कर्मभोग पर विजय प्राप्त करने के लिए पहले कमज़ोरियों को समाप्त करें…

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कर्मभोग के ऊपर विजय प्राप्त करने के लिए इतना योगबल अपने अन्दर जमा करना है। और जितना योगबल अन्दर में जमा होगा तो आप खुद महसूस करेंगे कि कैसे आप उस कर्मभोग के ऊपर भी विजय पायेंगे।

जैसा कि आपने पिछले अंक में पढ़ा कि बाबा ने एक मुरली में कहा कि क्रोध एक कमज़ोरी है लेकिन सोचो कि ये क्रोध रूपी कमज़ोरी मेरे जीवन में क्यों आई? कौन-सी शक्ति का अभाव है? तो बाबा ने बताया उसमें कि शांति की शक्ति का अभाव, सहनशक्ति का अभाव और तीसरी है अधीरता। कई होते हैं जल्दी करो, जल्दी करो, और अगर कोई नहीं करता है तो गुस्सा आता है। धीरज नहीं है तो धैर्यता की कमी। अब आइडेंटिफाय किया कि क्रोध रूपी कमज़ोरी जो है वो इन तीन शक्तियों के अभाव के कारण है। अब क्या करूं?
अब मुझे लिस्ट बनाना है तो कम से कम कितनी कमज़ोरियां होंगी हरेक के जीवन में आठ-दस? दस ले लेेते हैं चलो। अब मान लो कि दस कमजोरियां हैं और उसके लिए, हर कमज़ोरी के लिए दो या तीन शक्तियों का अभाव है। तीन-तीन शक्तियां भी गिनती कर लो हरेक के लिए तो तीस शक्तियां हो गईं। उसमें कुछेक तो रिपीट होंगी। अच्छा जो रिपीट हो रही है इसका मतलब वो प्रायोरिटी है जिसपर मुझे वर्कआउट करना है।
आज दुनिया में लोग कितने बॉडी कॉन्शियस हैं। बॉडी के लिए कितना करते हैं। हम अपनी कमज़ोरी के लिए वर्कआउट कितना कर रहे हैं? कुछ भी नहीं कर रहे हैं। इसलिए जो शक्तियों की लिस्ट निकाली कि ये-ये शक्तियों का अभाव है। उसमें मान लो कई जगह शांति की शक्ति रिपीट हुई आपकी तो अमृतवेले एक सप्ताह तक विशेष उस शक्ति का बाबा से आह्वान करो। अपने अन्दर भरो और भरते जाओ। हफ्ते के बाद अपना रिज़ल्ट देखो कि कितना भरा है या अभी भी वही हाल है। अच्छा दो सप्ताह कर लो उस शक्ति का आह्वान। फिर सहनशक्ति का दो सप्ताह आह्वान कर लो। फिर धैर्यता की शक्ति पर दो सप्ताह आह्वान कर लो। छह सप्ताह जिस शक्ति पर वर्क आउट करेंगे तो कमज़ोरी रहेगी या खत्म होगी? खत्म होगी।
जैसे बाबा मुरली में पूछते हैं डेट फिक्स करो, कब तक? हर चीज़ के लिए डेट फाइनल करते हैं। तो अगर हम इस तरह से अपना वर्कआउट शुरू करें तो होगा या नहीं होगा? तो इसीलिए ये विशेष प्लैन, समय के इशारे को समझते हुए अपनी कमज़ोरियों को भरते जाना है। और भरके फिर जैसे-जैसे हम अभ्यास करते जायेंगे अशरीरी होने का एक सेकण्ड में तो अन्तिम घड़ी आयेगी, अब कोई कमज़ोरी रही ही नहीं मेरा पेपर लेने के लिए। तो सहज ही अशरीरी बनना आसान होगा या नहीं होगा? तो नम्बरवन कौन लेगा? सिरियसली अपने आपको देखो क्योंकि बाबा की आश है कि मेरा हर बच्चा सम्पन्न हो जाये।
दूसरी बात समय के इशारे को देखते हुए जो चारों तरफ जिस तरह समय चलता जा रहा है, उस हिसाब को देखते हुए जैसे ब्रह्मा बाबा के अन्तिम समय के लिए जब बाबा से पूछा गया कि आपकी अन्तिम अवस्था क्या थी? तो बाबा ने उस समय बताया कि कर्मभोग और कर्मयोग की लड़ाई थी। तो कुछ पास्ट के कर्म हैं जिस कारण से कर्मभोग आ सकता है। चाहे छोटा-सा भी आये। जिस तरह ब्रह्मा बाबा के सामने खांसी का भी आया। तो कोई भी छोटा-मोटा कर्मभोग आ सकता है। और वही कारण बनेगा शरीर से अलग होने का। तो इसीलिए अपने अन्दर योगबल को इतना बढ़ायें कि उस योगबल से उस कर्मभोग के बल को समाप्त कर सकें। ताकि अन्तिम समय वो जो है कर्मभोग हमें दर्द पहुंचाना चाह रहा है लेकिन हमारा योगबल, बाबा के साथ की जो लगन है, वो जो प्रीत है वो इतनी अधिक हो कि अन्तिम समय वो भी मेरे लिए विघ्न न बने। मेरी रूकावट का कारण न बने। ये तैयारी भी मुझे अपनी करनी है।
तो पहली, कमज़ोरी के ऊपर विजय प्राप्त करने के लिए, दूसरी, कर्मभोग के ऊपर विजय प्राप्त करने के लिए इतना योगबल अपने अन्दर जमा करना है। और जितना योगबल अन्दर में जमा होगा तो आप खुद महसूस करेंगे कि कैसे आप उस कर्मभोग के ऊपर भी विजय पायेंगे। जो ब्रह्मा बाबा का अनुभव है वो हम सबका अनुभव हो जायेगा। ये तैयारी मुझे करनी है।

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