ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित “मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर” अभियान के द्वारा अनेकानेक लोगों को दिया सन्देश…
ग्वालिय-लश्कर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग द्वारा राष्ट्रीय अभियान “मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत” के अंतर्गत “मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर” अभियान के अतंर्गत ग्वालियर ग्लोरी हाई स्कूल, बाल भवन नगर निगम, पुलिस अधीक्षक (रेडियो) ऑफिस, महात्मा गांधी लॉ कॉलेज एवं सागर ताल रोड ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र पर व्यसन मुक्ति जागरुकता कार्यक्रम आयोजित हुए ।
इस प्रोग्राम में बोलते हुए वक्ताओं ने बताया कि एक अध्ययन के अनुसार नशे की 71 प्रकार की कीमत है और वह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि उसके साथ उसका परिवार, हमारा समाज और पूरा राष्ट्र चुकाता है। व्यक्ति पहले नशे पर खर्च करता है, फिर उससे होने वाली बीमारी पर खर्चा करता है, दवाई लेता है, डॉक्टर की फीस देता है नर्सिंग होम का खर्चा देता है, नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती होता है। तो जो धन और एनर्जी बच्चों की परवरिश पर खर्च होना चाहिए वह नशे पर खर्च होता है जो आगे चलकर परेशानी और गरीबी का कारण बन जाती है |
नशे का खर्च पूरा करने के लिए पहले घर पर चोरी करता है, फिर अपराध करता है इसलिए आज हम देख रहे दिन प्रतिदिन चोरी और अपराध बढ़ते जा रहे हैं | आज व्यक्ति जुआ खेलता है और पूरा समाज उसके असामाजिक व्यवहार की कीमत चुकाता है | हमारा देश प्रति वर्ष केवल तम्बाकू के नशे से होने वाली बीमारी पर 177341 करोड़ रुपया खर्च करता हैं।
तो जरा विचार तो करिए आप अपने को बीमार कर रहे है, अपने परिवार को गरीब कर रहे है, देश को गरीब कर रहे हैं। एक कमाने वाला व्यक्ति नशे के कारण बेकार हो जाता है, आप किसका भला कर रहे है, किसको अमीर बना रहे है, उन अन्य कंपनियों को जो नशे का सामान बेचती है |
इसलिए हर व्यक्ति को इस पर विचार करना चाहिए खुद भी नशे से दूर रहे और दूसरे को भी नशे से बचाएं तभी यह समाज नशे से मुक्त बन पाएगा |
अभियान में बी.के. डॉ. गोमती, बी.के. डॉ. भारती, बी.के. रूपा, बी.के रंजू दीदी, बी.के.आदर्श दीदी, बी.के.रीता, बी.के. विनीता, बी.के. प्रहलाद, बी.के. ज्योति, बी. के. सुरभि, बी.के. विजेंद्र आदि मौजूद रहे।
वही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के द्वारा बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग भी दी गयी जिसमें डॉ. ब्रजेश सिंघल, डॉ. राहुल सप्रा, डॉ. प्रकाश वीर आर्य, डॉ. स्नेहलता दुबे शामिल रहीं ।