मुख पृष्ठकथा सरितासंघर्ष बनाता मजबूत…

संघर्ष बनाता मजबूत…

एक व्यापारी अपने व्यापार को लेकर बहुत परेशान रहता था। उसका व्यापार में नुकसान हो रहा था और वह लगातार कजऱ् में डूबता जा रहा था। वह संघर्ष करके थक चुका था। बहुत मेहनत के बावजूद भी अच्छे परिणाम उसे नहीं मिल रहे थे।
एक दिन उसने सोचा कि कुछ दिनों के लिए वह सब काम छोडक़र जंगल चला जाए और वहाँ कुछ दिन अकेले बिताये और अपनी परेशानियों का हल खोजने के लिए मनन चिंतन करे। जंगल में वक्त बिताते हुए उसे सात दिन हो चुके थे। उसका मन अब भी अपने संघर्षों पर ही टिका हुआ था। बार-बार वह अपने संघर्षों के बारे में सोचकर दु:खी हो रहा था। तभी उसे एक साधु महात्मा दिखे, जो उसी जंगल में एकांत में बैठे ध्यान कर रहे थे। साधु के अपने आसन से उठने पर वह व्यापारी उनके पास गया और सारी बातें उन्हें कह डाली।
साधु मुस्कुराते हुए बोले, चलो मैं तुम्हें अपने बगीचे में लेकर चलता हूँ और वहाँ तुम्हें अपने संघर्ष के लिए उत्तर मिल जाएगा। व्यापारी और साधु उनके बगीचे में चले गए।
साधु ने कहा कि घास से भरी इस हरियाली को देखो, मैंने यहाँ इसका बीज बोया था ताकि यहाँ हरी-भरी घास से यह बगीचा भर जाए और हमारे गौ माता के लिए भोजन की व्यवस्था हो सके। मैंने यहाँ घास के बीज और बांस के बीज लगाए थे। बहुत जल्दी घास ज़मीन से निकलकर बड़ी होने लगी लेकिन जिस जगह पर बांस के बीज थे वहाँ पर कुछ भी हलचल नहीं हुई। मैंने दोनों जगह ठीक वैसे ही देखभाल की लेकिन बांस ज़मीन से निकलने का नाम ही नहीं ले रहे थे। हर साल घास और घनी हो रही थी लेकिन तीन साल में बांस के बीज पर कोई असर नहीं पड़ा। पांच साल बाद उस बांस के बीज से एक पौधा अंकुरित हुआ। छ: वर्ष होने पर यह छोटा-सा बांस का पौधा सौ फीट लम्बा हो गया। इन छ: वर्षों में इसकी जड़ें इतनी मजबूत हो गई कि सौ फीट के ऊंचे बांस को संभाल सके। बांस के छ: साल का यह संघर्ष उसे मजबूत बना रहा था।
साधु महात्मा ने उस व्यापारी को बांस का वह बगीचा भी दिखाया और व्यापारी यह देखकर सब समझ गया कि संघर्ष तो जीवन का हिस्सा है और जितना बड़ा संघर्ष होगा, वह उतना मजबूत बनेगा। व्यापारी अपने व्यापार को अब बेहतर बनाता चला गया, अपनी पुरानी गलतियों से सीख लेकर उसने अपने व्यापार में अच्छे परिवर्तन लाये, आज उसका संघर्ष उसे जीतने की हिम्मत दे रहा था।

सीख: संघर्ष हर किसी के जीवन में आता है। बिना संघर्ष के आजतक किसी ने भी बड़ा मुकाम हासिल नहीं किया। यदि आप संघर्ष से घबराएंगे तो कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। संघर्ष आपको बहुत मजबूत बनाता है ताकि आप अपने भविष्य को बेहतर बना सकें।

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