हमें सिर्फ कर्मकर्ता नहीं… कर्मयोगी बनना है

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कई आत्मायें कहती हैं कि जितना समय हम याद में रहना चाहते हैं उतना समय याद ठहरती नहीं है, तो बाबा कहते हैं दो बातें अपने मन में ज़रूर याद करो कि बाबा ने क्या से क्या बनाया है और क्या-क्या दिया। तो प्राप्ति कराने वाला कभी भूलता नहीं है। कल क्या थे और आज क्या बन गये? इसकी बहुत लम्बी लिस्ट बनाके अपने सामने रखो, तो याद कभी भूल ही नहीं सकती। प्राप्तियों को याद करने से खुशी होती रहेगी। सतयुग में भी इतनी प्राप्तियां नहीं होंगी जितनी इस समय संगम पर हमें बाबा से होती हैं। सम्बन्ध भी मिलता है, सम्पत्ति भी मिलती है। इस समय के महत्त्व को जानो और इस समय रूपी खज़ाने को विधिपूर्वक कार्य में लगाओ तो जमा का खाता बढ़ेगा। ऐसे ही हम सर्व शक्तियों के मास्टर सर्वशक्तिवान हैं तो शक्तियों को जैसे और जब भी यूज़ करना हो वैसे कर सको तो उसका महत्त्व और बढ़ता है। जिस शक्ति को हम ऑर्डर करते हैं वो शक्ति हाजि़र हो जाये इसको कहा जाता है मास्टर सर्वशक्तिवान। अगर कोई चीज़ समय पर काम में नहीं आती है तो वो चीज़ होते भी क्या फायदा?
तो चेक करो कि श्रेष्ठ संकल्प द्वारा व्यर्थ समाप्त हो जाता है? क्योंकि व्यर्थ बहुत फास्ट नुकसान करता है अगर व्यर्थ चलता रहा तो मैं मास्टर सर्वशक्तिवान कैसे हूँ? परिवर्तन की शक्ति मेरी समय पर यूज़ ही नहीं होती है तो मैं मास्टर कैसे हूँ! तो यह अभ्यास करना चाहिए। ऐसे नहीं सिर्फ वो सोच ही चलती रहे कि होना तो चाहिए, हुआ नहीं, एक दिन लग गया, दो दिन लग गया। और बाबा ने तो इशारा दिया है कि कोई भी समय किसी का भी अचानक कुछ भी हो सकता है। तो अचानक शब्द को ध्यान में रखते हुए एवररेडी बनके तैयार रहो। फिर तो बस, बाबा ने बुलाया चला गया, ऐसे हो जायेगा। ऐसे एवररेडी हम सबको बाबा बनाना चाहता है। तो हमसे जो बाबा चाहता है वही तो हम बच्चों को करना है। इसी एक धारणा से ही तो मम्मा नम्बरवन में चली गयी।
हमें सिर्फ कर्मकर्ता ही नहीं बनना है, कर्मयोगी बनना है। दुनिया में कर्मकर्ता तो बहुत हैं। कर्मयोगी बनके कर्म करना माना कर्म को एकाग्रता से करना। एकाग्रता माना योग। योग में रहकर के कर्म करने से हर कर्म श्रेष्ठ होगा, सफल होगा। योगी जीवन की आदत भी पक्की हो जायेगी। तो मन की एकाग्रता से बाबा को याद करते रहें और हाथों से कर्म करते रहें तो अन्तिम एक सेकण्ड के पेपर में पास हो सकेंगे। बाप समान बन जायेंगे। तो दिल से कहे बाबा, तो चेहरा एकदम खिल जाये, ऐसी अवस्था अपनी बनानी है। तो बाबा को ऐसा खुश किस्मत वाला खुशनुम: चेहरा दिखायेंगे ना!

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