मुख पृष्ठआजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओरराजयोग से मन की शांति संभव - ब्रह्माकुमार कोमल भाई

राजयोग से मन की शांति संभव – ब्रह्माकुमार कोमल भाई

ग्वालियर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता  ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के मीडिया प्रभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के तहत प्रभु उपहार भवन माधौगंज सेवाकेंद्र पर “समाधान पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर” विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री केशव पाण्डे (वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी), श्री सुरेश डंडोतिया (वरिष्ठ पत्रकार), मुख्यालय माउंट आबू के मीडिया प्रभाग से राजयोगी बी.के. कोमल भाई (चीफ एडिटर मधुबन न्यूज़ एवं शिव आमंत्रण), ब्रह्माकुमारी तुलसी बहन, लश्कर सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी, बी.के.प्रहलाद, बी.के. वेंकटेश उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के शुभारंभ में ब्रह्माकुमारीज लश्कर ग्वालियर की मुख्य इंचार्ज बी.के.आदर्श दीदी ने सभी का स्वागत अभिनंदन किया साथ ही

ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय का परिचय एवं गतिविधियों के बारे में बताया। और कहा कि यह सृष्टि एक रंगमंच है और  हम सब अभिनयकर्ता अगर यह स्मृति रखेंगे तो अपने अभिनय को बेहतर ढंग से प्ले कर सकेंगे।

 कार्यक्रम में डॉ केशव पांडेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि अपने मन में कभी मैं की भावना ना रखें बल्कि हम को लेकर चले इससे आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव होगा बल्कि आप अपने सारे कामों में सफलता भी प्राप्त कर पाएंगे इस क्रम में श्री सुरेश दंडोतिया (वरिष्ठ पत्रकार) ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं है जिसमें गिरावट ना आई हो चाहे वह पत्रकारिता का क्षेत्र हो या फिर समाज राजनीति और प्रशासन इसके लिए जरूरी है कि व्यक्ति खुद में बदलाव लाए तभी समाज में बदलाव लाया जा सकता है मैं कहना चाहता हूं यदि सच लिखना गुनाह है तो मैं आखरी सांस तक यह गुनाह करता रहूंगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू के मीडिया प्रभाग से राजयोगी बी.के. कोमल भाई जी (चीफ एडिटर मधुबन न्यूज़ एवं शिव आमंत्रण) ने कहा कि पत्रकार आईना होता है जिसमें लोग अपनी शक्ल देखते हैं और जब आईना खुद अपनी शक्ल देखने लगे तो समझ लेना चाहिए कि बदलाव की घड़ी आ गई है लोग पत्रकारों के आईने में देखकर ही अपना रास्ता तय करते हैं और जब कभी आईने पर धूल चढ़ जाती है तो लोग उलाहना देते हैं पर आईना किस कदर परेशान है उसके बारे में कोई सोचता नहीं है।

आप सभी से कहना चाहूंगा कि थोड़ा समय निकालकर राजयोग ध्यान का अभ्यास अवश्य करें तो निश्चित मन को शांत और जीवन को बेहतर बना सकते है।

 इसके बाद बी.के.तुलसी बहन ने उपस्थित सभी पत्रकारों को राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराया । कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन बी.के.प्रहलाद भाई ने किया इस अवसर पर प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सभी सम्माननीय पत्रकार साथी एवं संस्थान से जुड़े लोग उपस्थित रहे |

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