करेली: परिवार दिवस और मातृ दिवस का संयुक्त आयोजन किया गया

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करेली,मध्य प्रदेश। स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभु उपहार भवन में परिवार दिवस और मातृ दिवस का संयुक्त आयोजन किया गया l  आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर के अंतर्गत परमपिता परमात्मा शिव की स्मृति में नगर की मातृ शक्तियों की उपस्थिति मे दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ l  महिला मोर्चा (सखी मिलन ग्रुप) की मातृ शक्तियों ने ब्रह्मा कुमारीज करेली की मुख्य संचालिका सरोज दीदी सहित ब्रह्माकुमारी बहनों विधी दीदी ,अंजना दीदी ,विनीता दीदी ,शिवानी दीदी को पुष्प हार से सम्मानित किया। राजयोगिनी सरोज दीदी जी ने मातृ दिवस और परिवार दिवस की बधाई देते हुए कहा कि परमात्मा ने मां को अपने प्रतिबिंब के रूप में पालना के लिए भेजा है इसीलिए मां को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है माताएं परिवार का आधार होती है। जिन परिवारों में महिलाओं का सम्मान नहीं होता वहां कभी सुख शांति नहीं रहती, मकान तो हम बना लेते हैं लेकिन उस मकान को स्वर्ग महिलाएं ही बनाती हैं। माताओं में अनंत शक्तियां हैं इसलिए माताओं को शक्तियों के नाम से भी जाना जाता है लेकिन आज माताएं अपनी शक्तियों को भूल गई हैं और इस कारण उनमें आत्म बल की कमी देखी जा रही है । आज फिर आवश्यकता है हमें अपनी शक्तियां पहचान कर उन्हें जागृत करने की और यह परमात्मा के साथ योग लगाने से ही संभव है क्योंकि मातृशक्ति ही हैं जो एक बार पुनः भारत को स्वर्णिम भारत बना सकती और विश्व गुरु का दर्जा दिला सकती है। मुख्य अतिथि के रूप मे महाराणा प्रताप स्कूल के प्रिन्सिपल भुजबल जी पटैल ,भ्राता संतोष कौरव ने सभी को परिवार दिवस और मातृ दिवस की बधाई दी l  कार्यक्रम में वर्तमान परिस्थिति को प्रदर्शित करते हुये एक प्रेरणादायी नाटक की प्रस्तुति भी की गयी l नाटक में बाल एवं युवा कलाकारों द्वारा बताया गया कि कैसे आज छोटी छोटी बातों पर और धन कमाने की अंधी दोड़ में हम अपने परिवार को और अपने आप को भी समय नहीं दे पा रहे हैं औऱ परिवारों में तकरार हो रही हैं l ब्रह्माकुमारी विधि दीदी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की वर्तमान समय मे परिवारों में होने वाले कलह-क्लेश का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कारण आज के समय में लोगों में सहनशीलता की कमी होना ,हम कहना तो सब चाहते हैं लेकिन सुनना और सहना बिल्कुल नहीं, अगर हम अपने परिवार, समाज को पुनः खुशहाल और समृद्ध बनाना चाहते हैं तो हमे अपने वास्तविक स्वरुप को पहचानने की आवश्यकता है जिसमे शांति, हर्षित मुखता ,सहनशीलता,गंभीरता, पवित्रता आदि हमारे मूल स्वभाव है जिन्हे हम भूल गए हैं ।ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र पर हमे राजयोग मेडिटेशन द्वारा परमपिता शिव परमात्मा के प्यार के साथ जीवन जीने की कला सिखाई जाती है। ब्रह्माकुमारी विधि दीदी ने कार्यक्रम में उपस्थित भाई बहनो को राजयोग मेडिटेशन की अनुभूति करायी।       

कार्यक्रम मे बाल कलाकारो द्वारा सुंदर सुंदर नृत्य भी प्रस्तुत किए गए और बी के नारायण भाई द्वारा परिवार और माताओं पर एक बहुत सुंदर कविता (वह परिवार नहीं टूटते जहां गुणगान प्रभु का होता है) भी प्रस्तुत की गयी। अंत में परमात्मा प्यार के गीतों पर नृत्य के साथ प्रभु प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम का समापन हुआ।

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