एक ऐसी भाषा जिसमें हमारे शब्द ऊपर की ओर शिफ्ट होने लगते हैं और जब वो शिफ्ट होते हैं ऊपर की ओर वायब्रेशन्स वाइस तो उसके अन्दर के दाग, उसके अन्दर की मैल, उसके अन्दर की मिलावट वो क्या होती जाती है? परमात्मा कहते हैं वो आत्मायें शक्तिशाली रहेंगी जो सच्चाई और सफाई के साथ चलती हैं, अन्दर-बाहर साफ।
पिछले अंक में आपने पढ़ा कि हम कहेंगे कि हमारे जीवन में ये हमारे लिए फरिश्ता बनकर आया। ये फरिश्ता आया कैसे? ये फरिश्ता मैंने अपनी दुआओं से कमाया था। कमाया था, ऐसे नहीं आ सकता फरिश्ता। इसलिए लोग कहते हैं किसी की दुआ लगी है। दुआ फ्री में नहीं मिलती। दुआ अपने कर्मों से कमाई जाती है। अब आगे पढ़ते हैं…
अगर कुछ ऑपोजि़ट हो जाता है तो कहेंगे पता नहीं किसी की नज़र लगी है। आपको लगता है किसी की नज़र लगती है? लगती है या नहीं लगती? कल किसी फंक्शन पर गये थे, बच्चे को भी लेकर गये थे। चार लोगों ने कहा कि बड़ा प्यारा बच्चा है… बड़ा प्यारा बच्चा है। अगले दिन वो बच्चे ने थोड़ी सी छींक मार दी, ओह नज़र लग गई बच्चे को कल किसी की। हमारे लॉ वायब्रेशन एनर्जी थॉटस हैं ये। फटाफट उसके चारों तरफ मिर्ची घुमायेंगे, उसको काला तिलक लगायेंगे, ये करेंगे किसी की नज़र लग गई। वैसे अगर कोई प्यार से बोलता है कि कितना प्यारा बच्चा है वो निगेटिव नहीं सोच रहा पहली बात। अगर उस फंक्शन में 200 लोगों में 4 लोगों ने कुछ निगेटिव सोच भी लिया, निगेटिव माना ईष्र्या से। लेकिन सौ लोगों ने अच्छा भी सोचा होगा। अगर मेरे पास 100 अच्छी थॉट्स आ रही हैं और 4 निगेटिव थॉट्स हैं तो नेट एनर्जी मेरे पास कौन-सी आ रही है? 96 तो पॉजि़टिव ही आ रही हैं। फिर पॉजि़टिव का रिज़ल्ट पॉजि़टिव होना चाहिए। लेकिन उस 100 की तरफ मेरी फ्रिक्वेंसी टयूंड है ही नहीं। मेरी फ्रिक्वेंसी टयूंड किस तरफ है? इनको मुझसे प्रॉब्लम है, लोगों को मुझसे प्रॉब्लम है, मुझे नज़र लग जाती है। मेरी तबियत खराब हो जाती है। मेरा ये हो जाता है। जैसा सोचेंगे वैसा होता जायेगा।
एक कवच रोज़ पहनकर रखना है। क्योंकि ये हमारे आस-पास बहुत सारे वायब्रेशन्स हैं। वायब्रेशन्स का ये नहीं कि लोग हमारे लिए निगेटिव सोचते हैं। वायब्रेशन्स ये कि लोग निगेटिव एनर्जी में जी रहे हैं। तो वायब्रेशन्स वाइस वातावरण बहुत ही दूषित है। तो रोज़ सुबह जैसे अपनी डे्रस पहनते हैं तो एक संकल्प ज़रूर करना है- परमात्मा की शक्तियां और दुआयें मेरे चारों तरफ एक एनर्जी सर्कल है। ड्रॉ करें इसको अभी। आपको मन से करना है हाथ से नहीं करना है। जैसे एक कोकून होता है ना, उसमें सेफ होते हैं हम। लोगों की थॉट सिर्फ एक थॉट है, और थॉट को बचाने के लिए सिर्फ एक थॉट चाहिए। लोहा लोहे को काटता है, सोच, सोच को काटती है। हम कहते हैं कि अरे इतना सा बनाकर हम बच जायेंगे। बेशक, क्योंकि जो आ रहे हैं वो भी वायब्रेशन्स हैं, और ये भी वायब्रेशन्स हैं। ये हाई वायब्रेशन हैं, और वो लो वायब्रेशन हैं। हाई वायब्रेशन क्रियेट करके रख दो। लोअर वायब्रेशन तो उसके अन्दर जा ही नहीं सकते। आप सबके बीच में घूम के आ जाओ किसी का दाग आपको नहीं लगेगा क्योंकि आपने चारों तरफ क्या पहन लिया? जैसे कोविड के टाइम पर वो पहनते थे ना पीपीई किट। पहनों और आईसीयू में भी जाकर आ जाओ। लेकिन वो प्रोटेक्शन शील्ड है। वो वायरस नहीं आ सकता।
हमें क्या करना है? परमात्मा की शक्तियां और दुआयें मेरे चारों तरफ सुरक्षा कवच है। इसको विज़ुअलाइज़ करना है। डिवाइन लाइट सर्कल इसको अपने चारों तरफ बनाना है। कभी भी इसको पहने बिना घर से बाहर नहीं जाना। मतलब मुझे इस व्हाइट ड्रेस को प्रोटेक्टेड रखना है। चाहे कोई नज़दीक आयेगा भी जिसका थोड़ा-सा हाथ मैला है, लेकिन वो इसपर टच नहीं कर सकेगा। सिर्फ एक सर्कल बनाने से। इतनी पॉवर है इसके अन्दर। क्योंकि जब परमात्मा की दुआओं को अपने जीवन में भरते हैं तो दूसरों की लोअर वायब्रेशन एनर्जी उसके सामने क्या करने वाली है! लेकिन उनकी लोअर वायब्रेशन एनर्जी को अपने लाइफ में लाते हम हैं। क्योंकि हम उनके वायब्रेशन्स पर चले जाते हैं। पता नहीं इनको मेरे से क्या प्रॉब्लम है। हमें उनकी वायब्रेशन्स पर जाना पड़ता है तब हमारी लाइफ में वो एनर्जी हिट होती है। तो नज़र किसी और की नहीं लगती है हमें। आपको पता है हमें किसकी नज़र लगती है? तो दुआ भी हमने कमाई होती है, और नज़र भी हमने ही कमाई होती है।
जिसके ऊपर परमात्मा की नज़र हो उसे दुनिया की नज़र कैसे लग सकती है! है पॉसिबल? लोएस्ट वायब्रेशन के पास तो कोई शक्ति ही नहीं होती इन्फ्लुएंस(प्रभाव) करने की। हम ही डिस्टर्ब होकर इधर-उधर जाते रहते हैं। फिर हम अपने घर में अलग-अलग चीज़ें टांगते रहते हैं। जैसे वो चीज़ें हमारे घर को बचायेगी। कृपया याद रखें कि वो एक वायब्रेशन है। एक फिजि़कल चीज़ एक वायब्रेशन को नहीं रोक सकती। आपके वायब्रेशन ही वायब्रेशन को रोक सकते हैं।