बचत का खाता कैसे बढ़ाएं

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ज्ञान तो सुन लिया लेकिन जब तक उस ज्ञान को मनन नहीं करेंगे तब तक अपना नहीं बनेगा। बाबा ने जो ज्ञान का खज़ाना दिया है उस खज़ाने को मनन शक्ति से ही अपना बना सकते हैं

बाबा ने विश्व कल्याण की सेवा की जि़म्मेवारी का ताज आप सबको दिया है। जब से ब्रह्माकुमारी बनी तब से मेरे ऊपर डायरेक्ट बाबा ने यह ताज रखा है, निमित्त टीचर बनाया है।
मौन रखना सबसे अच्छा है। इसके कई फायदे हैं। मौन में मन्सा सेवा करेंगे तो आपका समय बच जायेगा। शुरू में मौन भ_ी के अंतर्गत ही यह सूक्ष्मवतन का राज़ खुला था। तो मौन में रहने से जो टाइम बचेगा उसमें मन्सा सेवा करनी है। योग करना, इसी से सब बचत हो जायेगी। लोग तो स्थूल धन बचाते हैं, लेकिन हमारा मुख्य खज़ाना है – संकल्प शक्ति। क्योंकि योग का आधार संकल्प शक्ति ही है। संकल्प शक्ति के आधार पर ही हमारा योग लग सकता है। और मन साफ होगा तो ज्ञान का मनन हो सकेगा। मन से ही तो मनन करेंगे ना! ज्ञान तो सुन लिया लेकिन जब तक उस ज्ञान को मनन नहीं करेंगे तब तक अपना नहीं बनेगा। बाबा ने जो ज्ञान का खज़ाना दिया है उस खज़ाने को मनन शक्ति से ही अपना बना सकते हैं। समय भी हमारा सबसे बड़ा खज़ाना है। समय भी हमारा सफल किस आधार से हो सकता है, जब हमारा मन ठीक होगा और मन ठीक होगा तो बुद्धि भी ठीक करेंगे। तो सारा आधार हमारा संकल्प शक्ति पर है।
जो यह दिमागी एनर्जी है, वह भी हमारा एक खज़ाना है। दिमाग की इस एनर्जी को भी अगर हम ऐसे ही गंवा देते हैं तो हमारे शरीर पर उसका असर आता है। जो ज्य़ादा बोलते हैं और जो ज्य़ादा दिमाग चलाते हैं उनका दिल और दिमाग कमज़ोर होता है क्योंकि वह एनर्जी गंवा देते हैं। इससे फिर योग भी नहीं लगेगा, मूड भी ऑफ कर बैठेंगे। तो दिमाग की एनर्जी भी हमारा खज़ाना है। वह हमको कभी नहीं गंवानी चाहिए।
कईयों को योग का अनुभव कम है। भल कहते हैं हम योगी हैं। तो दिमाग की एनर्जी फालतू बातों में और छोटी-सी बात को बड़ा करने में वेस्ट होती है। वह किसी बात से सन्तुष्ट नहीं होंगे क्योंकि दिमाग की एनर्जी कमज़ोर है इसलिए कोई बात दिमाग में आयेगी ही नहीं। तो कभी भी अपने दिमाग की एनर्जी वेस्ट नहीं करो। वेस्ट होती है व्यर्थ बातों से, छोटी-सी बात को बड़ा करने से। बड़ी को छोटा करना सीखो, छोटी बात को बड़ा नहीं करो तो एनर्जी जमा होगी। अगर एनर्जी वेस्ट जाती है तो न ज्ञान बुद्धि में आयेगा, न मनन शक्ति होगी, न योग लगेगा। और योग नहीं लगेगा तो ब्राह्मण जीवन का सुख नहीं ले सकेंगे इसलिए इसकी बहुत सम्भाल रखना, ज़रा भी व्यर्थ बात बुद्धि में टच नहीं हो जाए।

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