रायपुर: पूर्व क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी की प्रथम पुण्यतिथि

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ब्रह्माकुमारी कमला दीदी का जीवन सादगी भरा और प्रेरणादायी था…न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा

रायपुर,छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी की प्रथम पुण्यतिथि पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में स्मरणांजलि का आयोजन किया गया। जहाँ पर उन्हें श्रद्घापूर्वक याद करते हुए अतिरिक्त मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी संतोष दीदी, छ.ग. राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा, गृह सचिव अरूण देव गौतम, नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एस.एस. बजाज, अपर कलेक्टर उज्जवल पोरवाल, डॉ. देवेन्द्र नायक, महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणगयी नायक, क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता, भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव और छगन मूंदड़ा सहित बड़ी संख्या में उपस्थित गणमान्य नागरिकों ने उन्हें श्रद्घासुमन अर्पित किए।

राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा ने कहा कि कमला दीदी का जीवन अत्यन्त सादगीपूर्ण और सरल था। परमात्मा ऐसे ही सरल लोगों के दिलों में वास करते हैं। वह ईश्वर के समीप रहने वाली आत्मा थीं। उन्होंने हजारों-लाखों आत्माओं के जीवन को संवारा है। उनका व्यक्तित्व बहुत ही विशाल था उसका शब्दों में वर्णन करना सम्भव नहीं है। ऐसी दिव्य विभूति का साथ हमें बार-बार मिले यही ईश्वर से कामना है।

ब्रह्माकुमारीज की एडीशनल चीफ ब्रह्माकुमारी सन्तोष दीदी ने कहा कि कमला बहन विशेष आत्मा थीं। उन्होने छत्तीसगढ़ में लोगों की बहुत सेवा की है। उनका मिलनसार और मधुर व्यवहार सबको आकर्षित करता था। उनके सम्पर्क में आने वालों को कुछ न कुछ जरूर सीखने को मिलता था। कमला बहन ने अपने श्रेष्ठ कर्मों से यह सन्देश दिया कि नारी स्वर्ग का द्वार होती है। उनका जीवन कमल पुष्प की तरह न्यारा और प्यारा था।

 गृह सचिव (आईपीएस) अरूण देव गौतम ने कहा कि कमला दीदी दूसरों के दु:ख से द्रवित होने वाली महिला थीं। उन्होंने कभी अपने पद का अभिमान नहीं किया। वह इस भौतिक दुनिया में रहते हुए भी सबसे निर्लिप्त रहीं। मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। उनके जाने से जो शून्य उभरा है उसे भर पाना मुश्किल होगा। उनकी शिक्षाओं को जीवन में उतारना ही उन्हें सच्ची श्रद्घाजंलि होगी।

कुशाभाऊ  ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि कमला दीदी का समग्र जीवन परोपकार और कल्याण भाव से भरा हुआ था। ऐसा जीवन बहुत कम लोगों को नसीब हो पाता है। उनका जीवन पूरे समाज के लिए समर्पित था। खासकर बस्तर अंचल के आदिवासियों के लिए अपना समूचा जीवन अर्पित कर दिया। उनके गुणों को अपने जीवन में धारण करना ही उनको सच्ची श्रद्घांजलि होगी।

भाजपा के महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि यह तो सृष्टि का क्रम है कि जो भी व्यक्ति यहाँ जन्म लेता है उन सभी को एक न एक दिन तो जाना ही पड़ता है लेकिन जाने वालों के कार्योंके आधार पर लोग उन्हें याद करते और उनसे प्रेरणाएं लेते हैं। कमला दीदी महान हस्ती थीं। वह सबको माँ की तरह स्नेह देती थीं। भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं किन्तु उनके कार्य सदैव उनकी याद दिलाते रहेंगे।

श्रीबालाजी हास्पीटल के डायरेक्टर डॉ. देवेन्द्र नायक ने कहा कि कमला दीदी से मिलकर बेहद अपनापन महसूस होता था। उनसे सेवा करने की प्रेरणाएं मिला करती थी। उनके अधूरे कार्यों को हम पूरा करें तो यही उनको सच्ची श्रद्घाजंलि होगी। 
क्षेत्रीय निदेशिका बीके हेमा दीदी ने कहा कि कमला दीदी ने अपना जीवन दूसरों के लिए जिया। उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि सभी उनसे सन्तुष्ट रहते थे। वह उम्र और पद में बड़ी होते हुए भी सबको सम्मान देती थीं। इसलिए वह सभी के सम्मान का पात्र बन सकी। उनके जाने के बाद भी उनके गुण हमें प्रेरणा देते हैं।

अपर कलेक्टर उज्जवल पोरवाल ने कहा कि कमला दीदी ने हमें परोपकार की भावना के साथ जीवन पथ पर चलना सिखलाया। उनका जीवन सदैव ही सद्गुणों को धारण करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। शान्ति सरोवर की पवित्र भूमि पर आने मात्र से सकारात्मक प्रेरणा मिलती थी।

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