नवसारी: मां जगदंबा की चैतन्य झांकी सजाई गई

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नवसारी,गुजरात: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र द्वारा विजयादशमी के पावन पर्व निमित्त अवध सोसाइटी में आसुरी शक्तियों पर देवी शक्तियों का विजय अंतर्गत मां जगदंबा की चैतन्य झांकी सजाई गई। मां जगदंबा की आरती अवध सोसाइटी के प्रमुख माननीय प्रकाश भाई देसाई तथा डॉक्टर कमल बहन ने खूब श्रद्धा पूर्वक आरती की।
राजयोगिनी गीता दीदी जी ने शिव शक्ति का परिचय देते हुए कहा कि नवरात्रि का त्योहार वर्ष में दो बार मनाया जाता है हमारे भारत में माता कन्याओं का सम्मान किया जाता है। भारत को भी माता कहा जाता है उनके सम्मान में त्यौहार दो बार मनाया जाता है। व्रत उपवास का महत्व समझाया कि जब हम अपने विकारो का त्याग करने के लिए जो भी श्रेष्ठ संकल्प करते हैं वही सच्चा व्रत है और तभी हम परमात्मा शिव से बुद्धि को जोड़कर शक्तियां प्राप्त करते हैं। परमात्मा से जो शक्तियां मिलती हैं उनकी यादगार में मां जगदंबा को अष्टभुजा धारी बताते हैं।  विकारों पर विजय प्राप्त करने की यादगार में शेर पर सवारी दिखाते हैं।  हमें मां जगदंबा की तरह सारे जगत की मां बनकर सारे विश्व का कल्याण करना है।  आज के दिन हमारे जीवन को सुखी बनाने के लिए श्रेष्ठ संकल्प का व्रत लेकर जरूर जाना और रोज अपने जीवन में सुख शांति का अनुभव करना ।
ब्रह्माकुमारी भानु बहन ने विजयदशमी का महत्व समझाते हुए बताया कि रावण  दस शीश वाला कोई मनुष्य नहीं था, परंतु पांच विकार स्त्री के पांच विकार पुरुष के उनको ही वास्तव में रावण कहा जाता है।  जब से विकारों की प्रवेशता हुई तब से मनुष्य दुखी अशांत हैं।  रावण राज्य सिर्फ लंका में नहीं था, परंतु वर्तमान समय सारी दुनिया में रावण का राज्य है।  रावण सर्वव्यापी हो गया है और सारी दुनिया का दुश्मन बन गया है इसलिए जगह-जगह पर आज उनके पुतले दहन करने में आएगा।  वास्तव में परमात्मा निराकर राम आत्मा रूपी सीताओं को पाँच विकारो रूपी रावण के पंजे से मुक्त करने राजयोग सिखाते हैं जिस योग अग्नि से रावण को जलाया जा सकता है और अपनी भारत भूमि पर सच्चा राम राज्य आ सकता है।
प्रमुख श्री प्रकाश भाई ने विद्यालय की सेवाओं की बहुत सराहना की और ऐसे कार्यक्रम हमारी सोसाइटी में बार-बार आयोजित होते रहे ऐसी शुभ भावना  व्यक्त की और कहा कि आज दिन तक हम सभी दशहरा और नवरात्रि मनाते आए परंतु आज मालूम पड़ा कि सचमुच  नवरात्रि और विजयादशमी किसको कहा जाता है। हम सभी जरूर से अपनी कमियों को दूर करने का प्रयत्न करेंगे। डॉक्टर कमल बहन ने सभी का आभार व्यक्त किया ।भावना से भरा वातावरण में सर्व भाई बहनों ने खूब प्रेम से कार्यक्रम का लाभ लिया।

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