एक समय की बात है, एक गरीब किसान का बेटा था जिसका नाम सचिन था। सचिन एक दयालु और अच्छा लडक़ा था। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता था। एक दिन सचिन जंगल में घूम रहा था जब उसने देखा कि एक पेड़ सूख रहा है।
पेड़ ने सचिन से कहा,’मुझे पानी दो। मैं मर रहा हूँ।’ सचिन को पेड़ पर दया आ गई। उसने अपने गले में एक कलशी बांध लिया और पेड़ को पानी देने लगा। वह कई दिनों तक पेड़ को पानी देता रहा। आखिरकार, पेड़ को पानी मिल गया और वह ठीक हो गया।
सचिन को पेड़ पर बहुत खुशी हुई। उसने सोचा कि अगर वह एक पेड़ को बचा सकता है, तो वह कई पेड़ों को बचा सकता है। इसलिए, सचिन ने जंगल में एक पेड़ लगाने का फैसला किया। उसने एक छोटा-सा पेड़ लगाया और उसे पानी दिया।
सचिन ने हर दिन पेड़ की देखभाल की। उसने उसे पानी दिया, उसे खाद दी और उसे कीटों से बचाया। धीरे-धीरे, पेड़ बड़ा और मजबूत हो गया।
सचिन ने एक और पेड़ लगाया, फिर दूसरा, फिर तीसरा। उसने जंगल में कई पेड़ लगाए। सचिन के प्रयासों से जंगल फिर से हरा-भरा हो गया।
सचिन के बारे में जल्द ही सभी को पता चल गया। लोग उसे पेड़ लगाने वाला लडक़ा कहने लगे। सचिन को अपने काम पर बहुत गर्व हुआ। वह जानता था कि वह दुनिया को बेहतर जगह बना रहा है। एक दिन, एक राजकुमार जंगल में घूम रहा था।
उसने सचिन को पेड़ लगाते हुए देखा। राजकुमार सचिन की मेहनत और समर्पण पर बहुत खुश हुआ। उसने सचिन को एक पुरस्कार दिया और उसे जंगल का रक्षक नियुक्त किया। सचिन ने जंगल का रक्षक बनने के बाद भी पेड़ लगाना जारी रखा। उसने जंगल में कई और पेड़ लगाए। सचिन के प्रयासों से जंगल एक सुरक्षित और स्वस्थ जगह बन गई।
सीख: छोटी-छोटी चीज़ें भी बड़ा बदलाव ला सकती हैं। अगर हम सभी सचिन की तरह पेड़ लगाने का काम करें, तो हम दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकते हैं।