डोभी,मध्यप्रदेश : परमात्मा की स्मृति व दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ हुआ। पुष्प गुच्छ, तिलक व बैज लगाकर व स्वागत नृत्य के साथ सभी का स्वागत सत्कार किया गया।।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता लघुनाटिका बाल कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई जिसमें सतयुग त्रेतायुग द्वापर युग व कलियुग में माँ प्रकृति की मनोहारी दशा का मार्मिकता के साथ सजीव चित्रण कर दिखाया गया।।
बी. के. साधना दीदी ने अपने उद्बोधन में बताया कि प्राचीन काल से प्रकृति के पांचों तत्वों का हम पूजन करते आये है उनको देवताओं के रूप में संज्ञा दी है देवता अर्थात देने वाला।
प्रकृति हमको सिर्फ अनन्त काल से सिर्फ देती ही आ रही है और हम है जो उसका चिर काल से दोहन करते आ रहे है। अगर हम अभी भी न सम्भले तो बहुत भयाभय समस्याओं का सामना करने के लिए तैयार रहे।
अगर हम 1 – 1 पेड़ भी लगाए तो कितने पेड़ लगा सकते है। नदी जिनको हम देवी की संज्ञा देते उनको भी हम कितना गन्दा और दूषित करते आ रहे है। इसलिए हमारा ही अब दायित्व है इन तत्वों को सतोप्रधान बनाना। इसके लिए प्रकृति से हम अपना सम्बंध जोड़े उसके सानिध्य में कुछ समय बिताए। तो आपको एक अद्भुत आनन्द की अनुभूति होगी। प्रकृति हमारे वायब्रेशन को ग्रहण करती है। उनको मन्सा शांति का दान दे। और पेड़ लगाने का संकल्प ले। और आपके पास यदि जगह की कमी है तो अपने छत पर ही ग्रह वाटिका का निर्माण करें और उसका फायदा ले।
सभी ने मिलकर पर्यावरण संरक्षण की प्रतिज्ञा की औऱ बृक्षारोपण किया। अंत मे सभी को प्रभु प्रसाद व ईश्वरीय सौगात भेंट करते हुए कार्यक्रम का समापन हुआ।।
कार्यक्रम में मातृशक्ति के साथ पुरुष वर्ग भी उपस्थित रहा।।









