रामगजमंडी: ब्रह्माकुमारी केंद्र पर परमात्म ज्ञान के रंगों से होली का उत्सव बड़े हर्षों उल्लास के साथ मनाया गया

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रामगजमंडी,राजस्थान: ब्रह्माकुमारी केंद्र पर परमात्म ज्ञान के रंगों से होली का उत्सव बड़े हर्षों उल्लास के साथ मनाया गया। राधे कृष्ण और छोटी छोटी गोपिकाओं की झांकी भी सजाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत परमात्म महावाक्यों (मुरली) द्वारा की गई इसके बाद केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी शीतल द्वारा परमात्मा को ध्यान में जाकर भोग स्वीकार करवाया गया। तत्पश्चात बी के शीतल ने होली का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए होली के तीन गहरे अर्थों को बताया 1.होली अंग्रेजी में पवित्रता को कहा जाता है अर्थात मन की शुद्धता व स्वच्छता मन साफ रखना दिल में किसी के लिए बैर भाव न रखना। 2.हो ली यानी मैं परमात्मा की हो ली अब सिर्फ उसी के प्रेम का रंग मुझे लगा रहेगा उसके अलावा दुनिया की किसी वस्तु या वैभव में मेरा मन न डूबे। 3.हो ली अर्थात जो बातें होनी थी वो सब हो ली अब उन बातों को बीती सो बीती कर जीवन में आगे बड़ो बीती बातों का चिंतन ना करो। इसे ही सच्चे अर्थों में होली मनाना कहा जाता है। इसके बाद सुंदर आध्यात्मिक नृत्यों का प्रस्तुतिकरण किया गया। सभी भाई बहनों को ब्रह्माकुमारी शीतल द्वारा होली का टीका दिया गया व पुष्पों द्वारा शांतिपूर्ण व आध्यात्मिक ढंग से होली का पर्व मनाया। अंत में सभी को परमात्म भोग देकर कार्यक्रम का समापन हुआ।

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