परमात्म ऊर्जा

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आज बापदादा तीन बातें यह देख रहे थे कि एक तो हरेक की लाइट, दूसरा माइट और तीसरा राइट। राइट शब्द के दो अर्थ हैं। एक तो राइट यथार्थ को कहा जाता है, दूसरा राइट अधिकार को कहा जाता है। राइट, अधिकारी भी कितने बने हैं और साथ-साथ यथार्थ रूप में कहाँ तक हैं। तो लाइट, माइट और राइट। यह तीन बातें देख रहे थे। रिज़ल्ट क्या निकली वह भी बताते हैं। अभी सर्विस बहुत की है ना! तो वह रिज़ल्ट देख रहे थे। अभी तक सिर्फ आवाज़ फैलने तक रिज़ल्ट है। आवाज़ फैलाने में पास हो लेकिन आत्माओं को बाप के समीप लाने का आह्वान अभी करना है। आवाज़ फैला है लेकिन आत्माओं का आह्वान करना है। आह्वान करना और बाप के समीप लाना यह पुरूषार्थ अभी रहा हुआ है। क्योंकि स्वयं भी आवाज़ से परे रहने के इच्छुक हैं, अभ्यासी नहीं हैं। इसलिए आवाज़ से आवाज़ फैल रहा है। लेकिन जितना स्वयं आवाज़ से परे होकर सम्पूर्णता का आह्वान अपने में करेंगे उतना आत्माओं का आ्हवान कर सकेंगे।
अभी भल आह्वान करते भी हो लेकिन रिज़ल्ट आवागमन में है। आवागमन में आते भी हैं, जाते भी हैं। लेकिन आह्वान के बाद आहुति बन जाएं, वह काम अभी करना है। नॉलेज के तरफ आकर्षित होते हैं लेकिन नॉलेजफुल के ऊपर आकर्षित करना है। अभी तक मास्टर रचयिता कहाँ-कहाँ रचना के आकर्षण में आकर्षित हो जाते हैं। इसलिए जो जितना और जैसा स्वयं है उतना और वैसा ही सबूत दे रहे हैं। अभी तक शक्ति रूप, शूरवीरता का स्वरूप नैनों और चैनों में नहीं है।
शक्ति व शूरवीरता की सूरत ऐसी दिखाई दे जो कोई भी आसुरी लक्षण वाले हिम्मत न रख सकें। लेकिन अभी तक आसुरी लक्षण के साथ-साथ आसुरी लक्षण वाले कहाँ-कहाँ आकर्षित कर लेते हैं। जिसको रॉयल माया के रूप में आप कहते हो वायुमण्डल ऐसा था। वायब्रेशन ऐसे थे व समस्या ऐसी थी इसलिए हार हो गयी। कारण देना गोया अपने को कारागार में दाखिल करना है। अब समय बीत चुका है। अब कारण नहीं सुनेंगे। बहुत समय कारण सुने। लेकिन अब प्रत्यक्ष कार्य देखना है न कि कारण। अभी थोड़े समय के अन्दर धर्मराज का रूप प्रत्यक्ष अनुभव करेंगे। क्योंकि अब अन्तिम समय है। अनुभव करेंगे कि इतना समय बाप के रूप में कारण भी सुने, स्नेह भी दिया, रहम भी किया, रियायत भी बहुत की लेकिन अभी यह दिन बहुत थोड़े रह गए हैं। फिर अनुभव करेंगे कि एक संकल्प की भूल का सौगुणा दण्ड कैसे मिलता है। अभी-अभी किया और अभी-अभी इसका फल व दण्ड प्रत्यक्ष रूप में अनुभव करेंगे अभी वह समय बहुत जल्दी आने वाला है। इसलिए बापदादा सूचना देते हैं क्योंकि फिर भी बापदादा बच्चों के स्नेही हैं।

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