क्षमा-याचना व शुक्रिया करें सभी का

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हम मानसिक रोगों के उपचार पर कुछ चर्चा करते आ रहे हैं। बहुत सिम्पल बातें आप सबके सामने रख रहे हैं। हमने पिछले अंक में बताया था कि सवेरे उठकर और सोने से पहले 108 बार लिखें – मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ। या मैं बहुत शक्तिशाली हूँ, इससे ब्रेन को बहुत पॉवरफुल एनर्जी जायेगी। ब्रेन जो डैमेज हो गया है, कमज़ोर पड़ गया है वो ठीक हो जायेगा, वो रिपेयर हो जायेगा। आज हम दूसरी बात ले रहे हैं- क्षमा याचना। बहुत सुन्दर सब्जेक्ट है आजकल ये भी। कई लोग इसको करा रहे हैं। हम सबको जानना चाहिए कि क्षमा याचना और शुक्रिया, जिसको कृतज्ञता कहते हैं। इन दोनों का बहुत बड़ा महत्त्व है। तो देखिये ऐसा हुआ है, बहुत लोगों ने पूर्व जन्म में या इस जन्म में अपने गलत व्यवहार से, या अपने गलत बोलों से बहुतों का दिल दुखा दिया। उनकी बैड एनर्जी इनको आ रही है। वो जुड़ गई है इनको लगातार आ रही है। जो कष्ट उन्हें हुआ था वो रिफ्लेक्ट हो रहा है। ये सत्य सबको जानना चाहिए। मान लो किसी जन्म में आप राजा थे और आपके किसी गलत निर्णय ने दस हज़ार लोगों को बहुत कष्ट पहुंचा दिया था, सबने बद्दुाएं दी थी कि राजा बहुत खराब है, पता नहीं ये कब मरेगा! हे भगवान इसे उठाओ, इससे तो प्रजा दु:खी हो गई है। अब वो सारी बैड एनर्जी अब भी आपके साथ काम कर रही है, वो कटी नहीं है। ऐसे ही पाप कर्म प्रकृति के विरुद्ध मनुष्य ने किए हैं। कुछ भगवान की आज्ञाओं के विरुद्ध भी बहुत काम हुए हैं। अपनों को बड़ा कष्ट दिया गया है, इन सबसे सवेरे ही सच्चे मन से क्षमा याचना कर लें हाथ जोड़कर… मेरे कारण आपको कष्ट पहुंचा, मेरे व्यवहार के कारण आप दु:खी हुए, मैं सच्चे मन से आपसे क्षमा याचना करती हूँ, करता हूँ, आप मुझे क्षमादान दें और प्रसन्न हो जायें। मैं ऐसी गलतियां दोबारा नहीं करूंगा। आप मुझे सद्विवेक प्राप्त हो गया है। तो देखो कितना सुन्दर रिज़ल्ट होगा! जब बैड एनर्जी उनसे आ रही है वो कट जायेगी। उसका मार्ग बदल जायेगा। वो वापिस अंतरिक्ष में समाने लगेंगी। आप इससे मुक्त हो जायेंगे। जैसे आपने किसी को बुरे शब्द बोल दिए हों,अब वो दु:खी हो गया। एक दिन बीता, दो दिन बीता और आपको भी फील हो रहा है कि मैंने गलती कर दी। आपका भी मन थोड़ा बेचैन है, आप भी फील कर रहे हैं, आपकी भी खुशी चली गई है। क्योंकि उसकी बैड एनर्जी आपको आ रही है। लेकिन आपने उससे फिर क्षमा मांग ली कि गलती हो गई मुझसे, आई एम सॉरी, हम दोनों तो गुड फ्रेंड हैं, गुड फ्रेेेंड ही बनकर रहेंगे। उसका मन शांत होगा और आप भी शांत हो जायेंगे। बैड एनर्जी आना बंद हो जायेगी। हम भी जन्म-जन्म की इस बद्दुआ को, बैड एनर्जी को इस तरह समाप्त करें। हम उन आत्माओं का भी शुक्रिया करें दिल से जिन्होंने हर जन्म में हमें बहुत मदद की है। शुक्रिया करें दिल से कि आपने हमें बहुत मदद की। मैं सच्चे दिल से आपका आभारी हूँ। वो इस समय भी आपके आस-पास ही होंगे, भिन्न-भिन्न नाम रूप में। वो आपके गुड फ्रेंड्स बन जायेंगे और इसका इफेक्ट जीवन पर बहुत सुन्दर पड़ता है। शुक्रिया करें आप इस प्रकृति का भी जिसने हमें शरीर दिया है, जिसने हमें जल दिया, वायु दी, भोजन दिया, वस्त्र दिए, सबकुछ तो प्रकृति से आया है। हमने भले ही प्रकृति के विरुद्ध बहुत कुछ कर लिया हो पिछले सालों में, लेकिन प्रकृति हमारी माँ है। उसको हमने सताया अवश्य है। सबकुछ काट डाला, उसके वक्षस्थल पर पाप का घड़ा भर दिया हम सबने, वो दु:खी है। हम उससे भी क्षमा याचना करें और इस पाप की गति को ज़रा समाप्त करें, रोक दें। प्रकृति माँ,धरती माँ हमसे प्रसन्न होगी। और ये जो बहुत सारे रोग आ रहे हैं ये प्रकृति की निगेटिविटी के कारण भी आ रहे हैं। उसकी निगेटिविटी भी समाप्त होगी और हम स्वस्थ होने लगेंगे। क्षमा याचना के तो बहुत-बहुत गुड रिज़ल्ट देखे गए। बाहरी रोग जिससे मनुष्य मृत्यु के कगार पर पहुंच रहे थे, ठीक हो गये क्षमा याचना करते-करते। 11 दिन कर लें, 21 दिन कर लें। बहुत अच्छा रिज़ल्ट आपके सामने आयेगा। भगवान से भी क्षमा याचना करें और उसको भी शुक्रिया करें। जो लोग उसको नहीं मानते, जानते तो बहुत कम लोग हैं, बिना जाने भी वो हमारा परमपिता है ये तो मान ही लेना चाहिए। वो प्यार का सागर है, वो सुखों का सागर है, वो दु:खों का हर्ता है, वो मुक्ति का दाता है हम उससे शुक्रिया करें। क्षमा याचना भी करें, हमने जो भी पाप कर्म किये हैं हम आपसे सच्चे मन से क्षमा चाहते हैं, आप भी हमें क्षमा दान दो। देखो मन को आनंदित कर लो। हमने ये बहुत सिखाया है और बहुतों ने सीख लिया है, सवेरे उठते ही कभी कुछ कर लेते हैं, कभी कुछ। लेकिन जो कुछ भी आप करेंगे वो लगातार 21 दिन अवश्य करें। सवेरे उठते ही संकल्प करें मेरे जैसा भाग्यवान कोई नहीं। मैं भगवान की संतान हूँ, और बहुत सुखी हूँ, मैं बहुत भाग्यवान और बहुत धनवान, बहुत पुण्य आत्मा हूँ, चार्ज करें अपने को सवेरे उठकर, व्हाट्सएप्प पर नहीं अपने सुन्दर विचारों के साथ आप अपने को चार्ज कर दें। फिर देखो मानसिक रोग कैसे दूर भागते हैं। हम सच्चे मन से शुक्रिया करें अपने शरीर का भी। ये मेरा शरीर, ये मेरी आँखें न होती तो मैं इस संसार को देख ही नहीं पाता। तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया। हे मेरे मुख तुम न होते तो लोग मुझे गूंगा कहते, मैं तुम्हारे कारण बहुत अच्छे वचन बोल सका हूँ। मैं खूब अच्छे-अच्छे वचन बोलूंगा, तुमने मुझे बहुत शक्ति दी है। तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया। हे मेरे कान मैं तुम्हारे द्वारा सबकुछ सुन सकता हूँ, तुम न हों तो मैं तो बहरा कहलाऊंगा, तुम्हें बहुत-बहुत शुक्रिया। हे मेरी टांग, हे मेरे घुटनों, हे मेरे कंधों, हे मेरे ब्रेन आप सबने मुझे जीवनभर साथ दिया। फील करें इनकी कृतज्ञता, हम थैंकफुल हैं इनके। इनको सच्चे मन से शुक्रिया किया करें। तो ये आपके गुड फ्रेंड बनकर रहेंगे। आपको सदा साथ देंगे। और आप हेल्दी रहेंगे।

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