भीनमाल,राजस्थान: ब्रह्माकुमारी राजयोग केंद्र के प्रभु वरदान भवन के 13 वे वार्षिकोत्सव निमित्त एक विशेष कार्यक्रम “घर बने मंदिर” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम परम पूज्य मुनिराज हितेश चंद्र विजय जी महाराज साहब के पावन सानिध्य मे सम्पन्न हुआ। उन्होंने अपने मुख्य उद्बोधन में कहा प्रत्येक घर के सदस्य को अपने अहंकार का त्याग कर स्वयं का परिवर्तन करना चाहिए जितना स्वयं में सत्यता, विनम्रता, सेवा भाव जैसे गुण व्यवहार में आएंगे उतना हमारे संबंध और व्यवसाय दोनों अच्छे होंगे। सतत अभ्यास और सत्संग से ही अहंकार दूर हो सकता है जो झुकना जानता है वह स्नेही और जो झुकाना चाहता है वह अहंकारी है इसलिए पहले खुद झुके तो अन्य को झुका सकते हैं। ब्रह्माकुमारी राजयोग केंद्र भीनमाल की संचालिका ब्रह्माकुमारी गीता बहन ने बदलते परिवेश में परिवार और समाज में आए हुए बदलाव का विस्तृत वर्णन करते हुए विशेष महिलाओं से आग्रह किया कि वह घर के वातावरण में सात्विक अन्न, सादगी, मधुरता का प्रयोग करें। आपने हर महिला को एक देवी स्वरूप में विचरण करने का आग्रह किया। कार्यक्रम में सांस और बहू के संबंध को मजबूत करने हेतु बहु को गृह लक्ष्मी के रूप में श्रृंगार कर पूजन कर मेल मिलाप का कार्यक्रम भी रखा गया। महिलाओं ने भावुक होकर इस गतिविधियों में भाग लिया महिलाओं ने अपना अनुभव भी सुनाया कि हमें यह महसूस हुआ कि हमें घर में और अधिक प्रेम और एक दूसरे का ख्याल रखना चाहिए। इस अवसर पर डॉ श्रवण जी मोदी ने परिवारों में तनाव कम करना और घरों में नशे की प्रवृत्ति को कम करने की बात कही उन्होंने कहा आज वातावरण बहुत नकारात्मक है जो कम से कम घर का वातावरण सभी को बहुत अच्छा बना कर रखना चाहिए कुटुंब प्रबोधन के कार्यक्रम को करने की उन्होंने आवश्यकता बतायी और संस्थान के द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजन करने के लिए प्रशंसा की।
कार्यक्रम की शुरुआत में ब्रह्माकुमारी राजयोग केंद्र रानीवाड़ा की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी सुनीता बहन ने अपने शब्द सुमनों द्वारा सभी मेहमानों का स्वागत किया तत्पश्चात दियाकुमारी द्वारा एक सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया गया तथा कार्यक्रम का मुख्य संचालक ब्रह्माकुमारी राजयोग मंड़ार की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी शैली बहन ने किया। इस कार्यक्रम मे दिव्यचन्द्र विजयजी म.सा., वैराग्य विजयजी म.सा ,चन्दनबाला मोदी, शारदादेवी अग्रवाल, नरेन्द्रजी आचार्य, देवेंद्रजी भण्डारी, ओमप्रकाशजी खेतावत, नैनारामजी चौहान, गुमानसिंहजी राव, राजुभाई जैन, संदीप देवासी, मुकेश भाई, गणेश भाई, नरेंद्र भाई, सुमित भाई ने अपनी प्रमुख उपस्थिती दर्शायी।