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गुरुग्राम: मदर्स डे के अवसर पर मन की बात कार्यक्रम का आयोजन हुआ

–  पेरेंट्स  और बच्चों ने की मन की बात
– ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ मन की बात कार्यक्रम का आयोजन
– अंतरराष्ट्रीय मदर्स डे के उपलक्ष में हुआ आयोजन

गुरुग्राम,हरियाणा:
ब्रह्माकुमारीज के गुरुग्राम स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में मदर्स डे के अवसर पर मन की बात कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि दूसरों को अच्छा बनाने से पहले खुद का अच्छा बनना जरूरी है। वास्तव में हमारा मूल स्वरूप बहुत शुद्ध है। लेकिन स्वयं का ज्ञान न होने के कारण हमें अशांति का अनुभव होता है। अपने जीवन को अच्छा बनाना सिर्फ हमारे हाथ में है। कभी भी दूसरों की बुराई को अपने चित्त पर नहीं रखना।

हार को भी सफलता की सीढ़ी समझो –

आशा दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि हार में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। बल्कि हार को भी सफलता की सीढ़ी समझना चाहिए। क्योंकि हार से ही व्यक्ति स्वयं का मूल्यांकन करता है। माता-पिता का आशीर्वाद और दुआएं ही व्यक्ति को आगे बढ़ाती हैं। सच्चाई और सफाई ही जीवन को महान बनाती हैं। सत्यता का मार्ग परमात्मा तक जाता है। इसलिए कहते भी हैं – सत्य ही भगवान है।

इन्होंने भी रखे अपने विचार –

सिटी नर्सिंग होम के निदेशक डॉ. रूप सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज भौतिक रूप से तो जीवन बेहतर हुआ है। लेकिन पारिवारिक और नैतिक मूल्यों का ह्रास हो गया है। डॉ. मंजु गुप्ता ने कहा कि हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक सशक्तिकरण से ही हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को कायम रख सकते हैं।

पैनल डिस्कशन के माध्यम से भी हुई मन की बात –

कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन के माध्यम से अनुभवी वक्ताओं ने अपने मन की बात रखी। 2 वर्षों से राजयोग का अभ्यास कर रही बीके सुबदा ने कहा कि जीवन में सकारात्मक सोच जरूरी है। जो कि योग के निरंतर अभ्यास से ही आती है। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट बीके रवि ने कहा कि पेरेंट्स को बच्चों के साथ फ्रेंडली व्यवहार करना चाहिए। बीके सोनी ने बताया कि पैरेंट्स को बच्चों के लिए एक आदर्श उदाहरण बनना आवश्यक है। मनन ने बताया कि योग से उनकी एकाग्रता बढ़ी है। दृष्टि ने कहा कि योग के अभ्यास से उन्हें कभी भी अकेलापन नहीं लगता। जब भी वो अकेले होती हैं तो परमात्मा के साथ का अनुभव करती हैं। सभी ने माना कि वर्तमान समय डिजिटल डिटॉक्स बहुत जरूरी है। क्योंकि मोबाइल के कारण व्यक्ति का बहुत समय व्यर्थ जाता है। बीके हुसैन ने सभी को राजयोग का गहन अभ्यास कराया।

पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम में अनेक  पेरेंट्स  और बच्चों ने अपने मन की बात रखी।  पेरेंट्स  और बच्चों को अनेक एक्टिविटीज के माध्यम से नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों से अवगत कराया गया। दादी प्रकाशमणि ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में 300 से भी अधिक  पेरेंट्स  एवं बच्चों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन बीके फाल्गुनी ने किया।

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