योग के लिए टाइम नहीं मिलता कई भाई बहनें हमको क्वेश्चन पूछते हैं। जब मिलते हैं ना तो कहते हैं बहन जी हम बहुत कोशिश करते हैं कि योग करें लेकिन हमें टाइम ही नहीं मिलता। टाइम की बड़ी प्रॉब्लम है। काम ही ऐसा है। हम उनसे पूछते हैं एक बात। बताया है हमने पहले भी। तो आप सारे दिन में पानी पीते हो? कितने वारी पीते हो, सात-आठ वारी तो पीते होंगे? और वो टाइम तो निकालते हो ना! कोई भी कड़ा डिक्टेटर(तानाशाह) होगा ना वो आपको पानी पीने की मना नहीं करेगा। हक है हमारा। अच्छा, पानी पीते हो उसमें एक मिनट लगता है? गिलास उठायेंगे साफ करेंगे, डालेंगे, पियेंगे। और पीने की तो आपको आदत है मुख में ही जायेगा, नाक में तो जायेगा नहीं। अभी वो टाइम तो मिलता है। उस टाइम में क्यों नहीं आप अपना चेक करो और चेंज कर लो। अगर मानो वेस्ट थॉट्स हैं तो चेक किया और चेंज कर लो। वेस्ट के बजाय बेस्ट थॉट जो हैं शुभ संकल्प मनन वो शुरू कर दो। इसमें टाइम क्या लगता है? मानो अभी मेरे को व्यर्थ संकल्प चल रहा है मैं उसको खत्म करके बेस्ट संकल्प करने जाती हूँ तो कितना टाइम लगेगा! कहने में भी ज्य़ादा टाइम लगा। तो बाबा ने देखो कितनी विधियां और दूसरा हमने कहा जब हम खाना खाते हैं तो उस टाइम तो अकेला ही खायेंगेे ना! कभी कोई पार्टी की वो बात अलग है। लेकिन तीन वारी तो खाते हो? चार वारी खाते हो। और खाने में तो 15-20 मिनट लग ही जाता है। उस समय सिर्फ बातें नहीं करो। अगर खाने का चार टाइम भी आप 15-15 मिनट अपना पुरुषार्थ करो, मन्सा सेवा करो आपका एक घंटा तो ही जायेगा। जो भी पर्सनल समय हमारा है जिसको कोई नहीं रोक सकता। चलो नीचे-ऊपर हो सकता है। दो बजे खाओ, चार बजे खाओ ये हो सकता है लेकिन खायेंगे तो सही ना! तो अपने पुरुषार्थ की अगर लगन है तो अटेन्शन है बाबा की श्रीमत याद है, मुझे बाबा ने जो कहा है वो करना ही है। करेंगे हो जायेगा, गा-गा तो बाबा को अच्छा नहीं लगता। करना ही है। बाबा ने एक मुरली में कहा कि जब आप चाहते नहीं हो बॉडी कॉन्सेस होना लेकिन फिर भी बॉडी कॉन्सेस हो जाते हो तो कमी क्या है? कमी है, बाबा ने कहा संकल्प करते हो, चेकिंग करते हो लेकिन दृृढ़ता की कमी है। और सफलता की चाबी जो है, वो दृढ़ता है।