सादाबाद: मुस्लिम भाइयों के लिए “खुदा का पैगाम आपके लिए – दया एवं करुणा से जन्नत की ओर…” विषय पर भव्य कार्यक्रम

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सादाबाद(उ. प्र.): मुस्लिम भाइयों की उपस्थिति में खुदा का पैगाम आपके लिए ” दया एवं करुणा से जन्नत की ओर…” विषय पर ब्रह्माकुमारीज़ शिव शक्ति भवन, सादाबाद में भव्य कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम में सादाबाद मस्जिदों के इमाम हाफिज मोहम्मद नजर जी, हाफिज मोहम्मद जाविद जी, भरतपुर से आगरा सह क्षेत्रीय प्रभारी ब्रह्माकुमारी कविता बहिन जी, कवि नूर मोहम्मद नूर, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बी. के भावना बहिन जी, डॉ ज्वाला सिंह जी, कवि जयप्रकाश पचौरी जी, भाई अंजान खान आदि मेहमानों की उपस्थित में दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुभारंभ हुआ। सर्वप्रथम छोटी बालिका उजमा ने अपने काव्य पाठ के द्वारा मोहम्मद साहब की खूबियों को बखान किया।
मुख्य वक्ता भरतपुर से आयी आगरा सह क्षेत्रीय प्रभारी ब्रह्माकुमारी कविता बहिन जी ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में कहा ये संसार खुदा का गुलिस्ता है। वर्तमान समय आवश्यकता है उस खुदा परमात्मा को जानने की और स्वयं को जानने की । एक समय था आपस में भाईचारा था दुनिया में चैन अमन था। भारत स्वर्ग, जन्नत  कहलाता था। आज वो समाप्त होता जा रहा है। कहाँ गया वो भाईचारा, कहाँ गया वो भाई भाई का प्यार। वर्तमान समय उस परवरदिगार की दया एवं करुणा रहमत बरस रही है। आज धर्म , पुस्तकों में बंद है। हम सभी धार्मिक तो कहलाते है लेकिन जीवन में धारणा नही है। जितने भी धर्म पिता आये, धर्म स्थापक आये उन्होंने कभी भी गलत  व बुरी शिक्षाएं नही दी। सबका मकसद  मनुष्यत्माओ के अंदर दया एवं करुणा भरना था। लेकिन आज चंद धर्म के ठेकेदारों ने  जो माहौल बनाया है कि आज इंसान, इंसान से डर रहा है। आसुरी संस्कारों के मनुष्यों ने ही आज इस संसार को दोजक बनाया है। अभी  वह खुदा, परमात्मा पुनः इस जहन्नुम दुनिया को  जन्नत बनाने के लिए आया है। बस हम सभी को उस परमात्मा के सिद्धांतों ,शिक्षाओं, व धारणाओं को अमल में लाना ही है। तभी दया एवं करुणा से जन्नत जाने का मार्ग तय होगा।
सादाबाद मस्जिद के इमाम हाफिज मोहम्मद नजर जी, ने  कार्यक्रम में पहुँच कर अपनी खुशी प्रकट करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी बहनों की बातें जो मेरे दिल में घर कर  गयी है । मैं सार रूप में यही कहना चाहूँगा कि एक ही डोर में बंध गयी तुमने इस तय उल्फत को इतना लंबा कर दिया। जब दुनिया के सारे इंसान आपस मे भाईचारा और ऊंच नीच से परे थे वो युग सुनहरे नाम से जाना जाता था। आज इंसानियत भाईचारा व हमदर्दी खत्म होती जा रही है । इस कार्यक्रम के माध्यम से यही कोशिश है कि दया एवं करुणा के द्वारा आपस मे भाईचारा व विश्व में चैन व  अमन आये।
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बी. के. भावना बहिन जी कहा  कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ही जन जन को परमात्म संदेश देना है कयामत कायम होने वाली है । कयामत कायम होने से पहले खुदा के नियम को जान खुदा के सीधे रास्ते पर चलना अर्थात उस परमपिता परमात्मा की शिक्षाओं को धारण कर जीवन मे दया एवं करुणा अपनाकर जन्नत जाने का मार्ग तय करें अर्थात उस परमपिता परमात्मा के वर्से के अधिकारी बनना। स्थानीय कवि नूर मोहम्मद नूर जी ने काव्य पाठ के द्वारा दया एवं करुणा  के शब्दों द्वारा जन्नत जाने का संदेश दिया।
इस अवसर पर डॉ. ज्वाला सिंह जी , दाऊजी से आयी बी. के. सीमा दीदी, कवि जयप्रकाश पचौरी जी, राजीव शर्मा प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर, प्रीतम सिंह आदि मेहमानों ने इस विषय पर अपने गीत, कविताओं, शेरो शायरी व अपने वक्तव्य के माध्यम से अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।  कार्यक्रम में मोहम्मद सफी, मोहम्मद अंजान, मजीद खान भरतपुर, दिलशाद खां, भूरा खां, सैतान सिंह,  महेश भाई, बी. के. बबिता बहिन, रामबाबू बघेल, बी. के. मिथलेश बहिन, मधुवन भाई, राधा बहिन, पूजा बहिन आदि अनेक भाई बहिन उपस्थित रहे।

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