ग्वालियर :ब्रह्माकुमारीज केंद्र माधौगंज में प्रशासन में उत्कृष्टता लाने के लिए आध्यात्मिकता की आवश्यकता विषय पर कार्यक्रम आयोजित

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ग्वालियर,मध्य प्रदेशप्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के  प्रशासक प्रभाग द्वारा “प्रशासन में उत्कृष्टता लाने के लिए आध्यात्मिकता की आवश्यकता” विषय पर सम्मलेन प्रभु उपहार भवन, माधौगंज केंद्र पर आयोजित हुआ ।
जिसमें मुख्य रूप से मध्य प्रदेश शासन में उर्जा विभाग के ग्वालियर चम्बल संम्भाग के प्रभारी एस.ई. श्री अरविन्द कुमार शर्मा, आर्मी अफसर श्री अरविंद्र झा , इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंधक श्री दिनेश कुमार,  शिक्षाविद श्रीमति रेणु शर्मा, ब्रह्माकुमारीज लश्कर केंद्र प्रभारी बी.के. आदर्श दीदी जी, महाराजपुरा केंद्र प्रभारी बी. के. ज्योति बहन, बी.के.प्रह्लाद भाई उपस्थित थे | 
कार्यक्रम के शुभारम्भ में बीके आदर्श दीदी ने संस्थान के प्रशासक प्रभागके द्वारा पूरे भारत में हो रही सेवाओं के बारे में सभी को बताते हुए कहा कि सबसे अच्छा प्रसाशक वही हो सकता है जो सभी को साथ में लेकर चले | छोटे बड़े हर व्यक्ति की विशेषताओं को कार्य में लगाये | इसमें आध्यात्मिकता हमें बहुत मदद करती है | जैसे हम सभी जानते है कि जब हम कहीं भी जाते हैं तो अपने मोबाइल को चार्ज करके जाते हैं क्योंकि आज हम सभी टेक्नोलोजी के आदि हो गए हैं हमें पता है कि हमारा कार्य इसके बिना असंभव है तो चार्जिंग मोबाइल का एक तरह से भोजन है उसी प्रकार हम अपने शरीर को भी भोजन देते हैं ताकि वह सही रीति से अपना कार्य कर सके परंतु क्या हमने कभी आंतरिक शक्ति के बारे में सोचा है जिसकी कमी हो गई है इसलिए आज परेशानियां, दुख, तकलीफ, बीमारियां आदि बहुत तेजी से बढ़ती जा रही हैं । हमने देखा कि आज हर उस फील्ड में जहाँ व्यक्ति एक संगठन के साथ मिलकर कार्य कर रहा है वहां उसे एक बेहतर प्रशासन की आवश्यकता होती है | कई बार हम जैसा चाहते है वैसा नहीं हो पाता इसमें आध्यात्म हमें बहुत मदद करेगा क्योकि अध्यात्म को साथ में लेकर हम अपनी आन्तरिक शक्तियों को बढ़ा सकते है और अपने कार्य को बेहतर ढंग से कर भी सकते है और करा भी सकते है |
आर्मी अफसर श्री अरविंद्र झा ने बताया कि आज वर्तमान समय की जो परिस्थिति है उसमें घर के साथ-साथ प्रशासन को संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है मैं सबसे पहले दो बातों पर ध्यान देना चाहूंगा जिससे हम खुशी खुशी दोनों ही जगहों को मैनेज कर सकते हैं  पहली चीज है रिप्लाई दूसरा है रिस्पांस अर्थात हमसे जब कोई भी सवाल करता है घर हो या हमारा ऑफिस हो हम बिना कुछ सोचे समझे जवाब दे देते हैं और वह कई बार सामने वाले को दुख पहुंचता है और जो कि आपसी मनमुटाव का कारण भी बनता है तो हम इस रिप्लाई को रिस्पांस में परिवर्तन करें अर्थात सोच समझ कर जवाब दे तो आप देखेंगे कि हर कार्य को आसानी से मैनेज कर पाएंगे।
बैंक मैनेजर दिनेश कुमार ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे ब्रह्माकुमारी संस्थान में आकर बहुत अच्छा लग रहा है और मुझे यह जानकार बड़ी प्रसन्नता है कि संस्थान सभी वर्गों के लिए कार्य कर रहा है | आज तनाव हर फील्ड में देखने को मिलता है लेकिन ब्रह्माकुमारीज जैसी संस्थाओं से जुड़कर लोग अपने तनाव को  कम करते है और बेहतर जीवन कैसे जिए इसकी शिक्षा भी यहाँ से लेते है | 
कार्यक्रम में श्रीमती रेणु शर्मा ने बताया मैंने बहुत सारी आध्यात्मिक किताबो का अध्यन किया है | लेकिन जो ज्ञान यहाँ मिला उससे ऐसे ऐसे लगता है कि मेरी खोज पूरी हुई और यहां जो राजयोग सिखाया जाता है वह मेरे लिए ब्रह्म ज्ञान है राजयोग एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे मन को तृप्ति मिलती है एक सुकून मिलता शांति अनुभव होती है |
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे म. प्र. शासन में उर्जा विभाग के एस.ई. श्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि प्रशासन में काम करने वाले वही अपने परिसर को सबसे ज्यादा गंदा करते हैं । गुटका तंबाकू इन सब का सेवन करके इसका कचड़ा वही फेंक देते हैं । हमने हमारे परिसर में कई कदम उठाए परंतु किसी ने भी इस पर ध्यान  नहीं दिया तो मैंने इस  संस्थान से एक चीज सीखी है कि किसी को बोलने से अच्छा स्वयं ही परिवर्तन की शुरुवात करो फिर मैंने परिसर में से कचरा उठाना चालू कर दिया और 1 से 2 दिन में हमारी परिसर में सुधार आ गया मुझे देख कर सभी लोगों ने कचरा फेंकना बंद कर दिया और आज हमारा परिसर स्वच्छ हो गया है बस इतना ही कहना चाहूंगा कि इस संस्था का जो जीवन जीने का कंसेप्ट है बहुत ही अच्छा है और मैने उस कांसेप्ट को जीवन में उतारा है जिससे मुझे लाभ हुआ  है और मेरा प्रयास यह रहता है कि दूसरे भी मेरी जीवन से कुछ सीखें और उनका भी जीवन परिवर्तित हो जाए ।
कायर्क्रम में महाराजपुरा केद्र प्रभारी बी. के. ज्योति बहन ने एडमिन शब्द का अर्थ सभी को बताते हुए कहा कि
ADMIN – ए. अर्थात एक्टिव, डी. अर्थात डिसिप्लेन, एम. अर्थात मैनेजमेंट, आई. अर्थात इंटीग्रिटी और एन. अर्थात नोब्लिटी | प्रशासक में यह सारे गुण होने चाहिए, तभी वह बेहतर प्रशासन कर सकता है |
कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं आभार बी. के. प्रह्लाद भाई ने किया |
कार्यक्रम में विभिन्न फील्ड के अनेकानेक लोग उपस्थित थे |

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