तिनसुकिया: मोबाईल , सिनेमा , टीवी , कुसंग और फैसन से युवाओं में अनैतिकता आती है -भगवान भाई

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तिनसुकिया (असाम):

आज के बच्चे कल का भावी समाज हैं। अगर कल के भावी समाज को अच्छा देखना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओं को नैतिक सद्गुणों की शिक्षा की आधार से चरित्रवान बनाए। तब समाज बेहतर बन सकता है। गुणवान व चरित्रवान बच्चे देशकी सच्ची सम्पत्ति हैं । लेकिन आज कल बच्चो में  कुसंग , सिनेमा , मोबाईल , टीवी और फैसन से अनैतिकता आती जा रही है | जिससे समाज में अपराध बढ़ते जा रहे | उन अपराधो पर  अंकुश लगाने हेतु नैतिक शिक्षा द्वारा बच्चो को मोबाइल की गलत बातो से बचने की आवश्यकता है | उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे | वे नेशनल इंग्लिश एकेडमी, गुइजान में नैतिक शिक्षा से चरित्र निर्माण  विषय पर बोल रहे थे |

 उन्होंने बताया कि ऐसे गुणवान और चरित्रवान बच्चे देश और समाज के लिए कुछ रचनात्मककार्य कर सकते हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति को याद दिलाते हुए कहा कि प्राचीन संस्कृति आध्यात्मिकता की रही जिस कारण प्राचीन मानव भी वंदनीय और पूजनीय रहा। उन्होंने बताया कि नैतिक शिक्षा से ही मानव के व्यवहार में निखार लाता है।

ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि वर्तमान समय कुसंग, सिनेमा, व्यसन और फैशन से युवा पीढ़ी भटक रही है।आध्यात्मिक ज्ञान और नैतिक शिक्षा के द्वारा युवा पीढ़ी को नई दिशा मिल सकती है। उन्होंने बताया कि सिनेमा, मोबाईल , इन्टरनेट व टीवी. के माध्यम से युवा पीढ़ी पर पाश्चात्य संस्कृति का आघात हो रहा है। इस आघात से युवा पीढ़ी को बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि युवा पीढ़ी को कुछ रचनात्मक कार्य सिखाए, तब उनकी शक्ति सही उपयोग में ला सकेंगे।

वरिष्ठ राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि हमारे मूल्य हमारी विरासत है। मूल्य की संस्कृति के कारण भारत की पूरे विश्व में पहचान है। इसलिए नैतिक मूल्य, मानवीय मूल्यों की पुर्नस्थापना के लिए सभी को सामूहिक रूप में प्रयास करने चाहिए। सकारात्मक चिन्तन का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि सकारात्मक चिन्तन से समाज में मूल्यों की खुशबू फैलती है। सकारात्मक चिन्तन से जीवन की हर समस्याओं का समाधान होताहै। उन्होंने शिक्षा का मूल उद्देश्य बताते हुए कहा कि चरित्रवान, गुणवान बनना ही शिक्षा का उद्देश्य है। उन्होंने आध्यात्मिकता को मूल्यों का स्रोत बताते हुए कहा कि शांति, एकाग्रता, ईमानदारी, धैर्यता, सहनशीलता आदि सद्गुणमानव जाती का श्रृंगार है।

स्थानीय ब्रह्माकुमारीज  सेवाकेंद्र की संचालिका बी के रजनी  बहन जी ने  भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा की नैतिक शिक्षा से ही छात्र-छात्राओं में सशक्तिकरण आ सकता है। उन्होंने आगे बताया कि नैतिकता के बिना जीवन अंधकार में हैं। नैतिक मूल्यों की कमी के कारण अज्ञानता, सामाजिक, कुरीतियां व्यसन, नशा, व्यभिचार आदि के कारण समाज पतन की ओर जाता है |

बी के ठाकुरिया  भाई जी ने ब्रह्माकुमारी संस्था का परिचय दिया | उन्होंने सभी को राजयोग सिखने का ब्रह्माकुमारीज राजयोग केंद्र में निमन्त्रण दिया |

डायरेक्टर-जयनाल अभिदीन जी ने ब्रह्माकुमारी के इस कार्यक्रम के लिए अभार व्यक्त किया  और भविष्य में ऐसे कार्यक्रम हेतु निमन्त्रण भी दिया|

प्रिंसिपल देवान्सू भट्टाचार्य जी ने सभी बच्चो को सुनी हुई बातो का अनुकरण कर अच्छे नागरिक बनने की प्रेरणा दिया |
कुछ बच्चो ने आज के इस नैतिक शिक्षा के कार्यक्रम के लाभ भी सूनाये
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कार्यक्रम की शुरुवात स्वागत से की गयी  और अंत में बी के भगवान भाई जी ने मन की एकाग्रता बढाने हेतु राजयोग मेंडिटेशन भी कराया |

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