अम्बिकापुर: महिलाओं के लिये आओ करें सुबह की सैर सुन्दर परिधान साड़ी में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया

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अम्बिकापुर,छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय महिला प्रभाग एवं वसुधा महिला मंच अम्बिकापुर द्वारा स्वस्थ एवं सुखी महिलाओं के लिये आओ करें सुबह की सैर सुन्दर परिधान साड़ी में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 100 से भी अधिक महिलाओं ने अपने पारम्परिक भारतीय पोशाक एवं परिधान को धारण कर लोगों को साड़ी पहन कर सुबह की सैर करने का संदेश दिया।
इस अवसर पर वसुधा महिला मंच की अध्यक्षिका बहन वन्दना दत्ता जी महिलाओं को अपने पारम्परिक सनातन पोशाक एवं परिधान साड़ी को पहनने की बात करते हुये कहा कि आज के इस फैशन की दुनिया में हम अपने साड़ी रूपी सुन्दर पोशाक को भूलते जा रहे है। ऐसे- वैसे वस्त्र पहन कर जब महिलायें घर से बाहर निकलती हैं, तो लोग देखकर हँसते हैं तो अच्छा नहीं लगता है। ऐसा देखकर लगता है, कि महिला के गौरव का परिह्यास किया जा रहा है। आगे उन्होंने कहा कि हम सभी महिलाओं को अपने श्रेष्ठ चरित्र को बनाये रखने के लिये स्वयं को जागरूक करना होगा एवं प्रत्येक महिलाओं को साड़ी रूपी अपने सुन्दर परिधान को पहनने के लिये प्रेरित करना होगा ताकि वो भी अपने पुरातन संस्कृति से प्रेम करें और साड़ी पहनने को अपनी पहली प्राथमिकता दे। आगे उन्होंने कहा कि शरीर को स्वस्थ एवं फीट रखने के लिये रोज सुबह खूब चलें, जिससे शरीर चुस्त- फुर्त एवं एक्टिव रहेगा तथा मन भी दिनभर प्रसन्न रहेगा तो घर- परिवार की जिम्मेदारी को ठीक तरह से निभा पायेंगे।
सरगुजा संभाग की ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी जी महिलाओं को साड़ी पहनने के प्रति जागरूक करते हुये कहा कि ये साड़ी हमारी भारतीय संस्कृति की गौरव, पहचान एवं सभ्यता हैं । यह पोशाक बहुत रॉयल लगता है एवं इस रॉयल्टी के पोशाक में महिलाओं की आंतरिक सौन्दर्यता एवं श्रृंगार भी छिपी हुई है। परन्तु वर्तमान परिवेश में हमारी ये गौरवशाली, गरिमामयी, महिमामयी संस्कृति लुप्त होती जा रही हैं, जिसे वापिस हम महिला शक्ति को मिलकर लानी होगी । आगे उन्होेंने सुबह की सैर की महत्ता बताते हुये कहा कि सुबह- सुबह वातावरण में कॉस्मिक एनर्जी एवं आध्यात्मिक ऊर्जा दोनों बहुत अधिक मात्रा में होती है। इसलिये अगर हम सुबह शांतपूर्वक वातावरण में मन को शांत करके सुबह की सैर करते है, तो वातावरण में शांति की प्रकम्पन्न फैलाते हैं, जिससे तन एवं मन दोनो स्वस्थ रहता है, तन की अनेक बीमारियाँ ठीक हो जाता है, तथा सुबह उगते हुये सूर्य को देखन से ब्रेन की सुषुप्त सेल्स एक्टिव होने लगता है और एकाग्रता की शक्ति बढ़ने लगती हैं।  आगे उन्होंने अपने जीवन के अनुभव को सांझा करते हुये कहा कि सुबह की सैर करने से मेरे कमर का दर्द ठीक हो गया एवं उगते सूर्य को देखने से मेरे आँख की रोशनी बढ़ गयी। इसलिये सभी को अपने व्यस्तम् दिनचर्या में से कम से कम 30 मिनट जरूर निकाल कर सुबह की सैर करें एवं उगते सूर्य की किरणें लें, और अपने इस कीमती बहुमूल्य जीवन को स्वस्थ एवं खुशहाल बनाये।
इस अवसर पर सरस्वती शिशु मन्दिर स्कूल की प्राचार्या बहन मीरा साहू जी आओ करें सुबह की सैर साड़ी में भी इसकी सराहना करते हुये कहा कि आज तक हर  कार्य की शुरूआत पुरूषों के द्वारा किया गया है किन्तु आज यह शुरूआत महिलाओं द्वारा की गयी जो समाज के लिये एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध होगा। और आगे उन्होंने कहा कि आज का यह सैर साड़ी में करने से बहुत अद्भुत और अलग सा अनुभव हो रहा है। इसलिये हमको अपने स्वास्थ्य के लिये स्वयं को जागरूक करना है और रोज ज्यादा तेज चल नहीं सके तो कम से कम चले ही सही।
बहन अनुभा डबराल, बहन गरिमा, बहन मुक्ता गुप्ता, बहन सुषमा सिंह एवं बहन कविता मिश्रा  जी ने भी इस अवसर पर साड़ी परिधान पहनकर सैर करने से हुये अनुभव को सांझा करते हुये कहा कि आज पहली बार साड़ी पहनकर सैर किया, बहुत ही अच्छा लगा एवं सभी महिलाओं ने इस परिधान के साथ सुबह की सैर को निरन्तर जारी रखने का संकल्प किया।

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