सिजुवा: स्वयं अनुशासन में रहता वही दूसरो को अनुशासन सिखाता- भगवान भाई

0
307

सिजुवा  (नेपाल ): स्वय अनुशासन में रहेंगे तो हमारे से दुसरे भी अनुशासन सिखंगे| तनाव का बहुत  बड़ा कारण  हमारे गलत कर्म इसलिए अपने कर्मो पर ध्यान दे पोलिस होने के नाते हमारे में देश प्रेम हो सत्यता,  इमानदारी हो कोइ  व्यसन नशा न हो माहत्मा गाँधी के पास सत्यता ईमानदारी यह शस्त्र थे जिस बल पर इग्रेजो को भगाया एसे हमे भी स्थूल शस्त्र के साथ गुण रूपी हथियार भी जरूरी है फिजिकली के साथ हमारी मेंटल हेल्थ भी अच्छी  हो तब हम देश कि सेवा कर सकेगे| उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से ब्रह्माकुमारी के मुख्यालय से पधारे हुए बी के भगवान् भाई जी ने कहे | वे प्रहरी कार्यालय में जवानो को  सकारात्म्क परिवर्तन से तनाव मुक्ति , आंतरिक सशक्तिकरन  विषय पर बोल रहे थे |

 उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच द्वारा विपरित परिस्थिति में हलचल से बच सकते है निराशा में भी आशा की किरण  दिखने लगती है। अपनी समस्या को समाप्त करने एवं सफल जीवन जीने के लिए विचारों को सकारात्मक बनाने की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समस्याओं का कारण ढूढने की बजाए निवारण ढंूढ़े।उन्होंने कहा कि समस्या का चिंतन करने से तनाव की उत्पत्ति होती है। उन्होंने कहा कि किस प्रकार हम सकारात्मक सोच के तहत सकारात्मक ऊर्जा जनजन को दे सकते हैं। जिससे एक खुशनुमा वातावरण तो बनता ही है साथ ही हम अपने सदाचरणव्यवहार  सकारात्मक सोच रखे |  

बी के गीता बहन पूर्वी क्षेत्र प्रदेश नम्बर 1 के  प्रभारी जी ने कहा कि सकारात्मक या नकारात्मक तनाव के  कारण का   करने के लिए मेडिटेशन को अपनाए | सकारात्मक सोच का आधार जीवन में आध्यात्मिक चिंतन हो |

इंस्पेक्टर—दीपक खरेल ने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा  की वर्तमान समय माहौल तनावपूर्ण होता है तो हमे तनाव से बचने का उपाय करना चाईए आध्यत्मिक चिंतन से हम तनाव से मुक्त बन अपना कर्तव्य भी निर्भयता से क्र सकते है उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी द्वारा जो मेडिटेशन सिखाया जाता है वह तनाव मुक्ति का सहज उपाय है,कार्यकर्म अंत में मेडिटेशन भी कराया|

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें