉपर स्लीप दोनों ही बहुत ही ज़रूरी हैं बुद्धि और मेमोरी के लिए।

प्रश्न- मुझे कोविड हुआ था लेकिन उसके बाद से बिल्कुल भी कंसंट्रेशन नहीं हो पा रहा है और ना ही मैं ध्यान लगा पा रही हूँ। प्लीज़ बताएं कि क्या करूं?

उत्तर- एक तो पानी चार्ज करके पीएं और मुझे ऐसा लगता है कि मन में डर समा गया है क्योंकि उन दिनों जब ये शुरु हुआ था तो बड़ा ही भय का माहौल बना हुआ था चारों ओर। लोग ये कहने लगे कि लोग कोविड से कम लेकिन भय से ज्य़ादा मर रहे हैं लोग। तो आप अपने को चेक कर सकते हैं कहीं आपके अन्दर भय तो नहीं समा गया है और समा गया हो तो सवेरे उठकर 108 बार कुछ दिन लिख लेना कि मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ, निर्भय हूँ। 108 बार ज्य़ादा लगे तो 21 बार से शुरु करना फिर धीरे-धीरे बढ़ाना 10-10 रोज़। मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ, निर्भय हूँ। और मेडिटेशन आप 10-10 मिनट रोज़ कर लें चार बार सारे दिन में और ईश्वरीय महावाक्यों को ज्य़ादा पढ़ें।

प्रश्न- मेरा प्रश्न ये है कि मेरे युगल ज्य़ादातर शराब पीकर ही आते हैं। अब पुलिस में हैं, पहले आर्मी में थे। कभी कोई बहाना, कभी कोई बहाना। मैं ज्ञान में तीन साल से हूँ, वो शुरू से ही ज्ञान के खिलाफ हैं। मैं क्या करूं कि वो भी ज्ञान में आ जाएं, सहयोगी हो जाएं और उनकी ये जो शराब की लत है वो छूट जाए?

उत्तर- देखिए उनको अगर ये स्मृति आ जाए कि वे देवकुल की आत्मा हैं तो ये व्यसन छूट जाएगा। इसलिए भोजन बनाते समय मैं परम पवित्र आत्मा हूँ ये बहुत याद करेंगे। आधा घंटा उनके लिए मेडिटेशन करेंगे रोज़। और तीसरी बात सवेरे जब वो सोये हों पांच बजे के लगभग तो उसे आत्मा देखकर पांच मिनट तक वायबे्रशन्स देना और फिर उसे आत्मा देखकर अच्छी बातें कहना मन से। बहुत अच्छी आत्मा हो, देवकुल की आत्मा हो, तुम तो देवता थे, बहुत समझदार हो, बहुत बुद्धिवान हो ये व्यसन,शराब छोड़ दो। लास्ट में जैसे ये कमांड छोड़ दो। रोज़ इस टाइम करना है 21 दिन। तो उनका सबकॉन्शियस माइंड ले लेगा और जब उठेंगे तो उनको इच्छा होने लगेगी कि अब मैं ये छोड़ दूं। और ज्ञान भी दे दो उसी तरह आप उनको। इस टाइम भगवान आये हैं तुम उनसे अपना अधिकार ले लो। तुम इस समय प्रभु मिलन कर सकते हो। सृष्टि में सबसे सुन्दर समय चल रहा है। पहचानों आये हुए भगवान को। वो भी उठते ही उनकी बुद्धि में जागृत होगा।

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