कुरुक्षेत्र: ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र में वर्ष 2023 को विदाई और नववर्ष 2024 का स्वागत और अभिनंदन धूमधाम से किया गया

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कुरुक्षेत्र,हरियाणा: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र में वर्ष 2023 को विदाई और नववर्ष 2024 का स्वागत और अभिनंदन धूमधाम से किया गया। मंच संचालन करते हुए बीके अमिता मित्तल ने मंचासीन महानुभावों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए परिचय दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल जी और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय रेड क्रॉस के कोऑर्डिनेटर और यूसीक के प्रोफेसर डॉ दिनेश राणा विशिष्ट अतिथि रहे। बी.के प्रियंका और नेहा बहन ने पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। “शुभ संकल्पों के दीप जलाए” गीत की ध्वनि पर दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । मुख्य अतिथि उपेंद्र सिंघल जी ने नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं जो कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर जन्मे। कुरुक्षेत्र की महिमा का बखान करते हुए कहा कि भगवान ने गीता उपदेश के लिए कुरुक्षेत्र कोई क्यों चुना? 52 शक्ति पीठ में एक कुरुक्षेत्र में, यहां 48 कोस में 382 तीर्थो का वर्णन ग्रंथों में मिलता है। सिक्खों के 10 गुरुओं में से 8 गुरु यहां आए । यह एक संयोग नहीं है। हम भी गीता से प्रेरणा लेकर बच्चों को प्रेरित करें। ब्रह्माकुमारीज द्वारा गीता जयंती के अवसर पर लगाई गई सत्य ज्ञान प्रदर्शनी की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि कितने श्रद्धालु इस अवसर पर आते हैं, जिनके संस्कारों को परिवर्तन करने का सार्थक प्रयास बिना पक्षपात पूर्ण किया गया वह अद्भुत है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की ओर से प्रयास रहता हैं कि समाज के लोग कुरुक्षेत्र की प्राचीनता को समझें। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर दिनेश राणा जी ने नव वर्ष की बधाई देते हुए संबोधित किया कि आज इस सभागार में जिनकी उपस्थिति मुझे महसूस हो रही है ऐसे शिव बाबा को मैं कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं। उन्होंने कहा कि जब मैं विद्यार्थी था तब से इस ज्ञान को सूक्ष्मता से अनुभव करता हूं पर समय नहीं दे पाता हूं। संस्था के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना से यह सेंटर चलता है, कोई भेदभाव नहीं किया जाता और यहां तो हर रोज नया साल होता है। हमने क्या खोया, क्या पाया पर मूल्यांकन करने का समय है ।संकल्प लिया कि मैं इस ज्ञान को आगे तक ले जाऊंगा और शिव बाबा मुझे शक्ति प्रदान करेंगे। चंडीगढ़ से पधारे बी के अनिल कौशिक भाई ने गीत के माध्यम से खुशियों का संदेश दिया और कहा कि आने वाला वर्ष खुशियां ही खुशियां दे। सेंटर इंचार्ज राज योगिनी बी.के सरोज बहन जी ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज विशेष खुशी का दिन है कि हम पुराने साल को विदाई दे रहे हैं और नव वर्ष के लिए नए विचार और नवनिर्माण के लिए इकट्ठे हो रहे हैं। आज चारों तरफ नकारात्मकता फैल रही है जिसके कारण सभी परेशान हैं ‌। जप, तप, यज्ञ करते हुए भी काम , क्रोध, लोभ, ईर्ष्या, आदि विकार समाप्त नहीं हुए हैं। परमात्मा को‌ ना जानने और अपनी शक्तियों को न पहचानने के कारण नकारात्मकता बढ़ती जा रही है।

इस विश्वविद्यालय के द्वारा सकारात्मक भावनाओं और विचारों की प्रकम्पन फैलाई जा रही है क्योंकि अंधकार के बाद प्रकाश और रात के बाद दिन जरूर आता है उसी प्रकार जब हम परमपिता परमात्मा के सत्य स्वरूप को पहचान जाएंगे तो विश्व परिवर्तन संभव है। आज स्वयं को बदलने की जरूरत है।नव वर्ष की बधाई देते हुए कहा कि परमपिता की छत्रछाया सदैव बनी रहे और सभी नवीनता का अनुभव करें। माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए छोटे छोटे बाल कलाकारों ने नृत्य नाटिका से संदेश दिया कि कैसे तनाव भरे जीवन में हम परमात्मा से मिलकर स्वयं में परिवर्तन ला सकते हैं ‌।

बीके अमित ने ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा गांव,स्कूल, कालेजों में की गई सेवाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि हर व्यक्ति का शौक अलग होता है पर ब्रह्मा कुमारीज का शौक लोगों का जीवन बनाना है। इसी शौक को यहां सेवा कहा जाता है। नशा मुक्ति भारत अभियान, जल जन संरक्षण, वृक्षारोपण, आध्यात्मिकता से संबंधित कार्यक्रम आयोजित कर समाज को परिवर्तन करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एनआईटी कुरुक्षेत्र में चल रही थॉट लैब इसका जीता जागता उदाहरण है। एन आई टी के इंजीनियरिंग के छात्र विकास कुमार ने अपने स्व परिवर्तन के विचार साझा किए। बी.के. अनिल कौशिक ने सभी को अपने गीतों के माध्यम से परमपिता परमात्मा की सच्ची पहचान करवाई।

बीके राधा बहन ने नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए राजयोग मेडिटेशन के द्वारा पुराने साल के कोई ना कोई अवगुण को छोड़ने का संकल्प करने की प्रेरणा दी और अपनी असली घर परमपिता परमात्मा का परिचय दिया। बी.के डॉ. आर.डी शर्मा ने आए हुए सभी महानुभावों का हार्दिक धन्यवाद करते हुए संस्था से जुड़े रहने का आग्रह किया। कार्यक्रम की अंतिम चरण में नन्हे कलाकारों के नृत्य गीत के साथ सभी भाई बहन नव वर्ष के आगमन पर झूमने लगे ‌ और ईश्वरीय प्रसाद पाकर धन्य हो गये।

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