छतरपुर: तनाव मुक्ति, शांति अनुभूति राजयोग शिविर का उद्घाटन -मुख्य वक्ता के रूप मे पधारी मधुबन से बी के ऊषा दीदी

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तनाव मुक्ति, शांति अनुभूति राजयोग शिविर का उद्घाटन कार्यक्रम का रंगारंग शुभारंभ
सकारात्मक चिंतन मन की इम्यूनिटी बढ़ाता है – बी के ऊषा दीदी
चुनौतियों को सकारात्मकता से पार करने वाले को हीरो कहते है ।

छतरपुर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय छतरपुर सेवा केन्द्र के तत्वाधान में श्रीमद्भागवत गीता का व्यवहारिक स्वरूप कार्यक्रम के अंतर्गत प्रातः 7:30 बजे तनाव मुक्ति, शांति अनुभूति राजयोग शिविर का आगाज आज सुबह बड़े ही मनमोहक में अंदाज हुआ जिसको देखने व समझने के लिए छतरपुर जिले भर से सुबह सुबह जन सैलाब चाचा जी की रसोई मे उमड़ पड़ा ।
कार्यक्रम का शुभारंभ माउंट आबू राजस्थान से मुख्य वक्ता के रूप में पधारी बी के ऊषा दीदी ने सभी गणमान्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलन कर  परमात्म याद से किया ।तत्पश्चात संस्थान की बहनो द्वारा सभी अतिथियों का अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम का संचालन कर रही छतरपुर सेवा केन्द्र प्रभारी बी के शैलजा बहन जी ने सर्वप्रथम उपस्थित जनसमूह को बी के उषा दीदी का संक्षिप्त परिचय दिया ।
तत्पश्चात बी के ऊषा दीदी ने प्रथम सत्र के विषय ” स्व की शक्ति की पहचान से तनाव मुक्त जीवन ” पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आध्यात्मिक प्रतिरोधक शक्ति जब कम होती है तो हर एक छोटी बड़ी बात मन को प्रभावित करती है । तनाव का मतलब जब किसी के ऊपर दबाव बढ़ता है और उसके मन की कैपेसिटी उतनी नही होती तब तनाव होता है । डर तनाव का ही एक स्वरूप है आज व्यक्ति के ऊपर कई दबाव है – एक भूतकाल का दबाव, दूसरा भविष्य का दबाव साथ ही वर्तमान का दबाव । इन सब दबाव के बीच मे व्यक्ति है । आज का इंसान चारों ओर से दबाव महसूस कर रहा है। जिस युग मे हम जी रहे है वह अनिश्चितता का युग है इन सभी दबाव से निकलने के लिए स्प्रिच्युअल इम्यूनिटी को बढ़ाने की आवश्यकता है दादी-नानी जिस प्रकार शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के नुस्खे देती है । ठीक उसी तरह सकारात्मक चिंतन से मन की इम्यूनिटी को बढ़ाया जाता है । उन्होंने कहा आज के व्यक्ति के पास  आध्यात्मिकता के लिए टाइम नहीं है।आध्यात्मिक चिंतन मन के लिए पौष्टिक आहार है । मेडिटेशन और आध्यात्मिकता के माध्यम से हम अपने मन की धार तेज करें ! मन  को सशक्त और पावरफुल बनाये । जीवन को खेल की रीति से खेलें।
उन्होंने खेल का  उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में क्रिकेट खेल बहुत पसंद किया जाता है जिस तरह एक टीम के ग्यारह खिलाड़ी अपोजीशन के दो खिलाड़ी को घेरे खड़े होते है और उसे हर तरह से आउट करना चाहते है और बल्लेबाज जब अच्छा शाॅट खेलता है तो दर्शक उसका अभिवादन करते है । ठीक उसी तरह आज का मनुष्य जीवन है जो चारो ओर से समस्याग्रस्त है और जो इसमे सही निर्णय लेता है वह सफल है चुनौती के अंदर अच्छे डिसीजन लेने होते है तब सभी एप्रीसिएट करते है । चुनौतियों को सकारात्मकता से पार करने वाले को हीरो कहते है ।
सुबह के सत्र  में गणमान्य नागरिकों मे महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री जे पी मिश्र , जिले के अग्रणी कॉलेज कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य श्री एल एल कोरी ,सीआईएसएफ डायरेक्टर उर्वशी जी, पूर्व नपा अध्यक्ष अर्चना सिंह जी सहित नगर के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे । अंत मे संस्थान की बहनों के द्वारा शानदार स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात ईश्वरीय प्रसाद प्रदान किया गया।।

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