आप अजवाइन के उपयोग के बारे में तो जानते ही होंगे, क्योंकि हर घर में रोज़ अजवाइन इस्तेमाल में लाई जाती है। आमतौर पर लोग अजवाइन को केवल खाना पकाते समय मसाले के रूप में ही उपयोग में लाते हैं, शायद अधिकतर लोगों को यह नहीं पता कि अजवाइन एक बहुत ही उपयोगी औषधि भी है। कहने का मतलब यह है कि अजवाइन खाने के फायदे एक नहीं, बल्कि कई सारे हैं।
आइए आपको बताते हैं कि अजवाइन कितनी गुणकारी होती है:-
अजवाइन के फायदे
सीने की जलन में लाभ
अधिक तीखा भोजन करने के बाद छाती में जलन की परेशानी हो जाती है। ऐसे में 1 ग्राम अजवाइन और बादाम की 1 गिरी को खूब चबा-चबा कर, या पीस कर खाएं। इससे फायदा होता है।
अगर कोई पेट संबंधी रोगों से परेशान रहता है, तो उसे 1 भाग अजवाइन, आधा भाग काली मिर्च, और सेंधा नमक को मिलाकर पीस लेना है। इसे गुनगुने जल के साथ, 1-2 ग्राम की मात्रा में लेना है। सुबह-शाम, सेवन करने से पेट संबंधी रोग ठीक होते हैं।
पाचन तंत्र विकार से राहत
1.5 लीटर जल को आग पर रखें। जब पानी पूरी तरह उबलकर 1.25 लीटर रह जाए, तब नीचे उतार लें। इसमें आधा किलोग्राम पिसी हुई अजवाइन डालकर ढक्कन बंद कर दें। जब यह ठंडा हो जाए तो छानकर बोतल में भर कर रख लें। इसे 50-50 मिली दिन में 3 बार सेवन करें। इसके प्रयोग से पेट के पाचन तंत्र संबंधी विकार ठीक होते हैं।
जिस भी व्यक्ति को दूध ठीक से ना पचता हो, उसे दूध पीने के बाद थोड़ी अजवाइन खा लेनी चाहिए।
गेहूं का आटा, मिठाई आदि ना पचता हो तो उसमें अजवाइन के चूर्ण को मिलाकर खाने से फायदा होता है।
पाचन क्रिया खराब हो गई हो, तो 25 मिली अजवाइन के काढ़े को दिन में 3 बार पिलाने से लाभ होता है।
एसिडिटी की परेशानी में
अजवाइन को बारीक पीसकर, उसमें थोड़ी मात्रा में हींग मिला लें। इसका लेप बना लें। इसे पेट पर लगाने से पेट के फूलने, और पेट की गैस आदि परेशानियों में तुरंत लाभ होता है।
समान मात्रा में अजवाइन, सेंधा नमक, सौवर्चल नमक, यवक्षार, हींग और सूखे आंवला लें। इनका चूर्ण बनाकर रख लें। इस चूर्ण को 2.3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करें। इससे डकार की परेशानी ठीक होती है।
मासिक धर्म की रूकावट में फायदा
अजवाइन, मासिक धर्म रूकावट जैसी परेशानी में भी असरदार होता है। आप 10 ग्राम अजवाइन और 50 ग्राम पुराने गुड़ को 400 मिली जल में पका लें। इसे सुबह-शाम सेवन करें। इससे गर्भाश्य की गंदगी साफ होती है और मासिक धर्म संबंधी विकार भी ठीक होते हैं।
इसी तरह 3 ग्राम अजवाइन के चूर्ण को गर्म दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे भी मासिक धर्म में लाभ होता है।
सर्दी-ज़ुकाम में लाभदायक
केवल अजवाइन का काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी-ज़ुकाम में लाभ होता है।
2-3 ग्राम अजवाइन के चूर्ण को गुनगुने पानी या दूध के साथ पिएं। इसे दिन में दो-तीन बार सेवन करना है। इससे जुकाम, खांसी तथा सिर दर्द में लाभ होता है।
इसके अलावा आप 1 ग्राम अजवाइन, 1 ग्राम सौंठ तथा 2 नग लौंग को 200 मिली पानी में पकाएं। जब पानी एक चौथाई बच जाए तो पानी को छानकर पिएं। इससे ज़ुकाम व सर्दी में लाभ होता है।
पेट में कीड़े होने पर
अजवाइन के 3 ग्राम महीन चूर्ण को दिन में दो बार छाछ के साथ सेवन करें। इससे आंत के हानिकारक कीड़े खत्म हो जाते हैं।
अजवाइन के 2ग्राम चूर्ण को काला नमक के साथ सुबह-सुबह सेवन करें। इससे अपच, गठिया, पेट के कीड़ों के कारण होने वाली पेट की बीमारियां जैसे- पेट फूलना, पेट दर्द, पाचन तंत्र की कमज़ोरी, एसिडिटी आदि ठीक होती हैं।
बच्चे बिस्तर पर पेशाब करते उसमें लाभ
जो बच्चे बिस्तर गीला कर देते हैं उन्हें रात में 500मिग्रा अजवाइन खिलाएं। इससे फायदा हो सकता है।
कान दर्द में राहत
अगर कोई कान के दर्द से परेशान रहता है तो उसे 10 ग्राम अजवाइन को 50 मिली तिल के तेल में पका लेना है। इसे छानकर रख लेना है। इस तेल को गुनगुना कर, 2-2 बूंद कान में डालें। इससे कान का दर्द ठीक होता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह ज़रूर लें।
पित्त उछलने में लाभ
50 ग्राम अजवाइन को 50 ग्राम गुड़ के साथ अच्छी प्रकार कूट लें। इसकी 1-1 ग्राम की गोली बना लें। 1-1 गोली सुबह-शाम ताजे पानी के साथ लें। इससे एक सप्ताह में ही शरीर पर फैली हुई पित्त दूर हो जाएगी।
पेशाब संबंधी परेशानियों में लाभ
अगर किसी को पेशाब संबंधी समस्या रहती है तो उसे 2 से 4 ग्राम अजवाइन को गर्म पानी के साथ लेना चाहिए। इससे पेशाब संबंधी परेशानी ठीक होती है।
चोट लगने पर करें इस्तेमाल
किसी भी प्रकार की चोट लगी हो तो कपड़े की दो तह बना लें। इसकी पोटली बना लें और 50 ग्राम अजवाइन को इसमें रखकर गर्म कर लें। इसे चोट लगने वाले स्थान पर(1 घंटे तक) रखें। इससे आराम मिलता है। चोट को ठीक करने के लिए अजवाइन की सेकाई एक रामबाण औषधि है।
बवासीर में फायदेमंद अजवाइन
बवासीर में लाभ होने के लिए अजवाइन में सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें। इससे पेट का फूलना तथा बवासीर में लाभ होता है।
अजवाइन के नुकसान
हमेशा ताज़ी अजवाइन को ही उपयोग में लाना चाहिए, क्योंकि पुरानी हो जाने पर इसका तैलीय अंश खत्म हो जाता। तैलीय अंश के खत्म होने से इसका पूरा फायदा नहीं मिलता।
अजवाइन का अधिक सेवन करने से सिर दर्द की शिकायत हो सकती है।