जो रिजॉल्यूशन हम साल के पहले दिन करते हैं, उन्हें हर रोज़ सुबह करना है। अगर इस छोटी-सी आदत को आज अपना लें, तो हर दिन नया होगा।
अपना हर दिन आशीर्वाद और दुआओं के साथ शुरू करें। अगर हमने अपना पूरा दिन इस विचार प्रक्रिया के साथ गुजारा कि फलां व्यक्ति ऐसे क्यों है या उनको ऐसा नहीं करना चाहिए, तो इससे हमारे मन के ऊपर एक तरह का पैटर्न बनता चला जाएगा। रात में सोने से पहले हमें उस पैटर्न को बदलना है, दूसरों को और खुद को आशीर्वाद देना है। ब्लैसिंग्स देंगे, तो मिलेंगी भी। फिर वो ब्लैसिंग शरीर को मिलेगी। वो दिव्य स्पंदन(कंपन) या अनुभूतियां सारी रात हमारे शरीर को मिलेंगी। उसमें शरीर की भी हीलिंग हो जाती है। फिर वो स्पंदन उन तक पहुंचेंगे, जिससे रिश्तों की हीलिंग हो जाती है। फिर वो वायब्रेशन्स पूरे वातावरण में फैलेंगे, इससे पर्यावरण की भी हीलिंग हो जाती है।
यह कोई जादू नहीं है। रात को सोने से पहले अपने विचारों को बदलने से जि़ंदगी में वाकई चमत्कार होगा। अपने को ब्लैसिंग की भाषा बोलना सिखाएं। सोने से पहले एक डायरी में लिख सकते हैं या आप एकांत में बैठकर वो विचार पैदा कर सकते हैं। जैसे वह बहुत अच्छे व्यक्ति हैं। हो सकता है कि उनके व्यवहार के पीछे कुछ कारण हो। अगर गलत व्यवहार उनकी आदत है, उनका संस्कार है तो उनको ब्लैसिंग देना तो और भी ज़रूरी है। रात को सोने से पहले उनके लिए ब्लैसिंग पैदा करें। यह ब्लैसिंग ताकतवर ऊर्जा है। सबसे पहले यह आपके मन में जमी धूल को साफ कर देगी। फिर आपके मन में बहुत शुद्ध भावनात्मक पैटर्न बनाना शुरू करेगी। फिर ये वायब्रेशन्स उन तक पहुंचेंगे। दुआएं असंभव को संभव कर देती हैं।
आज से एक नया संस्कार बना लेते हैं कि रोज़ रात को सोने से पहले उस दिन की भावनाओं को क्लोजर(समाप्ति) देना है, माफ करना है, सॉरी बोलना है, लेकिन सबसे ज्य़ादा ज़रूरी है कि आशीर्वाद देना है। अगर खुद से भी गलती हो गई है, किसी से सही व्यवहार नहीं किया तो खुद को भी क्लोजर कहना है। क्रक्रमैं अपने आपको क्षमा करती हूँ, मैं शक्तिशाली आत्मा हूँ, मैं बहुत शंातिपूर्ण आत्मा हूँ।ञ्ज अपने आपको भी आशीष देना बहुत ज़रूरी है, ये हमारा पहला संस्कार है। सब कुछ परफेक्ट है। सफलता निश्चित है। कल का दिन बहुत सुंदर बहुत प्यारा है। ऐसी ब्लैसिंग पैदा करनी है, अपने लिए भी और परिस्थितियों के लिए भी, लोगों के लिए भी, लोगों के व्यवहार के लिए भी।
जो संकल्प आप पहले दिन करते हैं उसी संकल्प को हर दिन दोहराना है जैसे – मैं शक्तिशाली आत्मा हूँ, जो सोचूं वो मैं कर लेती हूँ, हर चीज़ हमारे लिए संभव है, मेरे लिए सबकुछ संभव है, मेरे लिए सबकुछ सहज है सरल है, मैं हूं ही पॉवरफुल, मैं हूँ ही लवफुल, मैं असंभव शब्द नहीं हूँ, मेरा हर रिश्ता खूबसूरत है।
नए साल में हमने जो प्रतिज्ञाएं बनाई हैं, उन रिजोल्यूशन पर हर सुबह दृढ़ता का पानी, फिर थोड़ी-सी धूप भी चाहिए। तो वो धूप है परमात्मा की शक्तियों की किरणें। अगर हम इस छोटी-सी आदत को आज अपना लेते हैं तो हमारे लिए हर दिन नया होगा।