सामाजिक जीवन में आध्यात्मिकता का संतुलन आवश्यक
जबलपुर,मध्य प्रदेश। राजयोगा शिविर का दीप प्रज्वलन कर शुभारम्भ करते हुए राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी भावना ,राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी मीना ,संत आसन दास जी महाराज ,उद्योगपति राजकुमार पिन्यानी |
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय शिव स्मृति भवन नेपियर टाउन के सभागार में एक आध्यामिक संगोष्ठी जिसका शुभारम्भ जबलपुर सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी भावना दीदी जी ,भ्राता आसन दास जी महाराज, भ्राता राजकुमार पिन्यानी , ब्रह्मा कुमारी मीना, ब्रह्मा कुमारी वर्षा ने दीप प्रज्वलन कर किया | एवं सिन्धी समाज का एक बड़ा वर्ग कार्यक्रम में उपस्थित रहा |
ब्रह्माकुमारी मीना ने बताया की वास्तव में आज के समय में हमें आवश्यकता है कि हम जिस प्रकार से अपने शरीर के लिये हर एक बात का ध्यान रखते है और कई बार तो उससे भी अधिक उन वस्तुओ के संग्रह में अपने आप को बहुत अधिक समावेशित कर लेते है | उसी प्रकार से हमें अपने अंदर की दिव्य चेतना जो उस शरीर की संचालक है उसका भी ध्यान रखने की आवश्यकता होती है | वो चेतना जिसके आध्यात्मिकरण से हम अपने आप की उन दिव्य शक्तियों को जाग्रत कर सकते है जो शुसुप्त हो चुकि है राजयोग का अभ्यास बहुत ही सरल और सहज तरीका है हमें अपने सामाजिक जीवन में आध्यत्मिकता को संतुलित करने का |
सिन्धी समाज के एक बड़ा वर्ग ने लिया लाभ …
इस संगोष्ठी के प्रथम दिवस पर सिन्धी समाज के एक बड़े वर्ग ने इसका लाभ लिया | कार्यक्रम में विभिन्न एक्टिविटी के द्वारा शिविर को और भी मनोरंजक कर ईश्वरीय सन्देश दिया गया |
सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी भावना दीदी जी ने संस्कारधानी के सभी नागरिको का आवाहन किया और कहा की वे आये और राजयोग को सीखकर अपने जीवन की खुशियों की चाभी प्राप्त करे अर्थात उस परम शक्ति से प्राप्त उन दिव्य शक्तियों को अपने जीवन में लाये।शिविर 16 जून से 20 जून तक आयोजित किया जायेगा |