नरसिंहपुर म.प्र.: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय दिव्य संस्कार भवन में ब्रह्मा कुमारीज की पूर्व मुख्य प्रशासिका डॉ दादी जानकी जी के तृतीय पुण्य स्मृति दिवस पर स्थानीय सेवा केंद्र में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
जिला संचालिका ब्र कु कुसुम दीदी जी ने परमात्मा शिव बाबा को भोग स्वीकार कराया। इसके बाद दादी जी के आदर्श जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर करेली सेवा केंद्र प्रभारी ब्र कु सरोज दीदी जी, ब्र कु जानकी दीदी, ब्र कु प्रीति दीदी जी, सभी समर्पित ब्रह्माकुमारी बहनों एवं जिले से आए हुए सभी बीके भाई बहनों ने श्रद्धा सुमन समर्पित किए।
दीदी ने बताया कि 104 वर्ष की उम्र दराज होते भी सबसे ज्यादा विदेश की यात्रा दादी जी ने किए हैं । दादी जी कहती थी की सेवा ही मेरी दवाई है।
इसके उपरांत होली एवं भाई दूज महोत्सव का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ ।
जिसमें दीदी जी ने होली का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि होली अर्थात बीती सो बीती होली अर्थात में परमात्मा की हो गई होली अर्थात पवित्र बनना। होली पहले जलाई जाती है फिर मनाई जाती है जलाना अर्थात अपनी कमजोरी बुराइयों को समाप्त करना। और मनाना अर्थात बनना। तो होली अर्थात पवित्र बनना और बनाना ही सच्ची होली है। इस होली पर होली अर्थात पवित्र बनना और बनाना है ज्ञान का गुलाल लगाना है।परमात्म प्रेम का रंग लगाना है।
सभी ने इस होली पर अपनी किसी बुराई को कागज पर लिख कर होली में जलाया। किसी अच्छे गुण को धारण करने का संकल्प लिया।
जिन भाई बहिनों ने 21 एवम 14 दिन की योग भट्टी कर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया है उन्हे विशेष ईश्वरीय सौगात दी गई।
श्रद्धेय दीदी जी ने बाबा की ओर से सभी ब्रह्मा बच्चों के ऊपर पिचकारी से गुलाब जल डाला । ज्ञान के गीतों के साथ अबीर गुलाल और फूलों से होली खेली।
बच्चों ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतिया दी सभी ने एक दूसरे को होली की बधाई शुभकामनाएं दी और ज्ञान के गीतों पर रास किया ।अंत में सभी को भाई दूज का तिलक लगाकर ईश्वरीय सौगात दी गई तथा सभी ने प्रेम से महा भोग स्वीकार किया।
धनीराम भाई एवं गीता पटेल ने बाबा को विशेष विशेष भोग लगवाया ।इस अवसर पर उनके बेटी दामाद,परिजन संबंधी सहित जिले भर से आए हुए अनेक बी के भाई-बहने आदि उपस्थित रहे।